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मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई।
MP Cabinet Decisions 22 December 2025: मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार 22 दिसंबर 2025 को कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। कैबिनेट में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में प्रदेश विकास के कई बड़े फैसले लिए गए। साथ ही कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी हैं। बड़वाह-धामनोद मार्ग को टू-लेन से फोर-लेन में बदलने के लिए 2500 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी है। 63 किलोमीटर लंबा यह हाईवे दो नेशनल हाईवे को जोड़ेगा और महेश्वर जैसे पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी सुधारेगी।
सरकार ने आंगनवाड़ी सेवा योजना को वर्ष 2031 तक निरंतर जारी रखने की मंजूरी दे दी है। साथ ही सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए पूरे प्रदेश में 'विंड्स' (WINDS) नेटवर्क स्थापित करने जा रही है। जबलपुर स्थित धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के द्वितीय चरण के विकास के लिए 197 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है। वृंदावन ग्राम योजना की शुरुआत, इंदौर अंडरग्राउंड मेट्रो को केंद्र की हरी झंडी, और भोपाल मेट्रोपॉलिटिन एरिया के नए नक्शे को मंजूरी दी गई है। साथ ही जिलों में प्रभारी मंत्रियों के नेतृत्व में महत्वपूर्ण समितियों के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
वृंदावन ग्राम योजना से बदलेंगे गांवों के हालात
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार अब 'वृंदावन ग्राम' अवधारणा के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और गौ-सेवा को नई ऊंचाई देगी। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और शहरी परिवहन (मेट्रो) को लेकर कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर मुहर लगाई गई है।
193 विधानसभाओं में 'वृंदावन ग्राम' की स्थापना
प्रदेश की 193 विधानसभाओं में 'वृंदावन ग्राम' विकसित किए जाएंगे। इसके लिए मापदंड तय किए गए हैं कि गांव की जनसंख्या लगभग 2000 होनी चाहिए और वहां कम से कम 500 गौवंश का पालन हो रहा हो। यह योजना ग्रामीण पर्यटन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देगी।
इंदौर और भोपाल मेट्रो को नई रफ़्तार
बैठक में बताया गया कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा 20 दिसंबर को भोपाल मेट्रो के शुभारंभ के बाद, इंदौर के लिए भी बड़ी सौगात मिली है। केंद्र सरकार ने इंदौर अंडरग्राउंड मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को अपनी सहमति दे दी है। वहीं, भोपाल मेट्रोपॉलिटिन एरिया का आधिकारिक मैप लॉन्च कर दिया गया है, जिसमें रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, विदिशा और राजगढ़ के 2534 गांवों को शामिल किया गया है।
मेडिकल कॉलेजों का होगा भूमिपूजन
स्वास्थ्य क्षेत्र में पीपीपी (PPP) मॉडल पर आधारित मेडिकल कॉलेजों का विस्तार किया जा रहा है। 23 दिसंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा धार और बैतूल में नए मेडिकल कॉलेजों का भूमिपूजन करेंगे। पीपीपी मॉडल से प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ़ होगी।
जिलों में समितियों का गठन
प्रभारी मंत्रियों की अध्यक्षता में अब जिलों की महत्वपूर्ण समितियों (रोगी कल्याण समिति, जिला विकास सलाहकार समिति आदि) का गठन किया जाएगा। प्रभारी मंत्री स्थानीय चर्चा के बाद इन समितियों को अंतिम रूप देंगे और बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। रोगी कल्याण समिति, जिला शहरी अभिकरण, वृंदावन गांव अनुसरण, जिला विकास सलाहकार समिति सहित अन्य का गठन होगा।
बड़वाह-धामनोद हाईवे के उन्नयन को हरी झंडी
मध्यप्रदेश की सड़कों को आधुनिक बनाने की दिशा में मोहन कैबिनेट ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। बड़वाह-धामनोद मार्ग, जो वर्तमान में टू-लेन है, अब जल्द ही अत्याधुनिक फोर-लेन हाईवे बनेगा। 2500 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाले इस प्रोजेक्ट से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि निमाड़ अंचल के आर्थिक और पर्यटन विकास को भी नई गति मिलेगी। बैठक में इस 63 किलोमीटर लंबे मार्ग के उन्नयन प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है।
बड़वाह-धामनोद मार्ग का उन्नयन मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) द्वारा किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दो बड़े नेशनल हाईवे को आपस में जोड़ने का काम करेगा।
रफ्तार में होगा 3 गुना इजाफा
वर्तमान में कम चौड़ाई के कारण वाहनों की औसत गति महज 30 किलोमीटर प्रति घंटा रहती है। फोर-लेन बनने के बाद इस हाईवे पर वाहन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भर सकेंगे।
वित्तीय ढांचा और टोल संचालन इस 2500 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार शुरुआती चरण में 900 करोड़ रुपए की राशि जारी करेगी। कुल लागत का 60 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार अगले 15 वर्षों की अवधि में वहन करेगी। विशेष बात यह है कि इस हाईवे पर बनने वाले टोल नाकों का संचालन सीधे मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा, जिससे राजस्व सीधे सरकारी खजाने में आएगा।
आंगनवाड़ी सेवा योजना का विस्तार (2026-2031)
कैबिनेट ने आंगनवाड़ी सेवा योजना की निरंतरता को सुनिश्चित करते हुए इसे अगले 5 वर्षों के लिए स्वीकृति प्रदान की है। इस योजना के तहत पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, शाला पूर्व शिक्षा, और सक्षम आंगनवाड़ी जैसे प्रमुख घटकों पर ध्यान दिया जाएगा। योजना के अंतर्गत न केवल नए आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण होगा, बल्कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण और किशोरी बालिकाओं के कल्याण के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।
DNLU जबलपुर का होगा कायाकल्प
धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (DNLU), जबलपुर का विकास जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के द्वितीय चरण के निर्माण कार्यों को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। इसके लिए 197 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है। इस बजट से विश्वविद्यालय परिसर में आधुनिक एडमिनिस्ट्रेशन और एकेडमिक ब्लॉक का निर्माण होगा। साथ ही कुलगुरु (VC) और कुलसचिव के आवासों के साथ-साथ स्टाफ के लिए 12 मल्टीस्टोरी आवास और कैंपस की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल का निर्माण सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना होगी हाईटेक
मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया है। योजना को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए पूरे प्रदेश में 'विंड्स' (Weather Information Network and Data System) स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में 'ऑटोमेटिक रेन गेज' (Automatic Rain Gauge) स्थापित किए जाएंगे, जो वर्षा का सटीक माप लेंगे। हर तहसील में 'ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन' (Automatic Weather Station) बनाए जाएंगे, जो तापमान, हवा की गति और नमी का डेटा रिकॉर्ड करेंगे।
इस अत्याधुनिक सिस्टम के जरिए पूरा डेटा एक सिंगल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। पंचायत से डेटा तहसील पहुंचेगा, तहसील से भोपाल मुख्यालय और वहां से सीधे भारत सरकार के दिल्ली मुख्यालय को भेजा जाएगा। जिससे भविष्य की कृषि योजनाओं और बीमा राहत कार्यों में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
विंड्स नेटवर्क के लिए सरकार खर्च करेगी 147 करोड़
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अगले 5 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर कुल 434 करोड़ रुपये का संभावित खर्च आएगा। वित्तीय भागीदारी के तहत, राज्य सरकार अपने खजाने से 147 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जबकि शेष राशि केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इस डेटा के आधार पर न केवल फसल बीमा के दावों का जल्द निपटारा होगा, बल्कि सरकार को भविष्य की कृषि नीतियां और आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार करने में बड़ी मदद मिलेगी।
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