/bansal-news/media/media_files/2025/12/18/azam-khan-2025-12-18-13-19-10.jpg)
Azam Khan Inflammatory Speech Case: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां (Azam Khan court relief) को भड़काऊ भाषण से जुड़े एक अहम मामले में बड़ी कानूनी राहत मिली है। बृहस्पतिवार 18 दिसंबर को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया। यह मामला साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज किया गया था, जब आजम खां पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे। Azam Khan acquitted news
आप प्रवक्ता ने दर्ज कराया था मामला
यह मुकदमा आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता फैसल खान लाला द्वारा 2 अप्रैल 2019 को शहर कोतवाली में दर्ज कराया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 29 मार्च 2019 को आजम खां ने समाजवादी पार्टी के कार्यालय में एक भाषण दिया था, जिसकी वीडियो भी सार्वजनिक रूप से प्रसारित हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार, इस भाषण में आजम खां ने तत्कालीन जिलाधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ जनता को भड़काने का प्रयास किया था। MP MLA court verdict
इन मामलों को लेकर दर्ज हुई थी FIR
इन्हीं आरोपों के आधार पर पुलिस ने आजम खां के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले की जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया, जिसके बाद इस केस की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में शुरू हुई।
ये भी पढ़ें - यूपी में बदला स्कूलों का समय: ठंड के चलते बिजनौर, उन्नाव, लखनऊ में इतने बजे से पहले नहीं खुलेंगे स्कूल
ठोस सबूत नहीं पेश कर सका....
लंबी सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने के लिए ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर सका। कोर्ट ने सभी दस्तावेजों, गवाहों और दलीलों का सुनने के बाद यह स्पष्ट किया कि Azam Khan inflammatory speech case में लगाए गए आरोप प्रमाणित नहीं हो पाए हैं। इसी आधार पर कोर्ट ने आजम खां को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
ये भी पढ़ें - वाराणसी में कोहरे की मार: 2 महीनें का विंटर शेड्यूल जारी, कई फ्लाइट्स के टाइम बदले, 42 उड़ानें रीशेड्यूल, 10 रद्द
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/12/01/2025-12-01t081847077z-new-bansal-logo-2025-12-01-13-48-47.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें