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Old Vehicle Sale Rules: प्रदेश में पुराने वाहनों की खरीद और बिक्री से जुड़े कारोबार में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना के तहत अब यह प्रक्रिया पूरी तरह नियंत्रित और पारदर्शी की जा रही है। केंद्रीय मोटरयान नियम, 1989 में नए प्रावधान जोड़ते हुए पुराने वाहनों के लेन-देन को केवल ऑथराइज्ड डीलरों तक सीमित कर दिया गया है। नए नियमों के अनुसार 1 जनवरी 2026 से बिना पंजीकरण या अनुमति पुराने वाहन बेचने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय मोटरयान नियमों में किए गए अहम बदलाव
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने वर्ष 2022 में जारी अधिसूचना के जरिए केंद्रीय मोटरयान नियम, 1989 में नियम 55A से 55H को शामिल किया है। इन नियमों के प्रभावी होने के बाद पुराने वाहनों के कारोबार में पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। परिवहन विभाग का कहना है कि इन बदलावों से फर्जी दस्तावेजों और अवैध बिक्री पर रोक लगेगी।
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पुराना वाहन बेचने के लिए ऑथराइज्ड डीलर अनिवार्य
नए प्रावधानों के तहत कोई भी वाहन स्वामी अब अपना पुराना वाहन सीधे किसी व्यक्ति को नहीं बेच सकेगा। वाहन बिक्री केवल उस डीलर के माध्यम से ही होगी, जिसे परिवहन विभाग से ऑथराइजेशन प्राप्त हो। वाहन स्वामी को बिक्री से पहले केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित फॉर्म 29C के जरिए संबंधित आरटीओ को पूर्व सूचना देना अनिवार्य होगा।
डीम्ड ओनर की जिम्मेदारी डीलर पर होगी
फॉर्म 29C के माध्यम से सूचना देने के बाद संबंधित ऑथराइज्ड डीलर को उस वाहन का डीम्ड ओनर माना जाएगा। इस अवधि में वाहन की सुरक्षा, दस्तावेजों का संधारण और किसी भी प्रकार की दुर्घटना या घटना की जिम्मेदारी पूरी तरह डीलर की होगी। वाहन स्वामी इस दौरान वाहन से जुड़े दायित्वों से मुक्त रहेगा।
नियमों के अनुसार ऑथराइज्ड डीलर को पंजीयन प्रमाण पत्र, फिटनेस प्रमाण पत्र, प्रदूषण प्रमाण पत्र, एनओसी (NOC) और स्वामित्व परिवर्तन से जुड़े सभी आवेदन करने का अधिकार होगा। डीलर वाहन को केवल तय उद्देश्यों के लिए ही सड़क पर चला सकेगा। इसमें संभावित खरीदार को वाहन दिखाने के लिए सीमित ट्रायल (trial), मरम्मत या सर्विस सेंटर तक वाहन ले जाना, और रजिस्ट्रेशन या फिटनेस से जुड़े कार्य शामिल हैं।
25 हजार रुपए का ऑथराइजेशन फीस
परिवहन विभाग के अनुसार, पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री के लिए डीलरों को 25 हजार रुपए का ऑथराइजेशन फीस देना होगा। वाहन स्वामी को अपने वाहन की बिक्री के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। नियमों के पालन की स्थिति में वाहन के दुरुपयोग या दस्तावेजों से जुड़ी किसी भी जिम्मेदारी से वाहन स्वामी पूरी तरह मुक्त रहेगा।
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18 प्रतिशत देना होगा जीएसटी
ऑथराइज्ड डीलर को अपने पास मौजूद सभी वाहनों का पूरा रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा। साथ ही वाहन बिक्री से होने वाले लाभ पर 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होगा। इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए परिवहन विभाग ने ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा भी उपलब्ध कराई है, जिसके जरिए डीलर ऑथराइजेशन के लिए आवेदन कर सकेंगे और वाहन स्वामी फॉर्म 29सी के माध्यम से आरटीओ को सूचना दे सकेंगे।
1 जनवरी 2026 से सख्त कार्रवाई के निर्देश
परिवहन विभाग ने साफ किया है कि पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री से जुड़े सभी डीलरों को तय समय-सीमा में ऑथराइजेशन लेना होगा। 1 जनवरी 2026 के बाद यदि कोई डीलर बिना पंजीकरण या ऑथराइजेशन के वाहन का क्रय-विक्रय करता पाया गया, तो संबंधित व्यक्ति और संस्थान के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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