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Bhopal Ayodhya Bypass Project: राजधानी भोपाल में सड़क विकास परियोजनाओं के बीच पर्यावरण को लेकर एक अहम आदेश सामने आया है। आसाराम तिराहा करोंद रोड से रत्नागिरी तिराहा अयोध्या बायपास तक प्रस्तावित फोरलेन सड़क के चौड़ीकरण के लिए हो रही पेड़ों की कटाई पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal- NGT) ने रोक लगा दी है। एनएचएआई (NHAI) द्वारा शुरू की गई पेड़ कटाई को फिलहाल अगली सुनवाई तक रोक दिया गया है। हालांकि, एनजीटी ने यह भी साफ किया है कि पेड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना सड़क निर्माण से जुड़ा अन्य काम जारी रखा जा सकता है।
16 किलोमीटर सड़क और 8 हजार पेड़
भोपाल में प्रस्तावित यह सड़क परियोजना करीब 16 किलोमीटर लंबी है, जिसे फोरलेन से चौड़ा किया जाना है। इस परियोजना के तहत 8 हजार से 12 हजार पेड़ों की कटाई का प्रस्ताव सामने आया था। मंगलवार (23 दिसंबर) से इन पेड़ों को काटने का काम शुरू भी कर दिया गया था, लेकिन इसके अगले ही दिन एनजीटी के हस्तक्षेप के बाद इस पर रोक लगा दी गई।
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याचिका में उठाए गए गंभीर सवाल
इस मामले में एनजीटी में याचिका दायर करने वाले नितिन सक्सेना का कहना है कि सड़क निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई तय मानकों के अनुसार नहीं की जा रही थी। उन्होंने बताया कि भोपाल में पहले ही बीआरटीएस (BRTS), स्मार्ट सिटी (Smart City), कोलार सिक्सलेन और मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट्स के चलते लाखों पेड़ काटे जा चुके हैं। हर बार पौधरोपण की बात कही गई, लेकिन जमीन पर उसका असर नजर नहीं आया।
याचिकाकर्ता के वकील हरप्रीत सिंह गुप्ता ने एनजीटी को बताया कि पहले दिए गए आदेशों के बावजूद अब तक कोई केंद्रीय रूप से सशक्त समिति गठित नहीं की गई, जो यह तय कर सके कि कम से कम पेड़ काटकर परियोजना को कैसे पूरा किया जाए। इसके अलावा कटे हुए पेड़ों की क्षतिपूर्ति और रोपित पौधों को पांच साल तक जीवित रखने की व्यवस्था पर भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
8 जनवरी 2026 तक रोक का आदेश
इस मामले की सुनवाई एनजीटी में जस्टिस पुष्पा सत्यानारायणा और एक्सपर्ट मेंबर सुधीर कुमार चतुर्वेदी की पीठ के समक्ष हुई। पीठ ने कहा कि जब तक केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति की बैठक के मिनट्स प्रस्तुत नहीं किए जाते, तब तक परियोजना स्थल पर पेड़ों की कटाई पर पूरी तरह रोक रहेगी। एनजीटी ने अगली सुनवाई की तारीख 8 जनवरी 2026 तय की है।
एनजीटी ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पेड़ों को काटे या नुकसान पहुंचाए बिना सड़क निर्माण से जुड़ा अन्य कार्य जारी रख सकता है। आदेश में कहा गया है कि अगली सुनवाई तक किसी भी हाल में पेड़ों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाए।
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