Advertisment

MP e-Attendance Rule: ग्वालियर में ई-अटेंडेंस पर कलेक्टर की सख्ती, अब उपस्थिति के हिसाब से मिलेगा वेतन, DEO ने जारी किया आदेश

ग्वालियर में नवंबर से शिक्षकों का वेतन ई-अटेंडेंस के आधार पर तय होगा, कलेक्टर के आदेश पर डीईओ ने स्पष्ट निर्देश जारी किए और वेतन कटौती की चेतावनी दी।

author-image
Wasif Khan
e attendance

MP e-Attendance Rule: ग्वालियर जिले में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर प्रशासन ने कड़ा रुख अपना लिया है। कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी करते हुए साफ कर दिया है कि नवंबर माह से शिक्षकों का वेतन ई-अटेंडेंस के आधार पर ही तय होगा। यानी जितने दिन ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज होगी, उतने दिनों का ही वेतन दिया जाएगा।

Advertisment

ये भी पढ़ें: Malhargarh Police Station Mandsaur: मंदसौर के मल्हारगढ़ थाने को देश में 9वीं रैंक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रायपुर में की घोषणा

स्कूल स्टाफ पर लागू होगा आदेश

जारी निर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि प्राचार्यों, शिक्षकों, अतिथि शिक्षकों, चपरासियों और क्लेरिकल स्टाफ सभी के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्य होगी। नवंबर में जो कर्मचारी ई-अटेंडेंस दर्ज नहीं करेंगे, उनकी सैलरी में कटौती की जाएगी। डीईओ हरीओम चतुर्वेदी ने आदेश की प्रति जिले के डीपीसी, बीईओ और संकुल प्राचार्यों को भेजकर निर्देश दिया है कि सभी शैक्षणिक संस्थान इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। विभाग का कहना है कि कई शिक्षक सरकारी आदेश के बावजूद उपस्थित दर्ज कराने में लापरवाही बरत रहे थे, जिसके चलते यह कदम उठाना पड़ा।

Advertisment

ये भी पढ़ें:  Indore Journalist Attacked: BJP ने इंदौर RTO में पत्रकार पर हुए हमले की निंदा की, पूर्व CM कमलनाथ ने कही ये बात

हाईकोर्ट में सरकार ने रखा पक्ष

ई-अटेंडेंस को लेकर प्रदेशभर के शिक्षकों की आपत्ति के बाद मामला जबलपुर हाईकोर्ट पहुंच गया था। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश किया, जिसमें शिक्षकों के सभी आरोपों को नकार दिया गया। सरकार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की भारी समस्या जैसी बात वास्तविकता से दूर है और ई-अटेंडेंस लगाने में तकनीकी बाधाएं उतनी गंभीर नहीं हैं, जितना दावा किया जा रहा है। सरकार ने यह भी बताया कि ‘हमारे शिक्षक’ मोबाइल ऐप के लिए डेटा सेफ्टी सर्टिफिकेट लिया जा चुका है और ऐप में किसी भी तरह की प्राइवेट डेटा लीक की आशंका नहीं है।

सरकार के जवाब को हाईकोर्ट ने रिकॉर्ड पर ले लिया है और मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को तय की है।

Advertisment

ये भी पढ़ें- Gauharganj Rape Case Update: 6 साल की मासूम से दरिंदगी करने वाले की अस्पताल में ही पेशी, पहली बार मजिस्ट्रेट पहुंचे हमीदिया हॉस्पिटल

FAQ

ग्वालियर में ई-अटेंडेंस को लेकर प्रशासन ने सख्ती क्यों बढ़ाई?
जिले में कई शिक्षक सरकारी आदेश के बाद भी समय पर उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे थे। शिक्षकों की अनुपस्थिति और अनियमितता की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। इसी वजह से कलेक्टर ने निर्देश दिया कि ई-अटेंडेंस के आधार पर ही वेतन तय होगा। इससे शिक्षकों में अनुशासन बढ़ाने और स्कूलों की कार्यक्षमता सुधारने का लक्ष्य रखा गया है।
किस-किस पर ई-अटेंडेंस अनिवार्य की गई है?
यह आदेश पूरे स्कूल स्टाफ पर लागू होगा। इसमें प्राचार्य, स्थायी शिक्षक, अतिथि शिक्षक, चपरासी और क्लेरिकल स्टाफ—all शामिल हैं। यानी जो भी कर्मचारी स्कूल में तैनात है, उसे हर हाल में “हमारे शिक्षक” ऐप के जरिए दैनिक ई-अटेंडेंस अनिवार्य रूप से दर्ज करनी होगी। ई-अटेंडेंस न लगाने पर नवंबर माह का वेतन काट दिया जाएगा।
हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने ऐप की सुरक्षा और नेटवर्क समस्या पर क्या कहा?
शिक्षकों ने हाईकोर्ट में दावा किया था कि ऐप सुरक्षित नहीं है और ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की दिक्कत उपस्थिति दर्ज करने में बाधा बनती है। लेकिन राज्य सरकार ने कोर्ट में विस्तृत जवाब देकर दोनों दावों को खारिज किया। सरकार ने बताया कि “हमारे शिक्षक” ऐप को डेटा सेफ्टी सर्टिफिकेट मिला है और इसमें किसी भी तरह का डेटा लीक संभव नहीं है। साथ ही कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क पर्याप्त है और ई-अटेंडेंस लगाने में कोई बड़ी तकनीकी बाधा नहीं है।


ये भी पढ़ें: MP Weather Update: मध्यप्रदेश तापमान सामान्य ज्यादा रहा, दो दिन बाद फिर लौटेगी कड़ाके की ठंड

MP news Gwalior News MP E-Attendance Rule
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें