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Mahoba Retired Railway Employee Death: महोबा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी और उसकी मानसिक रूप से बीमार बेटी को उनके ही नौकर दंपती द्वारा सालों तक कैद में रखने का आरोप लगा है। बुजुर्ग की मौत के बाद यह मामला उजागर हुआ और घर से मिली उनकी बेटी की हालत ने सभी को झकझोर दिया। जिला पुलिस इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है।
कैद में बुजुर्ग की दर्दनाक मौत
शहर कोतवाली क्षेत्र की हिंद टायर गली में रहने वाले रेलवे से सेवानिवृत्त सीनियर क्लर्क (Senior Clerk) ओमप्रकाश सिंह राठौर, उम्र 70 वर्ष, अपनी 27 वर्षीय मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटी रश्मि के साथ रहते थे। उनकी पत्नी की मौत वर्ष 2016 में हो चुकी थी। देखभाल के लिए ओमप्रकाश ने चरखारी निवासी नौकर रामप्रकाश कुशवाहा और उसकी पत्नी रामदेवी को काम पर रखा था। आरोप है कि इसी दंपती ने धीरे-धीरे घर पर कब्जा कर लिया और पिता-पुत्री को नीचे के कमरों में बंद कर दिया। परिजन मिलने आते तो नौकर दंपती बहाने बनाकर उन्हें लौटा देता कि वे किसी से मिलना नहीं चाहते। Mahoba Servant Couple Captive Case
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सोमवार को ओमप्रकाश की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने पर जब परिजन घर पहुंचे, तो अंदर का नजारा देख उनके होश उड़ गए। ओमप्रकाश का शरीर अत्यधिक कुपोषण के कारण पूरी तरह सूख चुका था। वहीं उनकी बेटी रश्मि एक अंधेरे कमरे में नग्न और असहाय हालत में मिली, जैसे महीनों से भूखी-प्यासी हो। वह किसी बुजुर्ग की तरह कंकाल जैसी दिख रही थी और उसके शरीर पर मांस का नामोनिशान नहीं था। परिजनों ने उसे तुरंत अपने साथ ले जाकर देखभाल शुरू कर दी है। Servant Couple Crime
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नौकर दंपती का संपत्ति कब्जाने की साजिश
ओमप्रकाश के भाई अमर सिंह का आरोप है कि नौकर दंपती ने पूरी घटना सुनियोजित तरीके से अंजाम दी। उन्हें संदेह है कि मकान और बैंक बैलेंस हड़पने के लिए नौकर ने पिता-पुत्री को कैद में रखा, खाना नहीं दिया और इलाज से भी वंचित रखा। परिजनों ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से नौकर मिलने नहीं देता था, लेकिन उन्होंने भरोसा किया कि ओमप्रकाश स्वेच्छा से किसी से मिलना नहीं चाहते। वहीं स्थानीय लोग भी इस बात से सदमे में हैं कि किसी प्रतिष्ठित रेलकर्मी के साथ इस तरह की अमानवीय हरकत हो सकती है।
पड़ोसियों ने बताया कि नौकर दंपती ऊपर के कमरों में आराम से रहते थे और नीचे बंद पिता-पुत्री की हालत दयनीय होती जा रही थी। कई बार आसपास के लोगों ने उनकी स्थिति जानने की कोशिश की, लेकिन नौकर ने उन्हें बहला-फुसलाकर वापस भेज दिया। Mahoba Crime Case
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पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव
ओमप्रकाश के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। सीओ अरुण कुमार सिंह ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का वास्तविक कारण स्पष्ट होगा। उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय तक किसी को कैद में रख पाना सामान्य परिस्थिति में संभव नहीं लगता, इसलिए पुलिस सभी पहलुओं की पड़ताल कर रही है।
परिजनों के सामने यह सवाल भी उठ रहा है कि जब वर्षों तक ओमप्रकाश और उनकी बेटी से मिलने नहीं दिया गया, तो परिवार ने मजबूरन पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की। हालांकि, परिवार का कहना है कि नौकर उनकी मानसिक स्थिति का हवाला देकर हर बार उन्हें भ्रमित करता था।
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