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Bank Loan Tips: बैंक से लोन (Bank Loan) लेना आज की जरूरत बन चुका है, लेकिन कई लोगों को अप्लाई करने के बाद भी बार-बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लोग इसे किस्मत या बैंक की सख्ती मान लेते हैं। हकीकत यह है कि बैंक भावनाओं के आधार पर नहीं, बल्कि रिकॉर्ड और डेटा देखकर फैसला लेते हैं। अगर कुछ जरूरी बातों को सही तरीके से समझ लिया जाए और उन पर काम किया जाए, तो वही बैंक अगली बार आपको खुद लोन ऑफर करने को तैयार हो सकता है।
क्रेडिट स्कोर आज के दौर में सबसे अहम
बैंक लोन अप्रूवल की प्रक्रिया में सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) देखा जाता है। यह स्कोर इस बात का संकेत होता है कि आपने पहले लिए गए लोन या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का भुगतान कितनी जिम्मेदारी से किया है। अगर आपका स्कोर 750 या उससे ऊपर है, तो लोन मिलने की संभावना काफी मजबूत मानी जाती है। समय पर EMI न भरना, क्रेडिट कार्ड का ज्यादा इस्तेमाल करना या बकाया राशि लंबे समय तक छोड़ देना स्कोर को कमजोर कर देता है। इसके अलावा बार-बार अलग-अलग बैंकों में लोन के लिए आवेदन करना भी क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर डालता है। एक साफ और मजबूत रिपेमेंट हिस्ट्री बैंक के लिए भरोसे का सबसे बड़ा आधार होती है।
स्थिर आमदनी पर होती है बैंक की नजर
दूसरा अहम पहलू आपकी इनकम (Income) और नौकरी या बिजनेस की स्टेबिलिटी (Job Stability) है। बैंक यह जानना चाहता है कि आपकी आमदनी नियमित है या नहीं और आप कितने समय से एक ही जगह काम कर रहे हैं। इसके लिए सैलरी स्लिप (Salary Slip), बैंक स्टेटमेंट (Bank Statement) और आईटीआर (ITR) जैसे दस्तावेज देखे जाते हैं। अगर आपकी कुल EMI आपकी मासिक आय का बड़ा हिस्सा बन जाती है, तो बैंक इसे जोखिम मानता है। आम तौर पर यह सलाह दी जाती है कि आपकी EMI आपकी मासिक आय के 30 से 40 प्रतिशत से ज्यादा न हो। स्थिर इनकम बैंक को यह भरोसा देती है कि आप समय पर भुगतान कर पाएंगे।
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दस्तावेज और फॉर्म में जानकारी सही होना सबसे जरूरी
कई बार लोन रिजेक्ट होने की वजह कोई बड़ी समस्या नहीं, बल्कि छोटी-सी गलती होती है। अधूरे दस्तावेज, फॉर्म में गलत जानकारी या एड्रेस और जॉब डिटेल्स में अंतर लोन प्रक्रिया को रोक सकता है। बैंक हर जानकारी को वेरिफाई (Verify) करता है और जरा-सी गड़बड़ी भी रिजेक्शन का कारण बन सकती है। इसके अलावा एक साथ कई बैंकों में लोन अप्लाई करना भी नुकसानदायक साबित होता है, क्योंकि इससे आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है। बेहतर यही होता है कि पहले अपनी प्रोफाइल मजबूत की जाए, फिर सही बैंक और सही लोन प्रोडक्ट (Loan Product) चुनकर आवेदन किया जाए। सही तैयारी के साथ बैंक लोन पाना मुश्किल नहीं रहता।
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