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Codeine Cough Syrup Smuggling Case: कोडीन सिरप तस्करी मामले में शुभम जायसवाल और विकास सिंह नर्वे को NBW जारी, FIR दर्ज

कोडीन कफ सिरप तस्करी में फरार आरोपी शुभम जायसवाल और विकास सिंह नर्वे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी। लखनऊ जिला अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी कर पुलिस को गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं।

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Shaurya Verma
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Codeine Cough Syrup Smuggling Case: कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले में फरार चल रहे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। लखनऊ की जिला अदालत ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज एफआईआर के आधार पर शुभम जायसवाल और विकास सिंह नर्वे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी कर दिए हैं। अदालत के आदेश के बाद पुलिस और एसटीएफ की टीमें दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही हैं। Codeine Smuggling Network

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सुशांत गोल्फ सिटी FIR में दोनों आरोपी नामजद

फरवरी 2024 में सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले की जांच के दौरान शुभम जायसवाल (Shubham Jaiswal NBW) और विकास सिंह नर्वे (Vikas Singh Narve NBW) की भूमिका सामने आई। केस डायरी में मौजूद साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने अदालत से NBW जारी करने की मांग की थी, जिसे लखनऊ जिला अदालत ने मंजूरी दे दी।

विकास सिंह निकला नेटवर्क का मुख्य ऑपरेटर

जांच एजेंसियों के मुताबिक, आजमगढ़ निवासी विकास सिंह नर्वे पूरे Codeine Syrup Smuggling Network का बड़ा संचालक बनकर सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ कि विकास नर्वे ने 27 फर्जी कंपनियां बनाकर कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध खरीद, बिक्री और सप्लाई का नेटवर्क तैयार किया था। 

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फर्जी फर्मों के सहारे कागजी लेन-देन

पुलिस और एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया कि इन फर्जी फर्मों के नाम पर कफ सिरप की खेप अलग-अलग जिलों और राज्यों में भेजी जाती थी। ई-वे बिल, ट्रांसपोर्ट दस्तावेज और बिलिंग सिस्टम में बड़े स्तर पर गड़बड़ी पाई गई है। अब जांच एजेंसियां इन फर्मों से जुड़े बैंक खातों, वित्तीय लेन-देन और संपत्तियों की भी जांच कर रही हैं। 

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पहले शुभम फरार फिर विकास भूमिगत 

जांच एजेंसियों के अनुसार, जैसे ही मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल फरार हुआ, उसके तुरंत बाद विकास सिंह नर्वे भी अंडरग्राउंड हो गया। दोनों के बीच लगातार संपर्क और नेटवर्क संचालन से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक सबूत जांच में मिले हैं। पुलिस का मानना है कि फरारी के दौरान भी नेटवर्क को सक्रिय बनाए रखने की कोशिश की गई।

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NBW जारी

गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस और एसटीएफ की टीमें संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद Prayagraj और Lucknow Codeine Syrup Case से जुड़े कई अन्य नाम भी सामने आ सकते हैं। 

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पूरा मामला

फरवरी 2024 में सुशांत गोल्फ सिटी थाने में प्रतिबंधित कोडीनयुक्त कफ सिरप की बड़ी खेप बरामद की गई थी। जांच आगे बढ़ने पर शुभम जायसवाल के नेटवर्क का खुलासा हुआ। 12 नवंबर 2024 को एसटीएफ ने सहारनपुर से विभोर राणा और विशाल सिंह को गिरफ्तार किया था। इसके बाद एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह और अमित टाटा को भी गिरफ्तार किया गया। 

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