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Bhopal News: भोपाल में हमीदिया अस्पताल परिसर की एक पुरानी पानी की टंकी में बुधवार (10 दिसंबर) दो नवजात शिशुओं के अधजले शव मिलने से पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। यह टंकी लंबे समय से डस्टबिन की तरह इस्तेमाल हो रही थी। सुबह कचरे में आग लगने के बाद जब फायर ब्रिगेड को बुलाया गया और आग बुझाई गई, तो अंदर जांच करने पर मामला सामने आया। दोनों शवों को मॉर्चुरी में सुरक्षित रखा गया है और पुलिस सभी पहलुओं जांच में जुट गई है।
हमीदिया अस्पताल में दो नवजातों के अधजले शव मिलने से सनसनी,DNA के आधार पर जांच में भी जुटी पुलिस #BhopalNews#InfantDeath#PoliceInvestigation#DNAAnalysis#CrimeAlert#HamidiaHospitalpic.twitter.com/ziHW5k94C6
— Bansal News Digital (@BansalNews_) December 11, 2025
आग बुझने के बाद मिले नवजात शिशुओं के शव
तड़के लगी आग को काबू में करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने फायर ब्रिगेड को बुलाया। आग बुझने के बाद जब टंकी की तलाशी ली गई तो दो नवजात शिशुओं के जले हुए शव दिखाई दिए। दोनों के शरीर पर जली हुई पन्नी और प्लास्टिक चिपकी मिली, जिससे संकेत मिलता है कि उन्हें किसी तरह लपेटकर कचरे में फेंका गया था। दोपहर करीब दो बजे कोहेफिजा थाना पुलिस को इसकी सूचना दी गई।
एक शव करीब पूरी तरह जला
पुलिस के अनुसार, एक नवजात का शव लगभग 90 फीसदी जल चुका था, जबकि दूसरे का शरीर आंशिक रूप से जला मिला। पंचनामा के बाद दोनों शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए गए हैं। अस्पताल की जानकारी के अनुसार पांच डॉक्टरों की टीम यह पोस्टमॉर्टम करेगी, जो यह तय करेगी कि नवजात पहले से मृत थे या आग लगने से उनकी मौत हुई।
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टंकी से निकाले गए कचरे में अस्पताल में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक बेडशीट भी मिली। इससे आशंका है कि दोनों नवजातों को इन्हीं बेडशीट में लपेटकर टंकी में फेंका गया। पुलिस ने डीएनए सैंपल सुरक्षित रखने और संबंधित रिकॉर्ड खंगालने के निर्देश दिए हैं। शरीर पर चिपकी जली हुई पन्नी से यह भी आशंका है कि उन्हें पन्नी में बंद करके कचरे में डाला गया और बाद में आग लगा दी गई।
पुरानी टंकी को कचरा फेंकने की जगह बनाना भारी लापरवाही
कोहेफिजा थाना प्रभारी केजी शुक्ला के मुताबिक, मॉर्चुरी के पास बनी यह पुरानी पानी की टंकी लंबे समय से मरीजों और अस्पताल स्टाफ द्वारा कचरा डालने के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। कई बार इसमें कचरे में आग भी लगा दी जाती थी। घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं, क्योंकि ना तो बायोमेडिकल वेस्ट के निपटान की उचित व्यवस्था मौजूद है और ना ही मॉर्चुरी की तरफ लगे सीसीटीवी कैमरों की गुणवत्ता ठीक है। मिले फुटेज धुंधले हैं और जांच को मदद नहीं मिल पा रही।
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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने पश्चिम क्षेत्र बिजली कंपनी में क्लास-3 और क्लास-4 पदों की भर्ती परीक्षा (MP Electricity Company Recruitment Exam) से जुड़ी याचिकाओं पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने परीक्षा में पूछे गए सवाल नंबर 16 और 25 के गलत अंकन को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए परीक्षा आयोजक को आपत्तियों का विशेषज्ञों से पुनः परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस दीपक खोत की एकलपीठ ने एमपी ऑनलाइन को आदेश दिया है कि याचिकाकर्ताओं की आपत्तियों का विशेषज्ञों के माध्यम से परीक्षण कराया जाए। कोर्ट ने कहा है कि यदि जरूरी हो तो मॉडल आंसर की को भी संशोधित किया जाए। इस प्रोसेस के पूरा होने तकपूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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