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Rewa News: रीवा के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल (Sanjay Gandhi Memorial Hospital) में इलाज के दौरान एक बार फिर लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। शुक्रवार (12 दिसंबर) देर रात चाय से झुलसे 11 माह के मासूम लक्ष्य यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई। बच्चे की मौत की खबर मिलते ही अस्पताल परिसर में परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और जमकर हंगामा हुआ। परिजनों ने डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
35 फीसदी झुलसा था मासूम
परिजनों के मुताबिक, अतरैला थाना क्षेत्र निवासी 11 महीने का लक्ष्य यादव चाय गिरने से करीब 35 प्रतिशत तक झुलस गया था। उसे इलाज के लिए संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत गंभीर होने के बावजूद इलाज में लापरवाही बरते जाने का आरोप लगाया गया है। शुक्रवार देर रात इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया।
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इलाज के दौरान फाइल में गड़बड़ी का आरोप
मृतक बच्चे के पिता लवकुश यादव ने बताया कि अस्पताल में एडमिशन के वक्त ही लापरवाही शुरू हो गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इलाज की फाइल में बच्चे का नाम गलत दर्ज किया गया। इसके अलावा डॉक्टरों ने परिजनों से ब्लड लाने को कहा, लेकिन यह तक स्पष्ट नहीं किया कि बच्चे का ब्लड ग्रुप क्या है। परिजन बार-बार पूछते रहे, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
परिजनों का आरोप, अंधेरे में रखा गया
परिजन पीयूषमणि यादव के मुताबिक, इलाज के हर स्तर पर लापरवाही हुई। डॉक्टरों ने सही जानकारी नहीं दी और परिजनों को अंधेरे में रखा गया। उन्होंने साफ कहा कि जब तक जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक वे शव नहीं लेंगे। इसी मांग को लेकर अस्पताल में देर रात तक हंगामा चलता रहा।
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सीएमओ ने कहा- विशेषज्ञ टीम करेगी पोस्टमॉर्टम
हंगामे के बाद अस्पताल प्रबंधन दबाव में नजर आया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. यत्नेश त्रिपाठी के मुताबिक, परिजनों की मांग को स्वीकार कर लिया गया है। अब बच्चे का पोस्टमॉर्टम विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम और एफएसएल (FSL) टीम की मौजूदगी में कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो कार्रवाई होगी।
पहले से विवादों में घिरा है अस्पताल
विंध्य क्षेत्र का सबसे बड़ा संजय गांधी अस्पताल पिछले एक सप्ताह से लगातार विवादों में बना हुआ है। अलग-अलग मामलों में इलाज में लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं। इसके बावजूद अब तक ठोस कार्रवाई के बजाय केवल जांच के आश्वासन ही दिए गए हैं।
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मध्यप्रदेश (MP News) में बीजेपी की सरकार को दो साल (Mohan Sarkar Ke Do Saal) पूरे हो गए। इन 1 हजार दिनों में सीएम मोहन यादव ने कई बड़े फैसले लिए। 13 दिसंबर 2023 को मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार में कई अहम फैसले लिए गए। इनमें मुख्य रूप से रीजनल ग्रोथ कन्क्लेव रहा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की परम्परा से हटकर निवेश कराए। लाउडस्पीकर, डीजे और खुले में मांस बिक्री पर शुरुआत में कड़ा असर दिखा, लेकिन फिर सख्त कम हो गई। गंभीर मरीजों के लिए हेलिकाप्टर सेवा से बड़ी राहत मिली। इस तरह मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने दो साल का कार्यकाल पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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