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नीलबड़-भौंरी पीएम आवास प्रोजेक्ट को राहत: कैचमेंट विवाद खत्म होने से 300 करोड़ की बिक्री का रास्ता साफ, बिक्री के लिए विज्ञापन जल्द

नीलबड़ और भौंरी के पीएम आवास प्रोजेक्ट का कैचमेंट विवाद खत्म, लैंड यूज बदलने से 300 करोड़ की बिक्री का रास्ता साफ। अब इससे नगर निगम को करोड़ों की आमदनी होगी।

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Wasif Khan
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PM Awas Yojana Bhopal: राजधानी भोपाल के नीलबड़ और भौंरी इलाके में बने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के प्रोजेक्ट्स को लेकर लंबे समय से चली आ रही अड़चन अब दूर हो गई है। बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में होने के कारण जिन आवासों और दुकानों की बिक्री पर रोक लगी थी, उन्हें अब शासन से मंजूरी मिल गई है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (T&CP) एक्ट की धारा 27 के तहत भूमि का लैंड यूज बदल दिए जाने से करीब 300 करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्ट्स की बिक्री और आवंटन का रास्ता साफ हो गया है।

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कैचमेंट एरिया बताकर रोकी गई थी अनुमति

नगर निगम भोपाल ने नीलबड़ और भौंरी क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासों और दुकानों का निर्माण पहले ही पूरा कर लिया था। लेकिन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने इन इलाकों को बड़े तालाब का कैचमेंट एरिया मानते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसी वजह से न तो फ्लैट्स का आवंटन हो पा रहा था और न ही बिक्री की प्रक्रिया शुरू की जा सकी थी। करोड़ों रुपए की संपत्ति तैयार होने के बावजूद निगम को राजस्व नहीं मिल पा रहा था।

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एसीएस के निरीक्षण से बदली तस्वीर

11 अक्टूबर को नगरीय प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) संजय दुबे निरीक्षण पर भोपाल पहुंचे थे। इस दौरान नगर निगम अधिकारियों ने उन्हें नीलबड़ और भौंरी पीएम आवास प्रोजेक्ट से जुड़ी तकनीकी परेशानियों की जानकारी दी। एसीएस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित फाइलें तलब कीं। जांच के दौरान सामने आया कि यह जमीन मूल रूप से कृषि भूमि थी और नियमानुसार इसमें बदलाव की संभावना मौजूद थी।

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जांच के बाद शासन ने टीएंडसीपी एक्ट की धारा 27 और धारा 4.3 (झुग्गी बस्ती पुनर्विकास) के तहत विशेष अधिकारों का इस्तेमाल किया। इसके तहत नीलबड़ और भौंरी की जमीन को रहवासी और कमर्शियल घोषित कर दिया गया। लैंड यूज बदलते ही टीएंडसीपी से भी औपचारिक अनुमति मिल गई, जिससे प्रोजेक्ट को वैधानिक आधार मिल सका।

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रेरा पंजीयन की प्रक्रिया शुरू

टीएंडसीपी से मंजूरी मिलने के बाद नगर निगम ने अब रेरा (RERA) से पंजीयन के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रेरा से स्वीकृति मिलते ही निगम फ्लैट्स और दुकानों की बिक्री के लिए विज्ञापन जारी करेगा। निगम अधिकारियों का मानना है कि बिक्री शुरू होते ही नगर निगम के खाते में करोड़ों रुपए की आमदनी होगी।

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