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आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) इंदौर।
Indore EOW Action Bank Loan Fraud: मध्यप्रदेश के इंदौर में राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने बैंकिंग धोखाधड़ी के एक बड़े मामले का पर्दाफाश किया है। जांच में सामने आया है कि लाभांशी मल्टीट्रेड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संचालकों ने दि कॉसमोस को-ऑपरेटिव बैंक से करोड़ों रुपए का ऋण लिया और फिर बैंक के पास बंधक रखे गए स्टॉक (चना, सोयाबीन आदि) को चोरी-छिपे बेच दिया। बैंक के साथ किए गए इस विश्वासघात और 22.88 करोड़ रुपए के गबन के मामले में EOW ने कंपनी के डायरेक्टरों और गारंटरों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।
EOW ने उजागर किया करोड़ों का घोटाला
इंदौर EOW के अनुसार, यह पूरा घोटाला योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया। मेसर्स लाभांशी ट्रेडर्स के संचालकों ने शुरुआत में मशीनरी खरीदने और व्यापार बढ़ाने के नाम पर बैंक से संपर्क किया था।
जांच में पाया गया कि वर्ष 2019 में कंपनी ने दि कॉसमोस को-ऑपरेटिव बैंक से 2.50 करोड़ का टर्म लोन और 2.50 करोड़ की कैश क्रेडिट (CC) लिमिट ली थी। भरोसे का फायदा उठाते हुए आरोपियों ने 2020 और 2022 में इस लिमिट को बढ़ाकर 21.50 करोड़ रुपए करवा लिया। वर्तमान में ब्याज सहित कुल बकाया राशि 22.88 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।
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लोन लेकर बेच दिया गिरवी स्टॉक
नियमों के मुताबिक, बैंक से सीसी लिमिट लेने के बदले जो स्टॉक (अनाज) गोदामों में रखा जाता है, वह बैंक के पास बंधक होता है। उसे बैंक की लिखित अनुमति के बिना बेचा या हटाया नहीं जा सकता। लेकिन लाभांशी मल्टीट्रेड के संचालकों ने बैंक को सूचना दिए बिना स्टॉक में मौजूद चना और सोयाबीन को बाजार में बेचकर पैसे हजम कर लिए। जब बैंक ने भौतिक सत्यापन किया, तो स्टॉक गायब मिला। कंपनी पर लोन लेकर स्टॉक खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगा है।
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EOW की कार्रवाई, आरोपियों पर केस दर्ज
EOW ने इस मामले में धार जिले के नौगांव निवासी लोगों को आरोपी बनाया है। मुख्य आरोपियों में आयुष अग्रवाल, अनूप सिंघल, अंकुश सिंघल और उनके पिता राजेंद्र कुमार सिंघल शामिल हैं। इन सभी पर धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप है। आरोपियों में लाभांशी मल्टीट्रेड प्रा.लि. के डायरेक्टर और गारंटर शामिल हैं। साथ ही अन्य आरोपियों के नाम भी केस में सामने आए हैं।
EOW इंदौर के एसपी यादव ने बताया कि आरोपियों की संलिप्तता पाए जाने पर उनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 409, 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। विभाग अब इस घोटाले की जड़ों तक पहुंचने के लिए विस्तृत विवेचना कर रहा है, जिसमें आने वाले दिनों में कुछ और बड़ी गिरफ्तारियां और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
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