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Indore Contaminated Water: देश के सबसे स्वच्छ शहर माने जाने वाले इंदौर में दूषित पेयजल (Contaminated Drinking Water) से फैली बीमारी ने गंभीर रूप ले लिया है। भागीरथपुरा इलाके में जहरीला पानी पीने से तीन और लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। इसके साथ ही अब तक कुल आठ लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि, शासन की ओर से फिलहाल तीन मौतों की ही आधिकारिक पुष्टि की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मामले का संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। सीएम डॉ. मोहन यादव के लिए आज (बुधवार) को अपना निर्धारित कार्यक्रम छोड़कर पीड़ितों से मिलने इंदौर जाएंगे। वह पीड़ितों का हाल जानने के लिए लगातार अधिकारियों से संपर्क में हैं।
मौतों की संख्या पर अलग-अलग आंकड़े
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक पुरुष भी शामिल है। हाल ही में जिन तीन और लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है, उनमें गोमती रावत (50), उमा कोरी (31) और संतोष बिगोलिया शामिल हैं। गोमती रावत की मौत 26 दिसंबर को हो चुकी थी, जबकि उमा कोरी और संतोष बिगोलिया भाऊ गली, भागीरथपुरा क्षेत्र के निवासी बताए जा रहे हैं। इससे पहले मंगलवार को नंदलाल पाल (75), उर्मिला यादव (69), उमा कोरी (31), मंजुला पति दिगंबर (74) और सीमा प्रजापत (50) की मौत की खबर सामने आई थी।
शासन ने तीन मौतों की पुष्टि की
सरकारी स्तर पर अभी तक केवल तीन मौतों की पुष्टि की गई है। इनमें नंदराम (70), उर्मिला (60) और ताराबाई कोरी (70) शामिल हैं। प्रशासन के मुताबिक इन तीनों की मौत डायरिया (Diarrhoea) के कारण हुई है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि शेष मौतों की जांच की जा रही है और रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
अस्पतालों में भर्ती 111 मरीज
दूषित पानी से बीमार हुए लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में कुल 111 मरीज अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। वर्मा हॉस्पिटल में 30, ईएसआईसी हॉस्पिटल में 11, एमवाय हॉस्पिटल में 5, त्रिवेणी हॉस्पिटल में 7 और अरबिंदो हॉस्पिटल में 6 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसके अलावा कुछ मरीज निजी नर्सिंग होम में भी भर्ती बताए जा रहे हैं। डॉक्टरों की निगरानी में सभी मरीजों का उपचार जारी है।
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प्रशासनिक लापरवाही पर कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर निगम और पीएचई (Public Health Engineering) विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। जोनल अधिकारी शालिग्राम शितोले को निलंबित कर दिया गया है। पीएचई के प्रभारी सहायक अभियंता योगेश जोशी को भी निलंबित किया गया है। वहीं, प्रभारी डिप्टी इंजीनियर शुभम श्रीवास्तव की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। प्रशासन का कहना है कि पेयजल आपूर्ति में लापरवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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जांच समिति का गठन
पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति की अध्यक्षता आईएएस अधिकारी नवजीवन पंवार कर रहे हैं। समिति में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर प्रदीप निगम और मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेश राय को सदस्य बनाया गया है। समिति दूषित पानी की वजह, जिम्मेदार अधिकारियों और सिस्टम की खामियों की जांच कर रिपोर्ट देगी।
मुख्यमंत्री ने की आर्थिक सहायता की घोषणा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मामले का संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सभी मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। उन्होंने पेयजल के संक्रमित होने की स्थिति पर लगातार नजर रखने और समय रहते प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने इंदौर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से कहा है कि उपचार व्यवस्था में किसी भी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए।
70 से अधिक पानी के सैंपल किए इकट्ठा
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि अब तक 70 से अधिक पानी के सैंपल (Water Sample) लिए जा चुके हैं, जिनकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी मरीजों का इलाज सरकारी खर्च पर होगा और जिन लोगों ने निजी अस्पतालों में इलाज के लिए पैसे जमा किए हैं, उन्हें रिफंड (Refund) दिया जाएगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी मामले की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है।
भागीरथपुरा और आसपास के इलाकों में फिलहाल 50 टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है ताकि लोग दूषित पानी का उपयोग न करें। प्रशासन ने लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 7440440511 भी जारी किया है, जिस पर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और मदद ली जा सकती है।
सीएम मोहन यादव जाएंगे इंदौर
इंदौर में दूषित पानी पीने से बीमार हुए मरीजों से मिलने के लिए सीएम मोहन यादव आज मिलने जाएंगे। आपको बता दें वे लगातार अफसरों से संपर्क में हैं। माना जा रहा है कि वे घटना को लेकर बड़े फैसले ले सकते हैं। मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लेंगे।
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