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VIT Bhopal Update:सीहोर जिले में स्थित वीआईटी भोपाल यूनिवर्सिटी में 25 नवंबर की रात भड़की हिंसा और आगजनी के बाद मामला अब सरकार के स्तर पर बेहद गंभीर हो गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय के चांसलर को मप्र निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2007 की धारा 41(1) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिन में विस्तृत जवाब मांगा है। विभाग ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि उचित स्पष्टीकरण नहीं मिला, तो धारा 41(2) के तहत प्रबंधन बोर्ड को निलंबित कर यूनिवर्सिटी में प्रशासक नियुक्त किया जा सकता है।

यूनिवर्सिटी का तानाशाही रवैया
नोटिस में उस जांच रिपोर्ट का हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया है कि वीआईटी परिसर को एक किले की तरह चलाया जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि छात्रों को लगातार डराया-धमकाया जाता है। कई विद्यार्थियों के आई-कार्ड जब्त करने, प्रैक्टिकल में कम अंक देने की धमकी देने और परीक्षा से रोकने जैसे मामलों का उल्लेख किया गया है। यूनिवर्सिटी में करीब 15,000 छात्र पढ़ते हैं, जिनमें से लगभग 13,000 हॉस्टल में रहते हैं, इसलिए अव्यवस्थाओं का प्रभाव अधिक व्यापक बताया गया है।
क्या है धारा 41 (1) और 41 (2)
धारा 41(1) सरकार को यह अधिकार देती है कि किसी निजी विश्वविद्यालय में गंभीर गड़बड़ी दिखने पर उसे नोटिस जारी कर पूछा जाए कि ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय को बंद क्यों न कर दिया जाए। वहीं धारा 41(2) सरकार को गजट आदेश जारी कर विश्वविद्यालय में प्रशासक नियुक्त करने का अधिकार देती है।
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4 हजार छात्रों ने किया प्रदर्शन
25-26 नवंबर की रात वीआईटी कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले छात्रों ने खराब भोजन और दूषित पानी को लेकर लंबे समय से शिकायतें उठाई थीं। छात्रों का आरोप है कि घटिया खाने और गंदे पानी के कारण कई विद्यार्थी पीलिया से संक्रमित हुए। इसी बीच 19 वर्षीय छात्रा नेहा साहुकार की पीलिया के लक्षणों के दौरान मौत की खबर ने छात्रों के गुस्से को भड़का दिया। कॉलेज प्रशासन ने मौत की अफवाहों को गलत बताया, लेकिन छात्रों का असंतोष शांत नहीं हुआ।
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कई छात्रों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने हॉस्टल की समस्याओं को लेकर आवाज उठाई, तो वार्डन और गार्ड्स ने उनके साथ हाथापाई की। इसके बाद करीब 4 हजार छात्र अचानक उग्र हो गए। उन्होंने परिसर में खड़ी बसों, कारों और एक एम्बुलेंस में तोड़फोड़ की और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
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परिस्थिति नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस की तैनाती
हंगामा बढ़ता देख प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात किया। इसके बाद हालात काबू में आए, लेकिन यूनिवर्सिटी ने स्थिति सामान्य करने के लिए 8 दिसंबर तक अवकाश घोषित कर दिया। इसी घटनाक्रम के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने जांच कमेटी गठित की और रिपोर्ट आने के बाद अब प्रबंधन से सात दिनों में जवाब तलब किया गया है।
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