Advertisment

MP में सड़क-इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का फोकस: PWD मंत्री राकेश सिंह बोले-MP में बनेंगे 6 बड़े एक्सप्रेस-वे, गांवों में बनेंगी 11 हजार KM से ज्यादा नई सड़कें

भोपाल में मोहन यादव सरकार के दो साल पूरे होने पर पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने सड़क, रोपवे, टाइगर कॉरिडोर, सॉफ्टवेयर निगरानी और 30 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट बताए।

author-image
Wasif Khan
pwd minister

MP Government Two Years Report Card: राज्य सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के मंत्री राकेश सिंह ने गुरुवार (18 दिसंबर) को बीते दो साल के कामकाज, नवाचारों और आने वाले वर्षों की कार्ययोजना को साझा किया। 'लोकनिर्माण से लोककल्याण' थीम पर हुई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि कैसे सड़क, भवन और इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) के क्षेत्र में बड़े स्तर पर काम हुआ है और किस तरह मध्यप्रदेश को देश का प्रमुख लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट हब बनाने की दिशा में तैयारी की जा रही है।

Advertisment

विकसित भारत 2047 के लक्ष्य से जुड़ा PWD का रोडमैप

लोक निर्माण विभाग ने जानकारी दी कि 13 दिसंबर 2023 को सरकार गठन के साथ ही विकसित मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार कर लिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 विजन के अनुरूप मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में PWD सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को तेजी से आगे बढ़ा रहा है। विभागीय योजनाओं की लगातार समीक्षा और मार्गदर्शन का असर अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है, जहां नई सड़कें, पुल और भवन विकास की गति को दर्शा रहे हैं।

प्रदेश में 4.2 लाख किमी से अधिक का रोड नेटवर्क

मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश का कुल रोड नेटवर्क इस समय लगभग 4.2 लाख किलोमीटर से अधिक का है। इसमें PWD के अंतर्गत 77,268 किलोमीटर सड़कें आती हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) की लंबाई 9,278 किलोमीटर है, जबकि राज्य राजमार्ग (State Highway) 10,465 किलोमीटर तक फैले हुए हैं। मुख्य जिला मार्ग (Major District Road) की लंबाई 22,517 किलोमीटर है और अन्य जिला व ग्रामीण मार्गों का विस्तार लगभग 35,000 किलोमीटर तक है। विभाग ने बताया कि प्रदेश में करीब 6,000 किलोमीटर फोरलेन और 13,000 किलोमीटर डबल लेन सड़कें भी विकसित की जा चुकी हैं।

rakesh singh
मंत्री राकेश सिंह (फाइल फोटो)

ये भी पढ़ें- MP हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: 35 साल की सेवा पूरी करने वाले रिटायर्ड शिक्षकों को मिलेगा चौथा समयमान वेतनमान

Advertisment

PWD के अनुसार वर्ष 2024-25 में ही 17,284 करोड़ रुपये की लागत से करीब 10,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया। इसी अवधि में 6,627 करोड़ रुपये की लागत से 739 भवन पूरे किए गए। इनमें शैक्षणिक संस्थान, स्वास्थ्य भवन और प्रशासनिक संरचनाएं शामिल हैं।

कई बड़े फ्लैगशिप प्रोजेक्ट हुए पूरे

विभाग ने बताया कि कई बड़े फ्लैगशिप प्रोजेक्ट्स (Flagship Projects) बीते दो वर्षों में पूरे किए गए या अंतिम चरण में हैं। जबलपुर का 7 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर 1,238 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। भोपाल में डॉ. भीमराव अंबेडकर फ्लाईओवर 153 करोड़ रुपये में पूरा हुआ। कोलार रोड को 6 लेन में विकसित करने पर 305 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसके अलावा ग्वालियर और रीवा में आधुनिक न्यायालय भवन 194 करोड़ रुपये की लागत से बने हैं। नीमच, मंदसौर और सिवनी में मेडिकल कॉलेजों के निर्माण पर 889 करोड़ रुपये खर्च किए गए। साथ ही 136 नए स्कूल भवन, 177 स्वास्थ्य केंद्र और सैकड़ों अन्य निर्माण कार्य भी पूरे हुए हैं।

ये भी पढ़ें- मध्यप्रदेश हाईकोर्ट सख्त: राज्य सरकार- जियो टैगिंग के बाद शिफ्ट कर रहे पेड़, कोर्ट- जंगल में लगाने का क्या मतलब ? सरकार से मांगा जवाब

Advertisment

मेगा प्रोजेक्ट्स से बदलेगी कनेक्टिविटी

प्रदेश में एलिवेटेड कॉरिडोर, पुल, रेलवे ओवरब्रिज (Railway Over Bridge) और एक्सप्रेस-वे (Expressway) पर बड़े पैमाने पर काम जारी है। ग्वालियर, भोपाल, इंदौर और नर्मदापुरम में एलिवेटेड कॉरिडोर विकसित किए जा रहे हैं। 111 नए रेलवे ओवरब्रिज निर्माणाधीन हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी। उज्जैन-जावरा और इंदौर-उज्जैन जैसे एक्सप्रेस-वे प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा देंगे। विभाग ने बताया कि NHAI के साथ एक लाख करोड़ रुपये का MOU किया गया है, जिससे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी।

ADB और NDB के सहयोग से सड़क विकास

PWD ने जानकारी दी कि एशियन डेवलपमेंट बैंक (Asian Development Bank) और न्यू डेवलपमेंट बैंक (New Development Bank) के सहयोग से 1,100 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। इन परियोजनाओं पर कुल 6,746 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन सड़कों से औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि मंडियों और ग्रामीण इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलने की उम्मीद है।

ये भी पढ़ें- MP पुलिस को मिली 57 मोबाइल फॉरेंसिक वैन: CM मोहन यादव ने कहा- विस्फोटक, DNA जांच के विशेष टूल, अपराधों का जल्द होगा खुलासा

Advertisment

लोक निर्माण विभाग ने तकनीक और पर्यावरण के अनुकूल नवाचारों को भी प्राथमिकता दी है। लोकपथ मोबाइल ऐप (Lokpath Mobile App) के जरिए चार दिन में सड़क मरम्मत की व्यवस्था लागू की गई है। लोक परियोजना प्रबंधन प्रणाली (Project Management System) के माध्यम से सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन की गई हैं। ड्रोन (Drone), GIS और वैज्ञानिक सर्वे के जरिए रोड प्लानिंग की जा रही है। ग्रीन कंस्ट्रक्शन (Green Construction), रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rain Water Harvesting) और बड़े पैमाने पर पौधरोपण पर भी जोर दिया गया है। गुणवत्ता नियंत्रण के लिए QR कोड, मोबाइल लैब और सख्त टेंडर नियम लागू किए गए हैं।

आने वाले तीन साल का विजन

PWD ने बताया कि अगले तीन वर्षों में मध्यप्रदेश में छह बड़े एक्सप्रेस-वे और विकास पथ तैयार किए जाएंगे, जिनकी कुल लंबाई 3,368 किलोमीटर होगी। 36,483 करोड़ रुपये की लागत से सड़क विकास के कार्य प्रस्तावित हैं। नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे और हाई-स्पीड कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे। टाइगर कॉरिडोर (Tiger Corridor) और वन्यजीव-अनुकूल सड़कों पर भी काम होगा। ग्रामीण इलाकों में 11,000 किलोमीटर से अधिक नई सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है।

भविष्य को ध्यान में रखते हुए मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि आने वाले समय में सभी सरकारी भवन ग्रीन बिल्डिंग (Green Building) मानकों पर बनाए जाएंगे। सड़कों के रखरखाव के लिए STMC और PBMC मॉडल लागू किए जा रहे हैं, जिससे निर्माण की गुणवत्ता और जवाबदेही दोनों को मजबूत किया जा सके।

Advertisment

इंजीनियरों के लिए बनेगा अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र

लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों को आधुनिक तकनीकों से लैस करने के लिए एक हाईटेक ट्रेनिंग कम रिसर्च सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र में इंजीनियरों को वैज्ञानिक और तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और दक्षता में सुधार हो सके। खास बात यह है कि इस प्रशिक्षण केंद्र में अन्य राज्यों के इंजीनियर भी प्रशिक्षण लेने आएंगे, जिससे अनुभव और तकनीक का आदान-प्रदान होगा।

सिंहस्थ 2028 के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी शुरू

उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए लोक निर्माण विभाग की ओर से बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। विभाग द्वारा 13,274 करोड़ रुपये की लागत से कुल 64 निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं, जिनमें सड़क, पुल और अन्य जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। इन कार्यों के अलावा अन्य विभागों की परियोजनाएं अलग-अलग स्तर पर संचालित की जा रही हैं। मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि इन सभी परियोजनाओं का उद्देश्य मध्यप्रदेश में तेज, सुरक्षित और विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी विकसित करना है, ताकि सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें और प्रदेश के आर्थिक विकास को भी नई गति मिल सके।

ये भी पढ़ें: सीएम मोहन यादव का बड़ा ऐलान: MP में लाड़ली बहनों को 3 नहीं, अब 5 हजार रुपये तक देगी सरकार

Advertisment

MP news mp government news mp government news today
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें