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National Herald Case Congress PC
National Herald Case Congress PC: नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला है। रायपुर स्थित राजीव भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस सांसद शशिकांत सेंथिल ने आरोप लगाया कि बीजेपी को न तो मजबूत विपक्ष चाहिए और न ही स्वस्थ लोकतंत्र। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड केस इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जहां जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष पर राजनीतिक दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है।
“बिना ठोस अपराध के लगाए गए आरोप”
सांसद शशिकांत सेंथिल ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में अदालत ने खुद कई सवाल खड़े किए हैं और यह स्पष्ट हुआ है कि बिना किसी ठोस आपराधिक आधार के आरोप लगाए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि एक निजी शिकायत के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की और बिना प्रत्यक्ष आपराधिक लेन-देन के पीएमएलए जैसे सख्त कानून का इस्तेमाल किया गया। सेंथिल ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि यह विपक्ष को डराने की सुनियोजित कोशिश है।
“कांग्रेस मुक्त भारत” पर साधा निशाना
कांग्रेस सांसद ने कहा कि बीजेपी का ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का नारा दरअसल लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने की सोच को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल कर विपक्षी दलों को खत्म करना चाहता है, जो देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
मनरेगा में बदलाव को बताया मजदूर विरोधी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शशिकांत सेंथिल ने मनरेगा योजना में किए गए बदलावों को लेकर भी केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अब केवल नाम तक सीमित कर दी गई है, जबकि इसकी मूल भावना को कमजोर किया जा रहा है। पहले यह मांग आधारित योजना थी, जिसमें राज्यों को जरूरत के अनुसार काम मिलता था, लेकिन अब इसे सीमित बजट वाली योजना बना दिया गया है।
संघीय ढांचे पर हमला: सेंथिल
सेंथिल ने कहा कि नए प्रावधानों के तहत पंचायतों को मजदूरों को यह कहकर लौटाना पड़ रहा है कि बजट नहीं है। उन्होंने 60:40 जैसे नियमों और केंद्र द्वारा यह तय करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे राज्यों के अधिकार छीने जा रहे हैं। उनके मुताबिक यह संघीय ढांचे पर सीधा हमला है।
सड़क से संसद तक आंदोलन का ऐलान
कांग्रेस सांसद ने साफ कहा कि पार्टी इन फैसलों के खिलाफ सड़क से संसद तक आंदोलन करेगी। उन्होंने दावा किया कि जिस तरह केंद्र सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने पड़े थे, उसी तरह मनरेगा से जुड़े जनविरोधी फैसलों को भी वापस लेना पड़ेगा। सेंथिल ने कहा कि मजदूरों को कमजोर समझना सरकार की भूल है, क्योंकि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ना जानते हैं।
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