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Codeine Syrup Smuggling: कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले में खुलासा - इंटर और BA पास को दे दिए गए फर्जी लाइसेंस

कोडीन युक्त कफ सिरप तस्करी कांड में मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया। ED और पुलिस ने जांच तेज कर दी है। फर्जी ड्रग लाइसेंस, करोड़ों की बिक्री और फरार मास्टरमाइंड पर कार्रवाई जारी है।

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Shaurya Verma
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रिपोर्ट - अभिषेक सिंह  

Codeine Syrup Smuggling: सैकड़ों करोड़ रुपए की कोडीन युक्त कफ सिरप तस्करी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस ड्रग रैकेट का मास्टरमाइंड माने जाने वाले शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद जायसवाल को सोनभद्र पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद इस पूरे नेटवर्क की जांच और तेज हो गई है। वहीं झारखंड स्थित भोला प्रसाद की फर्म शैली ट्रेडर्स पर भी पुलिस और ED की गहन जांच जारी है।

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इस बड़े कफ सिरप तस्करी मामले में अब ड्रग विभाग की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि बिना योग्यताओं की जांच किए कई लोगों को फर्जी ड्रग लाइसेंस जारी किए गए। इसी कड़ी में वाराणसी पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है।

इंटर और BA पास को दे दिए गए लाइसेंस

पुलिस जांच में सामने आया है कि कफ सिरप किंग शुभम जायसवाल का वाराणसी स्थित संचालन देवेश जायसवाल देखता था। देवेश ही उन लोगों को ढूंढता था जिन्हें कम समय में अमीर बनने का लालच दिया जाता था। लोगों को प्रति शीशी ₹1 का लालच देकर उनके नाम पर ड्रग लाइसेंस बनवाए गए और इस अवैध नेटवर्क में जोड़ा गया।

गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि ड्रग विभाग की मिलीभगत से उन्हें बिना योग्यता के लाइसेंस जारी कर दिए गए। कुछ ही महीनों में दोनों आरोपियों ने 2 करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री कर डाली। 

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मीडिया के सामने पेश किया आरोपियों को 

काशी जोन के डीसीपी गौरव वंशवाल ने दोनों आरोपियों को मीडिया के सामने पेश किया। आरोपियों ने बताया कि कमाई के लालच में वे कोडीन कफ सिरप तस्करी का हिस्सा बन गए थे। कारोबार इतना बड़ा था कि उनके खातों में अचानक करोड़ों का लेनदेन होने लगा, जिसके बाद उन्हें ड्रग विभाग की ओर से नोटिस भी मिला। नोटिस मिलने पर उन्होंने कुछ समय के लिए काम रोक दिया था।

पुलिस ने खुलासा किया कि दोनों आरोपी दूसरे लोगों की गाड़ियों के नंबर पर ई-वे बिल जेनरेट करते थे और उसी आधार पर माल की सप्लाई अलग-अलग राज्यों में की जाती थी। 

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मुख्य आरोपी अभी भी फरार

सबसे बड़ा सवाल अभी भी वही है—कफ सिरप रैकेट का सरगना शुभम जायसवाल कहां है? शुभम जायसवाल अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। कुछ दिन पहले उसने एक वीडियो जारी कर खुद को बेगुनाह बताया था। पुलिस ने बताया कि अभी तक उस वीडियो की IP लोकेशन ट्रेस नहीं की जा सकी है और न ही उसके ठिकाने का कोई सुराग मिला है।

ED और सोनभद्र पुलिस की लगातार कार्रवाई

इस बड़े कफ सिरप तस्करी गिरोह की जांच में ED भी एक्टिव हो गई है। वाराणसी में शुभम के करीबी और काले कारोबार का हिसाब रखने वाले CA विष्णु अग्रवाल को सोनभद्र पुलिस की SIT ने नोटिस भेजा है। इसके अलावा शुभम जायसवाल के वाराणसी स्थित घर पर भी ED ने नोटिस चस्पा किया है और उसे आज की तारीख में पेश होने का निर्देश दिया गया है।  

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