Advertisment

मंत्रालय कर्मचारी संघ की मांग: डाइंग काडर घोषित करने से पहले कर्मचारियों को नियमित करे सरकार, आउटसोर्स नीति पर उठाए सवाल

मध्यप्रदेश सरकार से मंत्रालय कर्मचारी संघ ने मांग की है कि डाइंग कैडर घोषित करने से पहले कर्मचारियों को सरकार नियमित करें। आउटसोर्स नीति पर उठाए सवाल।

author-image
Rahul Garhwal
MP Employees News Union demands regularize Dying Cadre employees hindi news

MP Employees News: मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ ने वित्त विभाग के 22 दिसंबर 2025 के परिपत्र पर आपत्ति जताते हुए डाइंग कैडर घोषित किए गए संवर्गों के नियमितीकरण की मांग की है। संघ ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए सांख्येतर पदों की व्यवस्था और आउटसोर्स पदों के बदले नियमित पद समाप्त करने के प्रावधान को हटाने का आग्रह किया है।

Advertisment

सरकार के फैसलों पर गंभीर सवाल

मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार के हालिया फैसलों और वित्त विभाग द्वारा जारी परिपत्र पर गंभीर सवाल उठाए हैं। संघ ने मांग की है कि डाइंग कैडर घोषित किए गए संवर्गों (कार्यभारित और स्थायीकर्मी) में वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को पहले नियमित किया जाए, भले ही बाद में उस संवर्ग को डाइंग कैडर घोषित कर दिया जाए। संघ के अध्यक्ष इंजीनियर सुधीर नायक ने इस संबंध में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की है।

16 दिसंबर 2025 को हुआ था फैसला

मंत्री परिषद की 16 दिसंबर 2025 की बैठक में लिए गए फैसले के पालन में वित्त विभाग ने 22 दिसंबर 2025 को एक परिपत्र जारी किया था। इस परिपत्र के तहत कार्यभारित, आकस्मिकता निधि कर्मचारियों और स्थायीकर्मियों के संवर्ग को ‘डाइंग कैडर’ घोषित किया गया है।

अनुकंपा नियुक्ति में व्यावहारिक समस्याएं

कर्मचारी संघ का कहना है कि यदि सरकार वर्तमान में कार्यरत इन कर्मचारियों को नियमित कर देती, तो यह एक बड़ा कर्मचारी हितैषी कदम होता। परिपत्र में प्रावधान है कि कार्यभारित, आकस्मिकता निधि कर्मचारी और स्थायीकर्मी की मृत्यु होने पर उनके उत्तराधिकारी को नियमित पद के विरुद्ध अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। संघ के मुताबिक, यह प्रावधान सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन व्यावहारिक रूप से इसका लाभ मिलना मुश्किल है।

Advertisment

इंजी सुधीर नायक ने ये कहा

इंजी सुधीर नायक ने बताया कि पिछले एक दशक से पदोन्नतियां बंद होने के कारण निचले स्तर के पद खाली नहीं हो पा रहे हैं। स्थिति यह है कि मृत नियमित कर्मचारियों के आश्रितों को ही अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पा रही है। ऐसे में संघ ने सुझाव दिया है कि सरकार को सांख्येतर पदों पर अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान करना चाहिए, जो वर्तमान समस्या का एकमात्र हल नजर आता है।

ये खबर भी पढ़ें:मध्यप्रदेश में SIR: पहले फेज में 5 करोड़ 31 लाख 31 हजार 983 वोटर्स, 8 लाख 65 हजार 832 का नहीं मिला रिकॉर्ड, जानें लिस्ट में कैसे चेक करें अपना नाम

आउटसोर्स और नियमित पदों पर चिंता

कर्मचारी संघ ने परिपत्र की कंडिका 2.7 पर भी आपत्ति जताई है। इसमें मार्च 2027 के बाद भी आउटसोर्स का पद जारी रखने पर उसके विरुद्ध नियमित पद खत्म करने का प्रावधान है। कर्मचारी संघ को आशंका है कि इसका दुरुपयोग हो सकता है और नियमित पदों को समाप्त कर उनके बदले आउटसोर्स भर्ती का नया ट्रेंड शुरू हो सकता है। संघ ने इस प्रावधान को समाप्त करने की मांग की है।

Advertisment

अतिथि विद्वान और अन्य कर्मियों की सुरक्षा

वित्त विभाग के परिपत्र की कंडिका 2.10 में अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वान, आशा-ऊषा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रोजगार सहायक और होमगार्ड आदि का उल्लेख तो है, लेकिन उनके भविष्य को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। संघ का कहना है कि इन कर्मचारियों की लंबी सेवा को देखते हुए उन्हें नियमित किया जाना चाहिए था, या कम से कम उनकी नौकरी की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित की जानी चाहिए थी। परिपत्र इस विषय पर मौन है, जिससे इन वर्गों में असुरक्षा की भावना है।

MP Employees News MP Ministry Employees Union demands Madhya Pradesh Outsourced
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें