/bansal-news/media/media_files/2025/12/18/madhya-pradesh-high-court-2025-12-18-10-09-23.jpg)
Madhya Pradesh High Court: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के रिटायर्ड कर्मचारियों के हित में एक इम्पोर्टेन्ट और राहतकारी आदेश जारी किया है।
जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस एमएस भट्टी की सिंगल बेंच ने स्पष्ट किया है कि 35 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी चौथे समयमान वेतनमान के हकदार हैं। यह आदेश प्रदेश के उन हजारों रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए उम्मीद की किरण है, जो लंबी सेवा के बाद भी अपने एरियर और बढ़े हुए वेतनमान के लिए विभागों के चक्कर काट रहे हैं।
कोर्ट का आदेश और समय सीमा
60 दिन की डेडलाइन: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देशित किया है कि पात्र सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अगले 60 दिनों के भीतर चौथे समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया जाए।
किस आधार पर फैसला: यह फैसला राज्य सरकार के उस परिपत्र (Circular) पर आधारित है, जिसमें 1 जुलाई 2023 के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए यह प्रावधान किया गया था।
क्या था पूरा मामला ?
याचिकाकर्ता: मंडला जिले के निवासी रिटायर सहायक शिक्षक राकेश कुमार पाल और हीरालाल झारिया ने अपनी मांगों को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
अधिकारियों की अनदेखी: याचिकाकर्ताओं के वकीलों दिनेश कुमार मिश्रा और सुमित्रा तिवारी ने दलील दी कि राज्य सरकार के स्पष्ट नियमों के बावजूद संबंधित अधिकारियों ने आवेदनों पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।
सेवा अवधि: याचिकाकर्ताओं ने अपनी 35 वर्ष की अनिवार्य सेवा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण कर ली थी, जो चौथे समयमान वेतनमान की मुख्य शर्त है।
कोर्ट के फैसले के मुख्य बिंदु
क्या पात्रता ?: वे सभी सरकारी कर्मचारी जो 1 जुलाई, 2023 को या उसके बाद सेवानिवृत्त हुए हैं और जिनकी सेवा के 35 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, वे इस लाभ के पात्र होंगे।
नियम का पालन: कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जब शासन के स्पष्ट दिशा-निर्देश मौजूद हैं, तो कर्मचारियों को उनके हक से वंचित नहीं रखा जा सकता।
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/12/01/2025-12-01t081847077z-new-bansal-logo-2025-12-01-13-48-47.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें