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रिपोर्ट - प्रदीप कौशिक
Bijnor DM House Attachment: मुरादाबाद की LARRA कोर्ट (LARRA Court Order) ने शनिवार को बिजनौर की जिलाधिकारी जसजीत कौर के सरकारी आवास को कुर्क करने का आदेश जारी किया। आरोप है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी याचिकाकर्ता उमेश को मुआवजे के 25 लाख रुपए नहीं मिले। डीएम जसजीत कौर ने 5 साल से मामले को लटकाकर रखा है। जिस वजह से कोर्ट ने जिलाधिकारी को मुरादाबाद कोर्ट में 9 जनवरी को तलब किया है। Bijnor Land Acquisition Case
कोर्ट ने बिजनौर DM का सरकारी आवास कुर्क कर वादी को धनराशि (मुआवजा) दिलाने का आदेश जारी किया है। LARRA का मतलब- भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्था-पन प्राधिकरण से है। इसे अंग्रेजी में Land Acquisition Rehabilitation and Resettlement Authority कहते हैं। कोर्ट ने रजिस्ट्री की शर्तों को तय करने के लिए 9 जनवरी को डीएम बिजनौर को हाजिर होने का आदेश दिया है।
रिमाइंडर के बाद भी नही मिला मुआवजे
याचिकाकर्ता उमेश का कहना है कि 13 मार्च 2020 को कोर्ट ने मुआवजा देने का फैसला कर दिया था। लेकिन कई बार याद दिलाने के बाद भी जिला प्रशासन ने अभी तक पैसे नहीं दिए। पीड़ित के वकील ने बताया कि जमीन के मुआवजे पर डीएम बिजनौर ने अदालत में कोई रिपोर्ट भी जमा नहीं की।
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6 महीने में निपटना था मामला
यह केस पिछले 4 साल से अदालत में चल रहा था। वादी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि हर ऐसे मामले को 6 महीने के अंदर निपटाना जरूरी होता है। कोर्ट पहले ही जरूरी नोटिस और आदेश जारी कर चुकी है, लेकिन फिर भी डीएम की ओर से मुआवजा नहीं दिया गया।
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LARRA कोर्ट ने जारी किया आदेश
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुरादाबाद की LARRA कोर्ट ने आदेश दिया कि बिजनौर डीएम के सरकारी आवास को कुर्क किया जाए। आदेश में यह भी कहा गया कि कुर्की के दौरान डीएम इस घर को न तो बेच सकते हैं और न किसी तरह का आर्थिक फायदा उठा सकते हैं। हालांकि, वह इसे सरकारी आवास के रूप में इस्तेमाल करते रह सकेंगी।
कोर्ट ने डीएम बिजनौर को 9 जनवरी 2026 को पेश होकर इस कुर्क संपत्ति के विक्रय से जुड़ी शर्तों पर जवाब देने का निर्देश दिया है।
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बिजनौर जिलाधिकारी ने सफाई में क्या कहा
बिजनौर की जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बताया कि लैंड एक्विजिशन ट्रिब्यूनल मुरादाबाद के जज जैग़म उद्दीन (Jagdam Uddin Court Order) ने एक पुराने केस उमेश बनाम सरकार (Umesh vs Government Case) में बड़ा आदेश दिया है। सिंचाई विभाग को पिटीशनर उमेश को 25 लाख 23 हजार रुपये देने थे, लेकिन विभाग ने अब तक पैसा नहीं दिया। इसी वजह से ट्रिब्यूनल ने डीएम आवास, बिजनौर को कुर्क (सील) करने का आदेश दे दिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि कोशिश की जाएगी कि अगली तारीख से पहले सरकार सिंचाई विभाग को यह राशि जारी कर दे, ताकि पिटीशनर को समय पर भुगतान हो सके। साथ ही यह भी जांच होगी कि शासन को फंड की मांग भेजने में देरी किस अधिकारी या कर्मचारी ने की। जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। DM Jasjeet Kaur News
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