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Veer Bal Diwas 2025
Veer Bal Diwas 2025: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में वीर बाल दिवस के अवसर पर शौर्य, संस्कृति और राष्ट्रप्रेम की अनूठी तस्वीर देखने को मिली, जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) ने मरीन ड्राइव से वीर बाल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग द्वारा आयोजित इस आयोजन में हजारों बच्चों और युवाओं की भागीदारी ने माहौल को भावनात्मक और प्रेरक बना दिया।
5000 से अधिक बच्चों ने दिया साहस और एकता का संदेश
इस भव्य रैली में करीब 5,000 से अधिक स्कूली छात्र-छात्राएं, स्काउट-गाइड और एनसीसी कैडेट्स शामिल हुए। अनुशासित कदमताल, देशभक्ति के नारों और रंग-बिरंगी झांकियों ने यह संदेश दिया कि नई पीढ़ी अपने इतिहास और बलिदानों को केवल याद ही नहीं कर रही, बल्कि उनसे प्रेरणा भी ले रही है।
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गतका और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने जोड़ा दिलों को
वीर बाल रैली में सिख परंपरा की वीरता को दर्शाने वाली गतका कला, सांस्कृतिक कार्यक्रम और साहिबजादों के जीवन पर आधारित झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को इतिहास के उस अध्याय से जोड़ा, जहां आस्था और साहस ने अत्याचार के सामने सिर झुकाने से इनकार कर दिया था।
साहिबजादों का बलिदान पूरी मानवता के लिए प्रेरणा: सीएम साय
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाना केवल एक स्मृति दिवस नहीं, बल्कि साहस और सत्य के मूल्यों को आत्मसात करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादे- बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी ने मात्र 9 और 7 वर्ष की आयु में जो अद्भुत साहस दिखाया, वह इतिहास में अद्वितीय है।
दबाव और प्रलोभन के आगे नहीं झुके बाल वीर
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी कम उम्र में भी साहिबजादों ने किसी दबाव, भय या प्रलोभन के सामने झुकने से इनकार कर दिया और धर्म व सत्य की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह बलिदान केवल सिख समाज के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए मार्गदर्शक है।
गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक
सीएम साय ने गुरु गोबिंद सिंह जी की अमर पंक्तियों- “सवा लाख से एक लड़ाऊँ, चिड़ियन ते मैं बाज लड़ाऊँ” का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पंक्तियाँ आज भी हर भारतीय के भीतर साहस, आत्मविश्वास और संघर्ष की चेतना जगाती हैं। उन्होंने कहा कि साधनों से अधिक महत्वपूर्ण साहस और दृढ़ निश्चय होता है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 से वीर बाल दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की पहल को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों और युवाओं में शौर्य, बलिदान और राष्ट्रप्रेम के मूल्यों को समझने की गहरी भावना विकसित हुई है।
जनप्रतिनिधियों और समाज के प्रमुख लोगों की रही उपस्थिति
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री खुशवंत साहेब ने साहिबजादों के जीवन को निर्भीकता और राष्ट्रप्रथम की भावना का प्रतीक बताया। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने साहिबजादों की शहादत से जुड़े ऐतिहासिक प्रसंग साझा किए। इसके साथ ही रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष, सिख समाज के प्रतिनिधि और समाजसेवी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
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