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MP Vidhansabha 69th Anniversary: मध्यप्रदेश विधानसभा 69वीं वर्षगांठ के अवसर पर बुधवार, 17 दिसंबर 2025 को एक दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा। इस सत्र का मुख्य एजेंडा 'विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध मध्यप्रदेश' के विजन को जमीन पर उतारने पर केंद्रित होगा। जिसमें बीजेपी और कांग्रेस विधायक विकसित एमपी के लक्ष्य के लिए सुझाव देंगे।
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर की पहल पर एक दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया जा रहा है। सत्र के अवसर पर राज्यपाल मंगु भाई पटेल विधानसभा परिसर में विशेष प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे। यह प्रदर्शनी दो मुख्य विषयों पर केंद्रित होगी। पहला विधानसभा की 1956 से अब तक सात दशक की यात्रा और मध्यप्रदेश सरकार के दो वर्ष के विकास कार्यों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। शुभारंभ समारोह में विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, मंत्रिगण और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहेंगे।
सत्र का उद्देश्य: विकसित मध्यप्रदेश का लक्ष्य
विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि 17 दिसंबर का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि इसी दिन 1956 में मध्यप्रदेश विधानसभा की पहली बैठक आहूत की गई थी।
चिंतन एवं दायित्व: सत्र में सभी सदस्य इस बात पर विचार व्यक्त करेंगे कि विकसित मध्यप्रदेश के लक्ष्य को धरातल पर उतारने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
नए कीर्तिमान: तोमर ने कहा कि प्रदेश अनेक क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित कर चुका है, लेकिन अब हमारी पीढ़ी का दायित्व है कि हम विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण का चिंतन करें और सटीक कदम उठाएं।
राष्ट्रीय संकल्प: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के "विकसित भारत" के संकल्प की सिद्धि के लिए विकसित मध्यप्रदेश जरूरी है, और इसमें विधायिका की भूमिका महत्वपूर्ण है।
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विधानसभा का इतिहास: 69 वर्ष की यात्रा
गठन: राज्य पुनर्गठन आयोग की अनुशंसा पर 1 नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश राज्य का गठन हुआ था।
प्रथम सत्र: प्रथम सत्र की अवधि 17 दिसंबर 1956 से 17 जनवरी 1957 थी, और पहली बैठक 17 दिसंबर 1956 को हुई थी।
वर्तमान स्थिति: तब से अब तक 16 विधानसभाएं गठित हो चुकी हैं, और वर्तमान में 16वीं विधानसभा कार्यरत है।
ऐतिहासिक चित्र प्रदर्शनी (136 दुर्लभ चित्र)
विधानसभा परिसर में लगाई जा रही यह प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र होगी, जिसमें 136 चित्र प्रदर्शित किए जाएंगे।
दुर्लभ तस्वीरें: प्रदर्शनी में प्रथम विधानसभा से लेकर वर्तमान 16वीं विधानसभा तक के महत्वपूर्ण अवसरों के कुछ दुर्लभ चित्र शामिल हैं।
5000+ जन प्रतिनिधियों का योगदान: यह प्रदर्शनी मध्यप्रदेश के 5 हजार से अधिक जन प्रतिनिधियों के योगदान को याद कराती है।
आम नागरिकों के लिए: यह प्रदर्शनी विद्यार्थियों, विशिष्ट जनों और आम नागरिकों के लिए 18 से 25 दिसंबर के बीच खुली रहेगी। प्रवेश के लिए आधार कार्ड या शैक्षणिक संस्था का परिचय पत्र जरूरी होगा।
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