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MP Government Employees New Leave Rules: मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के अवकाश नियमों में बड़ा बदलाव किया है। करीब 48 साल बाद इन नियमों में संशोधन किया गया है, जो 1 जनवरी से प्रभावी होंगे। नए नियमों को 24 नवंबर को राजपत्र में प्रकाशित किया गया था, लेकिन सामान्य प्रक्रिया से हटकर इन्हें उसी दिन लागू नहीं किया गया। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ये प्रावधान नए साल से ही लागू माने जाएंगे।
हिंदी वर्जन को मिली प्राथमिकता
नए अवकाश नियमों में पहली बार यह साफ किया गया है कि नियमों का हिंदी वर्जन ही मान्य होगा। यदि हिंदी और अंग्रेजी संस्करण में किसी तरह का अंतर सामने आता है, तो हिंदी में लिखा नियम लागू किया जाएगा। प्रशासनिक स्तर पर इसे एक अहम बदलाव माना जा रहा है, क्योंकि अब नियमों की व्याख्या को लेकर असमंजस की स्थिति नहीं रहेगी।
चाइल्ड केयर लीव के नियम बदले
महिला कर्मचारियों को मिलने वाली चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave) के नियमों में भी संशोधन किया गया है। पहले दो साल तक इस अवकाश पर पूरा वेतन मिलता था। नए प्रावधानों के अनुसार पहले 365 दिन तक पूर्ण वेतन मिलेगा, जबकि इसके बाद के एक साल में 80 प्रतिशत वेतन ही देय होगा। इस बदलाव का सीधा असर महिला कर्मचारियों की छुट्टी योजना पर पड़ेगा।
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अर्जित अवकाश की नई व्यवस्था
सरकारी कर्मचारियों को हर वर्ष 30 दिन का अर्जित अवकाश (Earned Leave) मिलेगा। यह अवकाश एक साथ नहीं दिया जाएगा, बल्कि साल में दो बार, छह-छह महीने में 15-15 दिन की किस्तों में दिया जाएगा।
पांच साल से ज्यादा छुट्टी नहीं मिलेगी
नए नियमों के तहत किसी भी कर्मचारी को एक साथ पांच साल से अधिक का अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अवकाश को कर्मचारी का अधिकार नहीं माना जाएगा, बल्कि यह सेवा शर्तों के अंतर्गत मिलने वाली सुविधा होगी।
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