नई दिल्ली। अगर आपकी भी Parenting Tips संतान है और आप इस बात kids sleeping alon tips को लेकर परेशान हैं कि बच्चा अलग कमरे में नहीं सोता, या आप उसे अलग कमरे में सुलाने की शुरूआत करना चाहते हैं तो ये खबर उन पेरेंट्स के लिए ही है। दरअसल बच्चों को अलग सुलाने के लिए एक्सपर्ट ने खास वजह और उम्र बताई है जिसे ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। तो चलिए विशेषज्ञों से जानते हैं कि बच्चों को अलग सुलाने की सही उम्र क्या है।
बच्चों को अलग सुराग सुनाने की जरूरत क्यों पड़ती है – bachhon ko alag sulane ki jarurat kyon
जानकारों और विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को Kids Sleeping Alon Tips भावात्मक रूप से मजबूत करने के लिए उन्हें अलग सुलाने की आदत डालनी चाहिए। साथ ही ये काम इसलिए भी जरूरी है ताकि बच्चों के मन से डर निकल जाए। कई बार ऐसा होता है बच्चे शुरू से ही मां -बाप के साथ सोते है। इसलिए उनके मन से डर नहीं निकल पाता है। कभी-कभी घर में चूहा-छछुंदरों की आवाजों से भी बच्चे डर जाते हैं।
बच्चों को अलग सुलाने की सही उम्र क्या है – bachhon ki alag sulane ki sahi umra kya hai
बच्चों को अलग सुलाने की उम्र की बात करें तो ऐसा माना जाता है कि एक साल तक बच्चों को अपने साथ सुलाना चाहिए। उसके बाद धीरे-धीरे उसमें परिवर्तन करते हुए बाजू वाले विस्तर सुलाना सिखाएं। इसके बाद जब वो 5 से 6 साल का हो जाए तो उसे अलग कमरे में सुलाने की आदत डालें।
कैसे करें इस काम की शुरूआत – kaise karen bachhon ko alag sulane ki shurat
हर बच्चे की अपनी खासियत होती है। प्यार और सुरक्षा उनकी जरूरत होती है। पैरेंट्स को कभी भी एक दिन अचानक से उन्हें अलग नहीं सुलाने की आदत डालनी चाहिए। जब ऐसा करना हो तब शुरुआत में बच्चे को साथ लेकर सोए। फिर अपने बगल में ही बेड पर सुलाएं और फिर धीरे.धीरे उन्हें अलग कमरा दें। कई बच्चे इतने समझदार होते हैं कि वे खुद ही समझ जाते हैं कि अब उन्हें अलग सोना चाहिए। इसलिए ध्यान रखें कि जब भी बच्चे को अलग रूम में शिफ्ट करें। कमरा उस तरीके से रखें। जैसा बच्चे को पसंद है। इससे वह ज्यादा से ज्यादा समय वहीं गुजारेगा और फिर सोना भी उसे वहीं अच्छा लगने लगेगा।
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