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Bhopal SIR: भोपाल की वोटर लिस्ट से कट सकते हैं 4 लाख से ज्यादा नाम, इस दिन जारी होगी वो​टर लिस्ट, अगर आप का नाम भी कट जाए तो ये करें

भोपाल की वोटर लिस्ट में SIR जांच में 4 लाख से ज्यादा नाम संदिग्ध मिले। मृत, शिफ्टेड और गायब वोटरों की पहचान हुई। 16 दिसंबर से प्रक्रिया शुरू होगी।

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Wasif Khan
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Bhopal SIR: राजधानी भोपाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का डिजिटाइजेशन पूरा हो गया है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान करीब 4 लाख 7 हजार 944 वोटर ऐसे मिले, जो या तो अपने पते पर नहीं पाए गए, स्थायी रूप से कहीं और शिफ्ट हो चुके हैं या फिर उनका निधन हो चुका है। प्रशासन इन प्रविष्टियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में है। चूंकि मतदाता सूची का डिजिटलाइजेशन पूरा हो चुका है, इसलिए सभी आंकड़े अब साफ-सुथरे रूप में सामने आ रहे हैं।

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डिजिटलाइजेशन में सामने आए गायब, मृत और शिफ्ट हुए मतदाता

भोपाल में कुल 17 लाख 17 हजार 981 फॉर्म डिजिटलाइज किए गए। इस प्रक्रिया में उन मतदाताओं की पहचान की गई जिनका डेटा 2003 की मतदाता सूची से मेल नहीं खाता। ऐसे मतदाताओं की संख्या 2 लाख 23 हजार से अधिक है। इन्हें नो मैपिंग श्रेणी में रखा गया है। यह वो लोग हैं जिनका रिकॉर्ड पुराने दस्तावेजों में भी स्पष्ट नहीं है। जिला प्रशासन ने तय किया है कि इन प्रविष्टियों की 50 दिन तक सुनवाई की जाएगी। यदि निर्धारित समय में दस्तावेज उपलब्ध नहीं हुए तो उनके नाम काटने की कार्रवाई होगी।

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उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता के मुताबिक, प्रत्येक विधानसभा में अतिरिक्त अधिकारी तैनात होंगे। जिले में 100 सहायक रजिस्ट्रकरण अधिकारी भी नियुक्त किए जाएंगे ताकि हर मतदाता को अपना पक्ष रखने का अवसर मिल सके। बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म लेंगे और जिन मतदाताओं का डेटा नहीं मिलेगा, उन्हें प्रक्रिया अनुसार सूची से हटाया जाएगा।

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गोविंदपुरा और नरेला में सबसे ज्यादा गड़बड़ी

जांच में गोविंदपुरा विधानसभा सबसे अधिक प्रभावित पाई गई, जहां 61 हजार 382 मतदाता अन्य स्थान पर शिफ्ट हो चुके हैं। इसके अलावा 27 हजार 889 अपने पते पर नहीं मिले और 6106 मतदाताओं के मृत होने की पुष्टि हुई। 2726 नाम ऐसे पाए गए जो पहले से ही सूची में दर्ज थे। नरेला विधानसभा में मृत मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक 5679 है। यहां 50 हजार 161 मतदाता दूसरी जगह शिफ्ट पाए गए जबकि 5322 अबसेंट और 2695 दोहरी प्रविष्टि की श्रेणी में मिले।

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बैरसिया विधानसभा में चारों श्रेणियों में कुल संख्या उल्लेखनीय है। यहां 2489 मृत, 2289 अनुपस्थित, 7927 शिफ्ट और 708 नाम पहले से सूची में जुड़े हुए मिले। हुजूर विधानसभा में भी आंकड़े बड़े हैं। यहां 31 हजार 381 मतदाता अपने पते पर नहीं मिले, 32 हजार 934 शिफ्ट हुए, 5386 के मृत होने की पुष्टि हुई और 2097 दोहरी प्रविष्टि पाई गई। भोपाल मध्य में 60 हजार 98 और दक्षिण-पश्चिम में 56 हजार 950 मतदाता चारों श्रेणियों में मिले। भोपाल उत्तर में इनकी कुल संख्या 40 हजार 584 है।

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16 दिसंबर से शुरू होगी कार्रवाई

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के मुताबिक, प्रशासन की प्राथमिकता वास्तविक मतदाताओं को किसी भी तरह की परेशानी से बचाना है। नो मैपिंग श्रेणी के 2 लाख 26 हजार से अधिक नामों और उन प्रविष्टियों की अलग-अलग जांच होगी जिनके गणना पत्रक उपलब्ध नहीं हैं। मतदाताओं को दस्तावेज जमा करने के लिए 50 दिन का समय दिया जाएगा और हर व्यक्ति को अदालत जैसी सुनवाई का अवसर उपलब्ध होगा।

16 दिसंबर को मतदाता सूची का प्रकाशन होगा जिसके बाद नाम जोड़ने, सुधार करने और आपत्तियों की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नए मतदाता भी इस अवधि में अपना नाम जुड़वा सकेंगे।

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नाम कट जाए, या ड्राफ्ट लिस्ट में न आए तो क्या करें? जाने पूरी डिटेल...

जिन लोगों के नाम SIR डिजिटलाइजेशन में कट चुके हैं या कटने वाले हैं, उनका क्या होगा?
अगर आपका नाम वोटर लिस्ट से हट गया है या हटने की श्रेणी में आ गया है, तो इसका मतलब है कि आपका रिकॉर्ड या तो गलत मिला, अधूरा था, या पुराने डेटा से मैच नहीं हुआ। लेकिन इससे आपका मताधिकार खत्म नहीं होता। आपको दोबारा दस्तावेज जमा करके अपना नाम सूची में जोड़ने का मौका मिलेगा। प्रशासन ऐसे सभी मतदाताओं को सुनवाई का अवसर देता है।
जिनका फॉर्म भरने का समय खत्म हो चुका है, वे अब कैसे सत्यापन कराएंगे?
अगर समय निकल चुका है, तब भी विकल्प बंद नहीं हुए हैं। आप अपने क्षेत्र के बूथ-लेवल ऑफिसर (BLO) या इलेक्शन ऑफिस (ERO) से संपर्क करके फॉर्म-6 जमा कर सकते हैं। BLO आपके दस्तावेजों के आधार पर आपका एड्रेस और पहचान सत्यापित कर सकते हैं। यानी प्रक्रिया खत्म नहीं होती, केवल अतिरिक्त समय और दस्तावेज की जरूरत होती है।
जिनका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं आएगा, क्या वे खुद से दोबारा ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं?
हां, बिल्कुल कर सकते हैं। ड्राफ्ट लिस्ट में नाम न आने का मतलब केवल यह है कि आपकी प्रविष्टि अभी स्वीकार नहीं हुई। आप स्वयं नया आवेदन ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। इसके लिए आपको नए मतदाता पंजीकरण वाला फॉर्म-6 भरना होगा।
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें? पूरी प्रक्रिया क्या है?
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया सीधी है। राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (NVSP) nvsp.in पर जाएं। Register as new user पर क्लिक करें और मोबाइल नंबर से लॉगिन बनाएं। Form 6- New Voter Registration चुनें। अपनी जन्मतिथि, पता, पहचान प्रमाण और निवास प्रमाण अपलोड करें। फॉर्म सबमिट कर दें। सबमिशन के बाद BLO आपके पते पर आकर सत्यापन करेगा। सत्यापन ठीक मिलने पर आपका नाम दोबारा मतदाता सूची में जुड़ जाएगा।
अगर किसी मतदाता का डेटा ‘No Mapping’ में गया है, उसका क्या होगा?
No Mapping का मतलब यह है कि आपका पुराना रिकॉर्ड डिजिटल डॉक्यूमेंट से मैच नहीं हुआ। ऐसे मतदाताओं को 50 दिन तक सुनवाई का समय मिलेगा। इस दौरान, आप दस्तावेज जमा करके अपने नाम का सत्यापन करा सकते हैं। BLO/ERO आपकी उपस्थिति, पता और पहचान जांचेंगे। अगर दस्तावेज मिल जाते हैं, तो नाम सूची में बना रहेगा। यदि दस्तावेज उपलब्ध नहीं होते, तो नाम काटा जा सकता है। लेकिन बाद में भी आप फॉर्म-6 से नाम जुड़वा सकते हैं।

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