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MP Vidhan Sabha: मध्य प्रदेश विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया ज रहा है, यह सत्र 17 दिसंबर का आयोजित होगा। इसमें मध्यप्रदेश को विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने पर चर्चा होगी।
इस दिन सत्र बुलाने की वजह मप्र के इतिहास की पहली विधानसभा बैठक से जुड़ी है। मध्यप्रदेश के गठन के बाद 17 दिसंबर 1956 में एमपी विधानसभा की पहली बैठक हुई थी।
मप्र विजन पर होगी चर्चा
बताया जा रहा है कि 17 दिसंबर को होने वाले सत्र में राज्य की नीतिगत दिशा को एक बार फिर से परिभाषित करने का मौका होगा। जिसमें 'आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश' का विजन पर चर्चा होगी, इसके अलावा विधायक-सरकार के बीच प्रत्यक्ष संवाद, जिसमें विकास, निवेश, रोजगार जैसे अहम मुद्दों पर सार्थक बहस होगी।
17 दिन में दूसरा विधानसभा सत्र
शायद पहली बार 17 दिन में दोबारा से सत्र बुलाया जा रहा है। दिसंबर के पहले हफ्ते में ही 1-5 दिसंबर तक मप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र 2025 आयोजित किया गया था। पांच दिन के सत्र में 23 घंटे सदन की कार्यवाही चली थी। इसमें सिंगरौली में 6 लाख पेड़ों की अवैध कटाई, छिंदवाड़ा कफ सिरप, VIT, रतलाम में छात्र के सुसाइड का प्रयास और किसानों से जुड़े मुद्दे छाए रहे। जिनमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में जमकर बहस और हंगामा भी हुआ। इसी बीच सदन में 13 हजार 476 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पारित हुआ।
13476.94 करोड़ का अनुपूरक बजट पास
मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में दूसरा अनुपूरक बजट पास हुआ। सीएम मोहन यादव ने कहा कि दूसरे अनुपूरक में 13476.94 करोड़ का प्रावधान किया गया है जिसमें अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित होगी।
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