/bansal-news/media/media_files/2025/12/15/mp-colonizer-act-2025-12-15-13-48-37.jpg)
MP Colonizer Act Update: मध्यप्रदेश की ग्राम पंचायतों में बहुत जल्द कॉलोनाइजर एक्ट (Colonizer Act) लागू किया जाएगा। इसके बाद तेजी से बढ़ी अवैध कॉलोनियों में कमी आ सकती है।
प्रदेश के बड़े शहरों जैसे भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन के बाहरी हिस्सों में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है। शहरों में प्रॉपर्टी के ऊंचे दामों के कारण लोग शहर से बाहर जाने को मजबूर है, जिसका फायदा कॉलोनाइजर ग्राम पंचायतों के क्षेत्रों में नई कॉलोनियां काटकर उठा रहे हैं। ​
अधिकांश कॉलोनाइजर नगरों से सटी ग्राम पंचायतों के आसपास कॉलोनियां विकसित करने का दावा करते है, लेकिन सालों तक सड़क, पानी, बिजली जैसी जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पाती है। ऐसे में प्रदेश सरकार अब उन अवैध कॉलोनियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। जिसको लेकर प्रस्ताव तैयार जा रहा है।
समस्या की जड़
आसान अनुमतियां: ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण पंचायतों में कॉलोनाइजेशन की अनुमतियां आसानी से मिल जाती हैं और निगरानी भी कम होती है।
अधोसंरचना का अभाव: कॉलोनाइजर नियम और शर्तों के अनुसार जरूरी अधोसंरचना का विकास नहीं करते और न ही खाली जमीन छोड़ते हैं।
आश्रय शुल्क का दुरुपयोग: आश्रय शुल्क जिला पंचायत में जमा तो होता है, पर इसका उपयोग संबंधित क्षेत्र के विकास के लिए नहीं हो पाता।
नगरीय निकायों पर बोझ: जब ये अविकसित क्षेत्र बाद में नगरीय निकायों में शामिल होते हैं, तो वहां विकास कार्यों की मांग उठती है, जिससे निकायों पर वित्तीय दबाव बढ़ जाता है।
मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा प्रस्ताव
इस गंभीर समस्या को देखते हुए, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि नियमों में बदलाव किया जाए ताकि अवैध कॉलोनियों का निर्माण रोका जा सके और जो बन चुकी हैं, वहां विकास कार्य पूरी तरह हो सके। इन नगरीय क्षेत्र से सटी हुई पंचायतों में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के कॉलोनाइज़र एक्ट के प्रावधान लागू किए जाएंगे। इससे पहले मंजूरी के लिए प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।
ये भी पढ़ें: लाड़ली बहनों पर धमकी वाले बयान से पलटे मंत्री विजय शाह, बोले- ये बातें भ्रामक, मेरे दिल में कोई दुर्भावना नहीं
नए नियमों का स्वरूप
नगरीय नियमों का विस्तार: शहरी क्षेत्रों में लागू कॉलोनाइजर नियमों को अब शहरों से सटी पंचायतों में भी अपनाया जाएगा।
कठिन अनुमतियां: नक्शा पास कराने से लेकर अन्य सभी अनुमतियां अब नगरीय क्षेत्रों की तरह लेनी होंगी।
अनिवार्य अधोसंरचना: कॉलोनाइजर को जरूरी अधोसंरचना विकास के काम अनिवार्य रूप से करने होंगे।
कार्रवाई का प्रावधान: नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सहमति बाद किए जाएंगे जरूरी संशोधन
वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के नियम लागू होते हैं। इसलिए, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी सहमति बनाएंगे। दोनों विभाग अपने-अपने नियमों में जरूरी संशोधन करेंगे।
ये भी पढ़ें:आकस्मिक अवकाश चाहिए तो अब 3 दिन पहले देना होगा आवेदन, MP में कर्मचारियों की छुट्टी के नियमों में बदलाव
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/12/01/2025-12-01t081847077z-new-bansal-logo-2025-12-01-13-48-47.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें