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VIT Bhopal Update: भोपाल के नजदीक सीहोर जिले में स्थित प्रतिष्ठित निजी शिक्षण संस्थान VIT (Vellore Institute of Technology) में मंगलवार और बुधवार (25-26 नवंबर) की दरमियानी रात हालात बेकाबू हो गए।
कथित तौर पर हॉस्टल में दूषित पानी और खराब भोजन परोसे जाने के बाद लगभग 100 छात्रों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। कई छात्रों को गंभीर हालत में भोपाल, आष्टा और सीहोर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स का आरोप है कि यहां जो खाना और पानी मिल रहा है। वह सेहत के लिहाज से बिल्कुल ठीक नहीं है। यहीं वजह है कि 100 से ज्याद स्टूडेंट्स को पीलिया हुआ है। जिससे तीन छात्रों की मौत की भी खबर सामने आई है। हालांकि यूनिवर्सिटी का दावा है कि मैनेजमेंट दो बार अपने खाने और पानी की जांच करा चुका है। सीएमओ से भी जांच कराई, जिसमें पानी और खाना शुद्ध मिला है।
रात में हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए
कॉलेज सूत्रों के अनुसार, पीलिया से तीन छात्रों की मौत हुई है, हालांकि प्रशासन ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। बंसल न्यूज भी छात्रों के मौत की पुष्टि नहीं करता है। आरोपों और अव्यवस्थाओं पर जब छात्रों को संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो रात में हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में सफाई दी है। आपको बता दें इससे पहले भी कई बार विश्वविद्यालय विवादों के घेरे में रहा है।
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दावा 33 स्टूडेंट्स में पीलिया के लक्षण
विश्वविद्यालय की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि 26 नवंबर 2025 तक 11 छात्राएं और 22 छात्र पीलिया के लक्षणों के साथ सामने आए हैं। सभी बीमार छात्रों को डॉक्टर्स से परामर्श दिलवाया गया और परिजनों की सहमति के बाद वे अपने घर लौट गए हैं। विश्वविद्यालय ने यह भी दावा किया कि पिछले दो दिनों में बीमार पड़ने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट देखी गई है।
23 नवंबर को जिला चिकित्सा अधिकारी की टीम ने कैंपस का निरीक्षण किया था और स्वच्छता से संतुष्ट नजर आई थी। इसके बाद 25 नवंबर को मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी की अगुवाई में एक विशेष टीम ने फिर से निरीक्षण किया और खाद्य एवं पेयजल के नमूने जांच के लिए लिए। इस निरीक्षण में कैंपस की सफाई और भोजन की गुणवत्ता को ठीक बताया गया।
इसके अलावा, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने भी मेस और किचन व्यवस्था का आकलन कर रिपोर्ट दी कि व्यवस्था संतोषजनक है। 26 नवंबर की सुबह 3:30 बजे उप-मंडल दंडाधिकारी नितिन ताले और एसडीओपी आकाश अमलकर ने भी निरीक्षण किया और पूरी स्थिति का जायजा लिया।
फिलहाल विश्वविद्यालय ने 30 नवंबर 2025 तक अवकाश घोषित कर दिया है। प्रबंधन का दावा है कि वह छात्रों की सेहत और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है और जिला चिकित्सा अधिकारियों के साथ नियमित समन्वय में काम कर रहा है।
कैंपस में छात्रों का उग्र प्रदर्शन
घटना की गंभीरता तब बढ़ी जब मौत की खबरों के बीच हजारों छात्र रात में कैंपस के भीतर सड़कों पर उतर आए। छात्रों का कहना था कि कई दिनों से गंदा पानी और घटिया खाना दिया जा रहा है, जिसके चलते छात्रों की तबीयत खराब हो रही थी। गुस्साए छात्रों ने कैंपस में खड़ी बसों, कारों, बाइक और एम्बुलेंस को आग के हवाले कर दिया। हॉस्टल की खिड़कियों के शीशे तोड़े गए, मेस के आरओ प्लांट को नुकसान पहुंचाया गया।

यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग के कुछ हिस्सों में भी छात्रों ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया। हालात इतने बिगड़े कि स्थानीय पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्स को भी तैनात करना पड़ा। सुरक्षा के मद्देनज़र पांच थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए देर रात तक कार्रवाई जारी रही।
फैकल्टी के आवास पर हमला
सूत्रों के अनुसार, गुस्साए छात्रों ने देर रात फैकल्टी मेंबर्स के आवासीय क्वार्टर्स को भी निशाना बनाया। फैकल्टी सदस्यों की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और कुछ आवासों को नुकसान पहुंचाया गया। इस हमले से घबराकर कई फैकल्टी ने तत्काल प्रभाव से परिसर खाली कर दिया। बंसल न्यूज ने कुछ फैकल्टी से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी, इसलिए बंसल न्यूज इस खबर की पुष्टि नहीं करता है।
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रजिस्ट्रार ने जारी किया बयान
VIT यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार केके नायर ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए तीन छात्रों की मौत की खबर को अफवाह बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र की मृत्यु नहीं हुई है और इस तरह की खबरें पूरी तरह से झूठी व भ्रामक हैं।
VIT में पहले भी हो चुके हैं विवाद
यह पहली बार नहीं है जब VIT भोपाल के छात्रों ने प्रदर्शन किया है। मई 2024 में भीषण गर्मी के दौरान जब परिसर में पीने के पानी की भारी कमी हो गई थी, तब भी छात्र रात 12 बजे कैंपस में इकट्ठा हो गए थे। छात्रों का कहना था कि इतने महंगे संस्थान में पीने का पानी तक नहीं है, जबकि कॉलेज की ओर से मेल कर उन्हें कम पानी पीने और मसालेदार खाना न खाने की सलाह दी गई थी। उस समय भी कॉलेज ने जल्दबाजी में ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर परीक्षाएं टाल दी थीं।
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नवम्बर 2024 में वीडियो वायरल की अफवाह
नवम्बर 2024 में कैंपस में एक कथित आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने की अफवाह पर छात्रों ने विरोध किया था। इस विवाद में प्रशासन ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर 74 छात्रों को छह माह से एक साल तक के लिए सस्पेंड कर दिया था। ABVP ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि बिना किसी ठोस जांच के छात्रों को दंडित किया गया। बाद में सरकार ने प्राइवेट यूनिवर्सिटी नियामक आयोग से मामले की जांच कराने का फैसला किया और एक चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी।
साल 2022 में हनुमान चालीसा विवाद बना था मुद्दा
साल 2022 में वीआईटी भोपाल में तब बवाल मचा जब कुछ छात्राओं ने हॉस्टल में समूह में हनुमान चालीसा का पाठ किया था। प्रशासन ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए सात छात्राओं पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया था। यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया और मध्य प्रदेश के तत्कालीन गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दखल देते हुए जुर्माना हटाने का आदेश दिया था।
बता दें, VIT भोपाल देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में गिना जाता है, जहां भारत भर से छात्र अध्ययन के लिए आते हैं। यहां बड़ी संख्या में सरकारी अधिकारियों, उद्योगपतियों और प्रतिष्ठित परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं। कॉलेज की वार्षिक फीस 7 से 10 लाख रुपये तक होती है।
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