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Biometric Attendance in UP
Up Doctors Biometric Attendance: उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए अब बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है। यह फैसला सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. रतन पाल सिंह सुमन ने इस संबंध में सभी जिलों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। UP Health Department Action
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किन-किन स्वास्थ्य इकाइयों में लागू होगा आदेश
स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के अनुसार जिला अस्पताल, पुरुष व महिला चिकित्सालय, संयुक्त चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में तैनात सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस दर्ज करानी होगी। इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय और अपर निदेशक मंडल के कार्यालयों में भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी।
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दो चरणों में होगा बायोमेट्रिक सिस्टम लागू
स्वास्थ्य विभाग ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस को लागू करने के लिए दो चरणों की योजना बनाई है। पहले चरण में सभी अस्पतालों और सीएचसी में बायोमेट्रिक उपकरण लगाए जाएंगे। इसके बाद दूसरे चरण में प्रदेश के सभी पीएचसी में यह व्यवस्था शुरू की जाएगी। विभाग ने उपकरण लगाने के लिए करीब दो महीने का समय तय किया है।
वेतन अब हाजिरी से जुड़ा होगा
महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य ने साफ किया है कि बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही डॉक्टरों और कर्मचारियों का वेतन जारी किया जाएगा। यानी जो कर्मचारी नियमित रूप से बायोमेट्रिक हाजिरी दर्ज नहीं कराएंगे, उनके वेतन पर असर पड़ सकता है। इससे कर्मचारियों में जवाबदेही बढ़ने की उम्मीद है।
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हजारों कर्मचारियों पर पड़ेगा असर
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में लगभग 8,500 डॉक्टर, 6,500 फार्मासिस्ट, 2,200 लैब टेक्नीशियन, 820 एक्स-रे टेक्नीशियन, करीब 5,000 नर्स और 15,000 से अधिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत हैं। इनके अलावा ईसीजी टेक्नीशियन, लैब अटेंडेंट और डार्क रूम टेक्नीशियन भी इस व्यवस्था के दायरे में आएंगे।
ग्रामीण इलाकों में उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश
सरकार लंबे समय से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में डॉक्टरों की अनुपस्थिति को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है। कई मामलों में लंबे समय तक अनुपस्थित रहने वाले डॉक्टरों को बर्खास्त भी किया गया है। बायोमेट्रिक हाजिरी लागू होने के बाद सभी कर्मचारियों की निगरानी आसान होगी और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इस फैसले से सरकारी अस्पतालों में समय पर इलाज, मरीजों को बेहतर सुविधा और सिस्टम में पारदर्शिता आएगी।
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