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MP New Leave Rules: सीएल चाहिए तो अब 3 दिन पहले देना होगा आवेदन, एमपी में कर्मचारियों की छुट्टी के नियमों में बदलाव

मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन (MPSEDC) ने आकस्मिक अवकाश के लिए 3 दिन पहले आवेदन करना अनिवार्य कर दिया है, जिससे कर्मचारी असहज हैं। साथ ही अर्न लीव की सीमा 60 से घटाकर 30 कर दी गई है।

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Vikram Jain
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ऑफिस की सांकेतिक फोटो।

MPSEDC Employee New Leave Rules: मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन (Madhya Pradesh Electronics Development Corporation) ने अपने कर्मचारियों के लिए नियम अचानक बेहद सख्त कर दिए हैं। कार्पोरेशन प्रबंधन ने आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) और कार्यालय में उपस्थिति (Office Timing) को लेकर ऐसे आदेश जारी किए हैं, जिसने कर्मचारियों को चौंका दिया है।
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सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब आकस्मिक अवकाश के लिए भी कर्मचारियों को कम से कम तीन दिन पहले आवेदन देना होगा। कर्मचारियों का आरोप है कि ये नियम एकतरफा हैं, जबकि प्रबंधन का कहना है कि ये बदलाव कर्मचारियों द्वारा नियमों के दुरुपयोग को रोकने के लिए किए गए हैं।

छुट्टी और ऑफिस टाइमिंग को लेकर आदेश

मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन (MPSEDC) ने अपने स्टाफ के लिए छुट्टी और ऑफिस टाइमिंग से संबंधित नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। नए आदेश के अनुसार अब आकस्मिक छुट्टी के लिए तीन दिन पहले आवेदन करना अनिवार्य होगा। साथ ही, अर्न लीव की सीमा 60 से घटाकर 30 कर दी गई है। इन बदलावों से कर्मचारियों में काफी नाराजगी है, क्योंकि वे इसे अव्यावहारिक मान रहे हैं।

कार्पोरेशन ने नियमों में किया बदलाव

  • आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) के लिए अनिवार्य: कर्मचारियों को अब आकस्मिक अवकाश के लिए कम से कम तीन दिन पहले आवेदन जमा करना अनिवार्य होगा।
  • अर्न लीव में कटौती: कर्मचारियों की अर्न लीव (Earned Leave) की अधिकतम सीमा 60 से घटाकर 30 कर दी गई है।
  • संविदा कर्मियों पर अतिरिक्त सख्ती: यदि किसी संविदा कर्मी का काम असंतोषजनक पाया जाता है, तो उसकी अर्न लीव की संख्या शून्य की जा सकती है।
  • सैलरी कटौती: अटेंडेंस (उपस्थिति) में किसी भी प्रकार की चूक होने पर कर्मचारी के उस दिन की सैलरी काट ली जाएगी।
  • ऑफिस टाइमिंग में बदलाव: स्टाफ का आरोप है कि ऑफिस आने और जाने के समय को भी बार-बार बदला जा रहा है।

नए नियमों से स्टाफ हैरान, लगाए आरोप

एमपीएसईडीसी के स्टाफ का आरोप है कि यह नियम कर्मचारियों के हित में नहीं हैं। उनकी प्रमुख शिकायत यह है कि छुट्टी के आवेदन पर अधिकारियों को 48 घंटे की तय सीमा के भीतर निर्णय लेना होता है, लेकिन वे अक्सर ऐसा नहीं करते। ऐसे में, यदि तीन दिन पहले आकस्मिक अवकाश का आवेदन दिया भी जाता है, तो अधिकारी तय समय पर मंजूरी नहीं देते।

MD ने बताया क्यों बदला नियम

इन सख्त नियमों को लागू करने के पीछे का कारण बताते हुए एमपीएसईडीसी के एमडी आशीष वशिष्ठ ने स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि:

"कुछ स्टाफ शुक्रवार की दोपहर बाद छुट्टी ले लेता था और सोमवार को सेकेंड हाफ (दोपहर बाद) में आता था। इसी को रोकने के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है।"

एमडी के अनुसार, ये नियम मुख्य रूप से उन कर्मचारियों के लिए जो लंबे वीकेंड बनाने के लिए शुक्रवार और सोमवार को आधे दिन की छुट्टी का दुरुपयोग करते थे, जिससे कार्यालय का काम प्रभावित होता था। प्रबंधन का लक्ष्य काम में अनुशासन और निरंतरता बनाए रखना है।

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