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MP CM Cooperative Review: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार (03 दिसंबर) को सहकारिता विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक की, जिसमें सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में सहकारी बैंकों की वर्तमान स्थिति, वित्तीय मजबूती और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा हुई। इस दौरान अपैक्स बैंक ने सरकार को 4.27 करोड़ रुपए का डिविडेंड चेक सौंपा।
मुख्यमंत्री ने जिला सहकारी बैंकों को मजबूत करने के दिए निर्देश
बैठक का मुख्य फोकस सहकारी बैंकों के वित्तीय स्वास्थ्य को दुरुस्त करना रहा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जबलपुर, रीवा, सतना, ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी के जिला सहकारी बैंकों को प्राथमिकता के आधार पर मजबूत किया जाए। इन छह बैंकों को वित्तीय रूप से सक्षम बनाने के लिए सरकार प्रत्येक बैंक को 50 करोड़ रुपए की अंश पूंजी उपलब्ध कराएगी।
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इस कदम का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सक्षम बनाना है, ताकि किसानों, महिला उद्यमियों और छोटे व्यापारियों को बेहतर वित्तीय सहायता मिल सके।
प्रदेश में बड़ा सहकारी बैंक बनाने पर विचार
बैठक का सबसे अहम बिंदु यह रहा कि मुख्यमंत्री ने जिला सहकारी बैंकों के विलय पर गंभीरता से विचार करने को कहा। उनका सुझाव था कि प्रदेश स्तर पर एक बड़ा सहकारी बैंक बनाया जाए, जिसके लिए विधिक और वित्तीय पहलुओं का विस्तृत अध्ययन किया जाए। सरकार का मानना है कि एक मजबूत एकीकृत बैंक बनने से सहकारी क्षेत्र की क्षमता बढ़ेगी, बड़े प्रोजेक्ट्स में भागीदारी संभव होगी और आधुनिक बैंकिंग टूल्स के इस्तेमाल से कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।
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डिफाल्टर किसानों को मिलेगी राहत
डिफाल्टर किसानों को लेकर भी महत्वपूर्ण चर्चा हुई। समीक्षा के दौरान यह निर्णय लिया गया कि जिन किसानों को अधिकारियों की अनियमितताओं का नुकसान उठाना पड़ा है, उनके लिए विशेष राहत योजना बनाई जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि किसानों को फिर से रेगुलर श्रेणी में लाया जाए ताकि उन्हें भविष्य में ऋण और अन्य सुविधाओं में कोई बाधा न आए।
सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि इसके लिए नई योजना पर काम शुरू किया गया है, जिसके तहत किसानों को डिफॉल्ट से बाहर निकालने की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी।
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सोसायटी के कर्मचारी-अधिकारी हर साल देंगे संपत्ति का विवरण
मुख्यमंत्री ने सहकारी सोसायटियों में हुए गबन और अनियमितताओं को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि सोसायटी के कर्मचारियों और पदाधिकारियों की अचल संपत्ति का वार्षिक विवरण अनिवार्य रूप से लिया जाए। अगर किसी सोसायटी में गबन या शार्टेज की स्थिति पाई जाती है, तो संबंधित व्यक्ति की अचल संपत्ति कुर्क कर वसूली की कार्रवाई की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य किसानों की सुरक्षा और सहकारी संस्थाओं में विश्वास बहाल करना है।
डिजिटल बैंकिंग और मॉडर्न सिस्टम पर सरकार का जोर
मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि सहकारी संस्थाओं को आधुनिक बनाने के लिए डिजिटल बैंकिंग टूल्स, नई ऋण वितरण प्रणाली और कर्मचारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों के लिए सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की कार्य योजनाओं में भी बदलाव किए जाएंगे, ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिल सके।
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