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Sansad Khel Mahotsav Controversy: मध्यप्रदेश में आयोजित सांसद खेल महोत्सव (MP Sansad Khel Mahotsav) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। खरगोन में प्रमाण पत्र फाड़ने की घटना के ठीक 24 घंटे बाद अब जबलपुर में भी खिलाड़ी खुलकर सामने आ गए हैं। यहां विजेता खिलाड़ियों ने आरोप लगाया है कि प्रतियोगिता से पहले हजारों रुपये की इनामी राशि देने का वादा किया गया था, लेकिन पुरस्कार वितरण के समय उन्हें महज 300 से 1000 रुपये देकर रवाना कर दिया गया।
जबलपुर में विजेताओं का वीडियो वायरल
जबलपुर में आयोजित तीन दिवसीय सांसद खेल महोत्सव 23 से 25 दिसंबर तक चला था। इस आयोजन में प्रदेश के कई जिलों से खिलाड़ी हिस्सा लेने पहुंचे थे। आयोजन के समापन के दिन यानी 25 दिसंबर को ही विजेता खिलाड़ियों का एक वीडियो सामने आया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। वीडियो में खिलाड़ी खुद को ठगा हुआ बता रहे हैं और कह रहे हैं कि बेहतर प्रदर्शन के बावजूद उन्हें वादा की गई राशि नहीं दी गई।
खिलाड़ियों का आरोप- वादे और हकीकत में फर्क
वीडियो में दिखाई दे रहे खिलाड़ियों का कहना है कि प्रतियोगिता से पहले उन्हें बताया गया था कि विजेताओं को हजारों रुपये की इनामी राशि दी जाएगी। लेकिन पुरस्कार वितरण के समय 300, 500 और 1000 रुपये देकर औपचारिकता पूरी कर दी गई। खिलाड़ियों का कहना है कि इतनी कम राशि न सिर्फ अपमानजनक है, बल्कि इससे उनका मनोबल भी टूटता है। कई खिलाड़ियों ने इसे मेहनत का मजाक बताया।
सांसद का पक्ष- बड़ी राशि की घोषणा नहीं हुई
इस पूरे विवाद पर जबलपुर लोकसभा सांसद आशीष दुबे ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि खेल महोत्सव का मकसद सिर्फ खेलों का आयोजन और युवा प्रतिभाओं को मंच देना था। उनके अनुसार हजारों रुपये की इनामी राशि देने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी। खिलाड़ियों को जो राशि दी गई, वह केवल प्रोत्साहन राशि थी ताकि खेल भावना बनी रहे।
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खरगोन में पहले ही फूट चुका था गुस्सा
जबलपुर से पहले खरगोन में भी इसी तरह का विवाद सामने आ चुका है। वहां समापन समारोह के दौरान खिलाड़ी भड़क गए थे। आयोजन स्थल पर राज्यसभा सदस्य डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी, कलेक्टर भव्या मित्तल और पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा मौजूद थे। खिलाड़ियों का आरोप था कि आयोजन से पहले वेबसाइट और प्रचार सामग्री में 51 हजार और 21 हजार रुपये की नकद राशि देने की बात कही गई थी, लेकिन मंच से केवल मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
खरगोन में नकद पुरस्कार न मिलने से नाराज खिलाड़ियों ने मंच के सामने ही प्रमाण पत्र फाड़ दिए और मेडल हवा में उछाल दिए। खिलाड़ियों का कहना था कि अगर पहले ही स्पष्ट कर दिया जाता कि नकद राशि नहीं दी जाएगी, तो वे भ्रमित नहीं होते।
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