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पूर्व डीजी जेल IPS राजेंद्र चतुर्वेदी और सरेंडर के वक्त मलखान सिंह
IPS Rajendra Chaturvedi Death: मध्यप्रदेश कैडर के IPS अधिकारी राजेन्द्र चतुर्वेदी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। 7 दिसंबर रात 11 बजे रांची (झारखंड) के अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। पूर्व डीजी जेल रहे IPS अधिकारी राजेन्द्र चतुर्वेदी ने MP के दुर्दांत डकैत मलखान सिंह और फूलन देवी को सरेंडर कराने में अहम भूमिका निभाई थी।
मप्र के जेल महानिदेशक रहे थे IPS चतुर्वेदी
IPS राजेन्द्र चतुर्वेदी MP कैडर के 1969 बैच अधिकारी थे। वे प्रदेश में कई अहम पदों पर रहे। IPS राजेंद्र चतुर्वेदी भिंड, ग्वालियर और छतरपुर एसपी भी रहे। उन्होंने मध्यप्रदेश के जेल महानिदेशक के पद की जिम्मेदारी भी संभाली और वे इसी पद से रिटायर हुए थे।
सख्त, निष्पक्ष शैली के लिए जाने जाते थे IPS चतुर्वेदी
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IPS राजेंद्र चतुर्वेदी सख्त, निष्पक्ष और परिणाम-केंद्रित शैली के लिए जाने जाते हैं। उनकी कार्यशैली में गहरी मानवीय संवेदना भी थी।
चंबल में पोस्टिंग हुई तो चर्चा में आए
IPS राजेंद्र चतुर्वेदी चंबल घाटी में पोस्टिंग के बाद सुर्खियों में आए। उस चंबल में डकैतों का दबदबा था। दुर्दांत डकैत मलखान सिंह का खौफ था। मलखान सिंह का गिरोह न सिर्फ आम लोगों के लिए भय का कारण था, बल्कि कई सरकारों के लिए एक कठिन चुनौती थी।
खू्ंखार डाकू मलखान सिंह ने डाले थे हथियार
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IPS राजेंद्र चतुर्वेदी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक था कुख्यात डाकू मलखान सिंह को सरेंडर के लिए राजी करना। मलखान सिंह के ऊपर सैकड़ों केस दर्ज थे। IPS चतुर्वेदी ने कड़ी कार्रवाई की बजाय संवाद, भरोसा और रणनीति का माहौल बनाया और मलखान सिंह ने सरेंडर करने का फैसला किया।
फूलन देवी के सरेंडर के लिए बनाई रणनीति
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IPS राजेंद्र चतुर्वेदी ने बैंडिट क्वीन के नाम से कुख्यात फूलन देवी के सरेंडर के पीछे भी बड़ी भूमिका निभाई थी। फूलन देवी ने 1983 में मध्य प्रदेश के भिंड में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने सरेंडर किया था। इस हाई प्रोफाइल सरेंडर ऑपरेशन की रणनीति IPS राजेंद्र चतुर्वेदी ने ही बनाई थी। IPS चतुर्वेदी ने फूलन देवी से लंबे वक्त तक बातचीत की थी। फूलन देवी को ये भरोसा दिलाया था कि अगर वे कानून के सामने सरेंडर करती हैं तो उन्हें न्याय और सुरक्षा की गारंटी मिलेगी। फिर फूलन देवी ने सरेंडर कर दिया था।
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