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CM Mohan Yadav Sarkar Ke Do Saal: मध्यप्रदेश (MP News) में बीजेपी की सरकार को दो साल (Mohan Sarkar Ke Do Saal) पूरे हो गए। इन 1 हजार दिनों में सीएम मोहन यादव ने कई बड़े फैसले लिए।
13 दिसंबर 2023 को मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार में कई अहम फैसले लिए गए। इनमें मुख्य रूप से रीजनल ग्रोथ कन्क्लेव रहा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की परम्परा से हटकर निवेश कराए। लाउडस्पीकर, डीजे और खुले में मांस बिक्री पर शुरुआत में कड़ा असर दिखा, लेकिन फिर सख्त कम हो गई। गंभीर मरीजों के लिए हेलिकाप्टर सेवा से बड़ी राहत मिली। इस तरह मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने दो साल का कार्यकाल पूरा किया। दिसंबर 2025 तक लिए बड़े फैसले और उनपर हुए असर पर पढ़िएं पूरी रिपोर्ट। (hindi news)
1. लाउडस्पीकर-डीजे पर सख्ती
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फैसला: धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों पर ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन कराया। ध्वनि स्तर (डेसिबल सीमा) और समय सीमा के उल्लंघन पर भारी जुर्माना और सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया।
असर:
सामाजिक शांति: राज्य भर में ध्वनि प्रदूषण में कमी आई, जिससे नागरिकों को शांतिपूर्ण वातावरण मिला, हालांकि यह सख्ती ज्यादा दिन नहीं चली, कुछ समय बाद यह सख्ती कम हो गई।
2. तेन्दूपत्ता संग्राहकों का पारिश्रमिक
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फैसला: तेन्दूपत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक ₹3,000 प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर ₹4,000 प्रति मानक बोरा कर दिया गया।
असर:
आर्थिक संबल: मुख्य रूप से आदिवासी और वनवासी समुदायों के लगभग 35 लाख संग्राहकों को ₹162 करोड़ से अधिक का सीधा आर्थिक लाभ मिला, जिससे उनकी आजीविका में प्रत्यक्ष सुधार हुआ।
3. PM श्री पर्यटन वायु सेवा का विस्तार
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फैसला: राज्य के प्रमुख पर्यटन और व्यापारिक केंद्रों (भोपाल, इंदौर, उज्जैन, खजुराहो, जबलपुर, ग्वालियर) के बीच किफायती हवाई संपर्क प्रदान करने वाली इस सेवा को छोटे क्षेत्रीय केंद्रों तक विस्तारित किया गया।
असर:
पर्यटन और व्यापार: आंतरिक हवाई कनेक्टिविटी तेज और सस्ती हुई, जिससे पर्यटन क्षेत्र को जबरदस्त बढ़ावा मिला और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आई।
4. PM श्री एयर एंबुलेंस सेवा
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फैसला: 17 जुलाई 2025 को मध्य प्रदेश में इसकी शुरुआत हुई। यह सेवा हेलिकॉप्टर और एक दूसरी विमान (फ्लाइट-एम्बुलेंस) के साथ राज्य भर में आपात-स्थिति में मरीजों को एयरलिफ्ट करने के लिए तैयार की गई।
असर: एमपी के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के लोगों को जीवन-रक्षक यात्रा के लिए नया विकल्प मिला है। आयुष्मान भारत कार्डधारी मरीजों के लिए यह एयर एम्बुलेंस सेवा मुफ्त है।
5. भोपाल-इंदौर BRTS कॉरिडोर हटाना
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फैसला: भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में यातायात जाम की समस्या को कम करने के लिए पहले से निर्मित बीआरटीएस कॉरिडोर के प्रमुख हिस्सों को सामान्य यातायात के लिए खोल दिया गया।
असर:
यातायात सुगमता: मुख्य सड़कों पर यातायात का प्रवाह सुधरने से जाम की समस्या में बड़ी कमी आई, जिससे आम नागरिकों को राहत मिली।
6. रीजनल ग्रोथ कन्क्लेव से निवेश
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फैसला: प्रदेश की अर्थव्यवस्था बढ़ाने रीजनल ग्रोथ कन्क्लेव की शुरुआत की। इंदौर की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की परम्परा से हटकर भोपाल में समिट कराई। 18 नई प्रोत्साहन-आधारित औद्योगिक नीतियां लागू की। अर्थव्यवस्था 550 बिलियन तक ले जाने के लक्ष्य है।
असर:
रोजगार सृजन: टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, और फार्मा जैसे क्षेत्रों में भारी निवेश आकर्षित हुआ, जिससे 2025 के अंत तक लाखों नए रोजगार के अवसर पैदा हुए और आर्थिक विकास दर मजबूत हुई।
7. सरकारी विभागों में नौकरियां
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फैसला: राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड (पहले व्यापमं) की प्रक्रियाओं में सुधार करते हुए, विभिन्न विभागों में लंबित लाखों रिक्त पदों को मिशन मोड पर भरने की प्रक्रिया दिसंबर 2025 तक पूरी की गई।
असर:
युवाओं को लाभ: राज्य के युवाओं को समय-सीमा के अंदर और पारदर्शी तरीके से सरकारी रोजगार मिला। हालांकि, सरकारी विभागों में अभी भी कई पद रिक्त है, जिससे अभी भी अव्यवस्था है।
8. सांची दुग्ध उत्पादन-गौ संवर्धन
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फैसला: 13 अप्रैल 2025 को भोपाल में ‘गोपाल सम्मेलन’ में मध्यप्रदेश के सांची दुग्ध संघ, राज्य सहकारी दुग्ध संघ (MPCDF) और National Dairy Development Board (NDDB) के बीच सहयोग समझौता हुआ।
असर:
गौ पालन-दूध उत्पादन: मध्यप्रदेश दूध उत्पादन में वृद्धि कर रहा है और अब भी देश के बड़े दुग्ध उत्पादक राज्यों में शामिल है। नई आंकड़ों के अनुसार दूध उत्पादन में लगभग 5.89% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
9. खुले में मांस-मछली की बिक्री पर रोक
फैसला: खाद्य सुरक्षा और सार्वजनिक स्वच्छता बनाए रखने के लिए शहरी क्षेत्रों में खुले तथा सड़क किनारे मांस, मछली एवं अंडे की बिक्री पर रोक लगाई गई। बिक्री को केवल व्यवस्थित और लाइसेंस प्राप्त दुकानों तक सीमित किया गया।
असर:
स्वच्छता और स्वास्थ्य: शुरुआत में शहरों में गंदगी और अस्वच्छता कम हुई, लेकिन फिर सख्ती में कमी आई और अधिकांश शहरों में दोबारा गंदगी फैलने लगी है।
10. साइबर तहसील प्रणाली का पूर्ण विस्तार
फैसला: भूमि रिकॉर्ड, नामांतरण (म्यूटेशन), और रिकॉर्ड सुधार की फेसलेस और पेपरलेस 'साइबर तहसील' प्रणाली को राज्य के सभी 55 जिलों में लागू किया गया।
असर:
पारदर्शिता: राजस्व संबंधी कार्य शुरुआत में निर्धारित समय-सीमा (14 दिनों) में पूरे होने लगे, हालांकि फिर स्थिति पहले की तरह हो गई। तहसील कार्यालयों में अभी भी भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ है।
11. प्रशासनिक संवेदनशीलता-जवाबदेही
फैसला: शाजापुर कलेक्टर सहित कई लापरवाह, भ्रष्ट या अभद्र व्यवहार वाले अधिकारियों को जनता की शिकायतों पर तत्काल प्रभाव से हटाया गया और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।
असर:
प्रशासनिक सुधार: इससे अन्य अधिकारियों में जवाबदेही और संवेदनशीलता का संदेश गया, जिससे सरकारी मशीनरी की कार्यशैली और जनता के प्रति व्यवहार में सुधार आया।
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