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CG School Education
CG School Education: छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा व्यवस्था को तकनीकी रूप से मजबूत और पारदर्शी बनाने की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय और इंद्रावती भवन के बाद अब प्रदेश के सभी स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी करते हुए सभी जिलों में मोबाइल ऐप के जरिए अटेंडेंस सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश
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स्कूल शिक्षा विभाग (CG School Education Department) के अवर सचिव आरपी वर्मा ने सभी संभागीय संयुक्त संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर कहा है कि शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति अब “विद्या समीक्षा केन्द्र” मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज की जाएगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि रोजाना की अनिवार्य प्रक्रिया होगी।
अब 26 नए जिलों में भी लागू होगी ऑनलाइन अटेंडेंस
आदेश में बताया गया है कि फिलहाल राज्य के 7 जिलों में ऑनलाइन अटेंडेंस की व्यवस्था पहले से लागू है, जहां शिक्षक नियमित रूप से मोबाइल ऐप में उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। अब राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि शेष 26 जिलों में भी शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए यह व्यवस्था लागू की जाएगी। इससे प्रदेशभर में स्कूलों की उपस्थिति व्यवस्था एक समान हो जाएगी।
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‘विद्या समीक्षा केन्द्र’ ऐप से दर्ज होगी रोजाना हाजिरी
विभाग के अनुसार शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति के लिए “विद्या समीक्षा केन्द्र” नाम का मोबाइल ऐप तैयार किया गया है, जो प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इसी ऐप के जरिए स्कूल स्तर पर रोजाना अटेंडेंस दर्ज की जाएगी। यह डेटा सीधे केंद्र सरकार के अधीन “राष्ट्रीय विद्या समीक्षा केन्द्र” को भेजा जाएगा, जहां इसकी नियमित समीक्षा भी की जाएगी।
शिक्षा व्यवस्था में आएगी पारदर्शिता और जवाबदेही
सरकार का मानना है कि ऑनलाइन अटेंडेंस व्यवस्था से स्कूलों में पारदर्शिता बढ़ेगी और शिक्षकों तथा छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित हो सकेगी। साथ ही, राज्य और केंद्र स्तर पर शिक्षा से जुड़े आंकड़े वास्तविक समय में उपलब्ध होंगे, जिससे योजनाओं की मॉनिटरिंग और नीति निर्धारण आसान होगा।
शिक्षा विभाग ने दिए सख्त निर्देश
स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने संभाग और जिलों में इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कराएं। विभाग ने संकेत दिए हैं कि लापरवाही या आदेशों की अनदेखी को गंभीरता से लिया जाएगा। आने वाले दिनों में यह डिजिटल व्यवस्था छत्तीसगढ़ की स्कूली शिक्षा प्रणाली की नई पहचान बन सकती है।
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