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MP Assembly Winter Session: मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित

मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। शीत सत्र के दूसरे दिन कृषि मंत्री कंसाना सदन में बेहोश हुए। कांग्रेस ने खराब फसलों की तख्तियां लेकर सरकार को घेरा और किसानों के मुआवजे की मांग दोहराई।

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Wasif Khan
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MP Assembly Winter Session: मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। 3 दिसंबर को भोपाल गैस त्रासदी की बरसी की वजह से अवकाश रहेगा।

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कृषि मंत्री चक्कर खाकर गिरे

मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत में कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना अचानक चक्कर खाकर बेहोश हो गए। उसी समय मुख्यमंत्री सदन में प्रवेश कर रहे थे और उन्होंने तुरंत उनकी ओर दौड़ लगाई। डॉक्टरों की टीम को बुलाया गया और मंत्री कंसाना को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। इसके कारण सदन की कार्यवाही लगभग दस मिनट के लिए रोक दी गई।

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पास हुआ नगर पालिका संशोधन बिल

नगर पालिका संशोधन विधेयक 2025 सदन में पारित हो गया, जिसमें नगर पालिका परिषद के चुनाव अब जनता द्वारा सीधे किए जाने का प्रावधान शामिल है और कांग्रेस तथा बीजेपी दोनों दलों के विधायकों ने इसका स्वागत किया। हालांकि, चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग हर स्तर पर होती है, चाहे विधायक हों या सांसद। और यह बिल भी राजनीतिक लाभ का माध्यम बन सकता है। उनका कहना था कि इससे जनता को कोई सीधा फायदा नहीं मिलेगा और आगे चलकर यह टिकट बेचने का जरिया भी बन सकता है।

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कांग्रेस विधायकों ने खराब फसलों की तख्तियां लेकर जताया विरोध

कार्यवाही शुरू होने से पहले ही कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में कृषि संकट को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया। विधायक खेतों में खराब फसलों की स्थिति दर्शाने वाली तख्तियां लेकर पहुंचे, जिन पर अतिवृष्टि और कर्ज जैसी समस्याओं का जिक्र था। मुरैना से कांग्रेस विधायक दिनेश गुर्जर ने कहा कि किसानों को न कर्ज माफी मिली, न बिजली, न फसलों के उचित दाम। उनके मुताबिक फसल बीमा राशि के नाम पर किसानों को दो-चार सौ रुपए देकर औपचारिकता पूरी की जा रही है, जो प्रदेश की गंभीर स्थिति को दर्शाता है।

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कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना कार्यवाही शुरू होते ही अचानक तबीयत खराब हो गई।

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सत्र की अवधि को लेकर कांग्रेस की नाराजगी

इस बार शीतकालीन सत्र सिर्फ चार बैठकों का रखा गया है, क्योंकि 3 दिसंबर की छुट्टी के साथ कुल अवधि 1 से 5 दिसंबर तक तय की गई है। छोटी अवधि को लेकर कांग्रेस ने नाराजगी जताई और कहा कि इतने कम समय में जनता से जुड़े गंभीर मुद्दों पर पर्याप्त चर्चा संभव नहीं है।

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पहले दिन भी उठा था किसानों का मुद्दा

सत्र की शुरुआत में ही नियम 139 के तहत किसानों की खराब फसलों और अतिवृष्टि से हुए नुकसान पर पांच घंटे की लंबी बहस हुई थी। कांग्रेस का कहना है कि राहत वितरण अभी भी अधूरा है और सरकार से ठोस ऐक्शन प्लान की जरूरत है।

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आसान भाषा में समझें...

मध्य प्रदेश में नगर निगम के चुनाव अब डायरेक्ट होने का क्या मतलब है?

इसका मतलब है कि अब नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष यानी मेयर या अध्यक्ष को जनता सीधे चुनेगी।

पहले क्या होता था?

पहले जनता पार्षद (वार्ड सदस्य) चुनती थी और वही पार्षद आपस में बैठकर अध्यक्ष या महापौर चुनते थे। इस वजह से कई बार पैसे का खेल, गुटबाजी और हॉर्स ट्रेडिंग जैसी शिकायतें सामने आती थीं।

अब क्या होगा?

अब जिस तरह जनता MLA या MP को वोट देकर सीधे चुनती है, उसी तरह मेयर या नगर पालिका अध्यक्ष को भी सीधे जनता वोट देकर चुनेगी।

अब फायदा यह है कि, 

  • अध्यक्ष जनता के प्रति सीधा जवाबदेह होगा
  • वार्ड की राजनीति और खरीद-फरोख्त कम होगी
  • जनता अपने नेता को खुद चुनेगी

इसलिए इसे डायरेक्ट इलेक्शन कहा गया है।

राइट टू रिकॉल क्या होता है?

राइट टू रिकॉल का मतलब है- जिसे जनता ने चुना है, जरूरत पड़ने पर जनता उसे हटाने का अधिकार भी रखे।

सरल भाषा में समझें- अगर कोई चुना हुआ अध्यक्ष ठीक से काम नहीं करता, भ्रष्टाचार करता है, जनता से दूरी बना लेता है या सिटी के काम रोक देता है, तो जनता एक तय समय के बाद उसके खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चला सकती है। अगर बड़ी संख्या में जनता उसे हटाने की मांग करती है, तो उसे पद से हटाया जा सकता है।

एमपी में क्या बदलाव किया गया?

पहले राइट टू रिकॉल की अवधि ढाई साल थी। अब यह समय 3 साल कर दिया गया है।

मतलब- 3 साल बाद जनता चाहे तो खराब काम करने वाले अध्यक्ष को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।

सीधा मतलब यह है, 

चुनाव जनता करेगी, काम खराब हुआ तो हटाने की ताकत भी जनता के पास होगी।

  • Dec 02, 2025 16:08 IST

    VIT सीहोर हिंसा पर विधानसभा में हंगामा

    सीहोर के VIT विश्वविद्यालय में हुई मारपीट और आगजनी की घटना लंच के बाद विधानसभा में जोरदार तरीके से उठी, जहां विधायक दिनेश जैन ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से मामला रखते हुए मजिस्ट्रेट जांच की मांग की और कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए तथा छात्रों पर दर्ज प्रकरण वापस लिए जाएं। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने जवाब देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उसका जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि 4 हजार छात्रों का सड़क पर उतरना बेहद गंभीर मामला है और सरकार इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक सख्त कदम उठाएगी।



  • Dec 02, 2025 14:05 IST

    नगर पालिका संशोधन बिल पर संदेह- कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौर

    कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि प्रदेश के 10-12 नगरीय निकायों के अध्यक्षों के खिलाफ जनता में गहरा रोष था और कई जगह पार्षद व लोग उन्हें हटाने की तैयारी कर रहे थे, इसलिए शक होता है कि कहीं नई व्यवस्था उन्हें बचाने के लिए तो नहीं लाई गई। हालांकि उन्होंने बिल का समर्थन किया और कहा कि इससे हॉर्स ट्रेडिंग पर रोक लगेगी। वहीं नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत अब नगर पालिका और नगर परिषदों के चुनाव जनता सीधे करेगी और यह बिल सदन में सर्वसम्मति से पारित हुआ है। कांग्रेस के आरोपों पर उन्होंने कहा कि इस पर सवाल उठाना लोकतांत्रिक प्रणाली पर सवाल उठाने जैसा है।

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    कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौर (फाइल फोटो)



  • Dec 02, 2025 13:56 IST

    नगर पालिका संशोधन बिल पर बोले सिंघार, कहा- यह टिकट बेचने का जरिया बनेगा

    नगर पालिका संशोधन विधेयक सदन में पास हो चुका है। इस बिल पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग हर स्तर पर होती है, चाहे विधायक हों, सांसद हों या कोई अन्य। यह बिल भी राजनीतिक फायदे उठाने का माध्यम बन सकता है। सिंघार का कहना था कि इससे जनता को कोई सीधा लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि आगे चलकर यह टिकट बेचने का जरिया साबित होगा। उन्होंने राइट टू रिकॉल की तीन साल वाली अवधि पर भी आपत्ति जताई और कहा कि जब अध्यक्ष को जनता सीधा चुनती है, तो उसे पूरा कार्यकाल मिलना चाहिए।



  • Dec 02, 2025 13:51 IST

    नगर पालिका संशोधन विधेयक 2025 सदन में पारित

    नगर पालिका संशोधन विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह वही कानून है जिसे दिग्विजय सिंह सरकार ने राजीव गांधी की सोच को आगे बढ़ाने के लिए लागू किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि आज राजीव गांधी के सपनों का राहुल गैंग विरोध कर रहा है। इस पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने जवाब दिया कि विपक्ष विरोध नहीं कर रहा, बल्कि सुधार की बात कर रहा है। विजयवर्गीय ने बताया कि पहले राइट टू रिकॉल के लिए ढाई साल की अवधि तय थी, जिसे अब बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया है। उनका कहना था कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए यह कदम जरूरी है। चर्चा के बाद नगर पालिका संशोधन विधेयक 2025 को सदन में पारित कर दिया गया। विधेयक में नगर पालिका परिषद के चुनाव जनता द्वारा सीधे कराने के प्रावधान का कांग्रेस और बीजेपी दोनों के विधायकों ने स्वागत किया। सिरमौर से बीजेपी विधायक दिव्यराज सिंह ने इस कदम को सराहनीय बताया।



  • Dec 02, 2025 13:45 IST

    कृषि मंत्री कंसाना का ने दिया स्वास्थ्य अपडेट, बोले- मैं बिल्कुल ठीक

    विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना अचानक चक्कर खाकर बेहोश हो गए थे। बाद में अपने स्वास्थ्य को लेकर उन्होंने अपडेट दिया और बताया कि सदन में उन्हें अचानक चक्कर आ गया था, लेकिन सभी मेडिकल जांच सामान्य आई हैं। कंसाना ने कहा कि वे ईश्वर की कृपा से पूरी तरह स्वस्थ हैं और जल्द ही अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन फिर से शुरू करेंगे।



  • Dec 02, 2025 13:42 IST

    कार्यकर्ताओं को मंत्रियों से मिलने में आसानी हो, बोले हेमंत खंडेलवाल

    भोपाल में प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि सरकार की नई व्यवस्था का उद्देश्य यह है कि कार्यकर्ताओं को मंत्रियों से मिलने में आसानी हो और वे बिना किसी बाधा के अपनी समस्या बता सकें। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता जब अपनी बात स्पष्ट रूप से सामने रखेंगे, तभी समाधान तेजी से हो पाएगा। दो साल के कामकाज की समीक्षा पर खंडेलवाल ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा करती है और इसमें किसी तरह की असामान्यता नहीं है। कांग्रेस के आरोपों पर उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा बेवजह सवाल खड़े करता है, जबकि सरकार लगातार जनता और कार्यकर्ताओं के हित में काम कर रही है।



  • Dec 02, 2025 13:35 IST

    नगर पालिका संशोधन बिल पर उमंग सिंघार का हमला

    विधानसभा में नगरपालिका संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग हर स्तर पर होती है, चाहे विधायक हों, सांसद हों या अन्य जनप्रतिनिधि। सिंघार का आरोप था कि यह बिल जनता के हित की बजाय राजनीतिक लाभ का माध्यम ज्यादा दिखता है और आगे चलकर टिकट बेचने का जरिया बन सकता है। उन्होंने राइट टू रिकॉल की व्यवस्था पर भी आपत्ति जताई और कहा कि जब अध्यक्ष को जनता सीधा चुनती है, तो तीन साल बाद उसे हटाने का प्रावधान ठीक नहीं। उनके अनुसार चुने गए अध्यक्ष को अपना पूरा कार्यकाल पूरा करने का अधिकार होना चाहिए।

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    नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (फाइल फोटो)



  • Dec 02, 2025 13:32 IST

    कांग्रेस के प्रदर्शन पर को मंत्री सारंग ने ‘नाटक-नौटंकी’ बताया

    कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर मंत्री विश्वास सारंग ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर सत्र में नाटक-नौटंकी करती है और विधानसभा इस तरह की हरकतों की जगह नहीं है। सारंग ने कहा कि कभी वे गिरगिट की पोशाक पहनकर आते हैं, कभी शराब की बोतल लेकर, जबकि सदन चर्चा के लिए होता है। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को भी अपरिपक्व बताया और कहा कि प्रदेश में भी वही स्थिति दिखाई देती है। मंत्रियों की समीक्षा पर प्रतिक्रिया देते हुए सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री नियमित रूप से समीक्षा करते हैं और यह सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है।

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    विश्वास सारंग (फाइल फोटो)



  • Dec 02, 2025 13:29 IST

    प्रदेश में बढ़ते बाल विवाह पर जयवर्धन सिंह ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए

    मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ रहे बाल विवाह के मामलों को लेकर कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने सदन में चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से हर सरकार ने बाल विवाह रोकने की कोशिश की, लेकिन पिछले पांच साल के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। जयवर्धन के मुताबिक 2020 से 2025 तक हर साल बाल विवाह के मामले बढ़े हैं। उनका आरोप है कि सरकार के पास न कोई ठोस योजना है, न कोई सोच, जिससे साफ होता है कि सामाजिक उत्थान को लेकर सरकार कितनी उदासीन है।



  • Dec 02, 2025 13:01 IST

    राइट टू रिकॉल और चुनावी व्यवस्था पर सरकार से स्पष्ट रुख की मांग

    नगर पालिका एक्ट संशोधन पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के साथ राइट टू रिकॉल पर भी सरकार से अपना रुख साफ करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि अध्यक्ष प्रत्यक्ष रूप से चुने जाएंगे, तो उन्हें हटाने की प्रक्रिया यानी राइट टू रिकॉल पर भी स्पष्ट प्रावधान होने चाहिए, ताकि भविष्य में हॉर्स ट्रेडिंग जैसी स्थितियों को रोका जा सके। जयवर्धन ने मंडी और सहकारिता चुनाव लंबे समय से नहीं होने का मुद्दा भी उठाया और कहा कि जनपद चुनाव भी इसी प्रणाली से कराए जाने चाहिए। उन्होंने नगर पंचायत और नगर पालिकाओं में अमला बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इससे अतिक्रमण हटाने जैसी कार्रवाइयों में तेजी आएगी।

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    कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह (फाइल फोटो)



  • Dec 02, 2025 12:59 IST

    पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों की परेशानी पर सरकार को घेरा

    भोपाल में किसानों की मांगों पर बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया था, लेकिन आज किसान फिर परेशान हैं इसलिए आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में सरकार को आगे आकर किसानों की समस्याएं सुननी चाहिए और ठोस कदम उठाने चाहिए। कमलनाथ ने कृषि मंत्री के हालिया बयान पर भी सवाल उठाए और कहा कि मंत्री की नजर में किसान कांग्रेसी दिखाई दे रहे हैं, जिसका मतलब है कि उनकी दृष्टि ही संदेह के दायरे में है।

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    पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (फाइल फोटो)



  • Dec 02, 2025 12:52 IST

    किसानों के मुद्दे पर सरकार की संवेदनशीलता पर जोर- बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल

    कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि किसानों के हर मुद्दे पर सरकार संवेदनशील है। चाहे सोयाबीन का विषय हो, भावांतर की बात हो या मॉडल रेट तय करने का मामला, सरकार ने समय पर निर्णय लिए हैं। उन्होंने माना कि खाद और बीज की वितरण व्यवस्था में किसी एक जगह अव्यवस्था हो सकती है, लेकिन समग्र स्तर पर किसी तरह की कमी नहीं है। खंडेलवाल ने कहा कि सरकार किसानों के हितों को लेकर लगातार काम कर रही है, उनकी समस्याओं पर चिंता करना सरकार की जिम्मेदारी भी है और वह इस जिम्मेदारी को निभा भी रही है।

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    बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल।



  • Dec 02, 2025 12:42 IST

    नगर पालिका एक्ट संशोधन पर सदन में व्यापक चर्चा

    नगर पालिका एक्ट संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कोविड काल से नगर पालिका चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराए जा रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस और भाजपा सहित सभी दलों की सहमति से इन्हें फिर से प्रत्यक्ष रूप से कराने का निर्णय लिया गया है। मंत्री ने कहा कि प्रत्यक्ष चुनाव से चुना गया अध्यक्ष किसी एक वार्ड तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे नगर के विकास पर ध्यान देगा। वर्तमान व्यवस्था में अध्यक्ष अपने ही वार्ड में अधिकांश धन खर्च करने की प्रवृत्ति दिखाते हैं, जिसे यह संशोधन रोकने में मदद करेगा।

    चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने विधेयक को जनता के हित में बताया। उनका कहना था कि यह संशोधन जरूरी है और आगे भी इसकी जरूरत बनी रहेगी। बरैया ने पुराने कानून की कई कमजोरियों का उल्लेख किया और कहा कि नई व्यवस्था नगर निकायों की कार्यप्रणाली को अधिक संतुलित और पारदर्शी बनाएगी।



  • Dec 02, 2025 12:41 IST

    खंडवा में अतिरिक्त सुरक्षा की मांग पर सरकार का रुख स्पष्ट

    सदन में खंडवा की सुरक्षा व्यवस्था फिर चर्चा का विषय बनी। भाजपा विधायक कंचन तनवे ने जिले की संवेदनशील स्थिति का हवाला देते हुए SAF बटालियन स्थापित करने की मांग दोहराई। इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी माना कि खंडवा बेहद संवेदनशील जिला है और हर त्योहार पर अतिरिक्त पुलिस सुरक्षा तैनात करनी पड़ती है। उन्होंने मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल से आग्रह किया कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए। मंत्री पटेल ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री का कहना ही सरकार का रुख है, इसलिए इस मांग पर विचार किया जाएगा।

    राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने किसानों की अतिवृष्टि से जुड़ी समस्याओं पर हो रहे कांग्रेस के प्रदर्शन पर कहा कि सरकार 2068 करोड़ रुपए राहत राशि दे चुकी है और प्रदर्शन करना कांग्रेस का काम है। वहीं कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भाजपा विधायक नीना वर्मा ने सिटीजन संशोधन एक्ट के तहत 2019 में दर्ज मामलों की वापसी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उनके पति विक्रम वर्मा और कार्यकर्ताओं पर दर्ज केस के चलते 82 साल की उम्र में भी कोर्ट जाना पड़ रहा है। मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि केस कोर्ट में लंबित होने पर ही वापस लिया जा सकता है। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ऐसे मामलों में फैसला होना चाहिए और स्पीकर से जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया। इस दौरान कुछ विधायकों के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई।



  • Dec 02, 2025 12:38 IST

    बालाघाट में प्लॉट आवंटन, आदिवासियों के फसलों और खंडवा में SAF बटालियन की मांग उठी

    विधानसभा में बालाघाट जिले में उद्योग विभाग द्वारा किए गए प्लॉट आवंटन का मुद्दा गर्मा गया। विधायक अनुभा मुंजारे ने विभागीय जवाब पर असंतोष जताते हुए आरोप लगाया कि एक-एक प्लॉट चार-चार लोगों को आवंटित किया गया है और कुल 72 प्लॉट नियम विरुद्ध तरीके से बांटे गए। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को निरस्त करने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हालांकि मंत्री चैतन कुमार काश्यप ने कहा कि 19 प्लॉट के लिए सिंगल आवेदन आए थे और छह प्लॉट एससी-एसटी को आवंटित किए गए हैं। उन्होंने किसी भी गड़बड़ी की संभावना से इनकार किया।

    विधायक चंदा सुरेंद्र सिंह गौर ने खरगापुर क्षेत्र के भटगौरा गांव में आदिवासी परिवारों की फसलें नष्ट करने और जान से मारने की धमकी की शिकायत का मामला उठाया। मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने बताया कि दोनों पक्षों की एफआईआर दर्ज हो चुकी है और आरोपियों की तलाश जारी है। वहीं भाजपा विधायक कंचन तनवे ने खंडवा को सिमी गतिविधियों का संवेदनशील केंद्र बताते हुए जिले में SAF बटालियन स्थापित करने की मांग की। उनका कहना था कि क्षेत्र में आतंकी, तस्करी और नकली नोट जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। मंत्री ने जवाब दिया कि पास के खरगोन में बटालियन मौजूद है और किसी भी स्थिति में तुरंत पहुंच सकती है।



  • Dec 02, 2025 12:36 IST

    नगर पालिका एक्ट संशोधन पर सदन में चर्चा शुरू

    नगर पालिका एक्ट संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कोविड के समय से नगर पालिका चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराए जा रहे थे, लेकिन अब सभी राजनीतिक दलों की राय के बाद इन्हें फिर प्रत्यक्ष रूप से कराने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। मंत्री ने कहा कि प्रत्यक्ष चुनाव होने से चुना गया अध्यक्ष किसी एक वार्ड तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे नगर के विकास पर ध्यान देगा। अभी की व्यवस्था में अध्यक्ष अपने वार्ड पर अधिक पैसा खर्च करने की प्रवृत्ति दिखाते हैं, जिसे यह संशोधन रोकने में मदद करेगा।



  • Dec 02, 2025 12:34 IST

    सरकार सिर्फ किसानों को आश्वासन देती है- नेता प्रतिपक्ष

    नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि हम किसानों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। हम किसानों की आवाज को विधानसभा तक पहुंचा रहे हैं, लेकिन ये सरकार किसानों की बात नहीं सुनना चाहती। सरकार किसानों से जमीन तो अधिग्रहण करती है लेकिन चार गुना मुआवजा नहीं देती, कपास किसानों के समस्याओं को नहीं सुनती और खलघाट में चार जिले के किसानों ने प्रदर्शन किया, सरकार ने उन किसानों की समस्याओं को भी नहीं सुना। सरकार सिर्फ आश्वासन देती है। किसानों के हितों के लिए कुछ नहीं करती।

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    नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार।



  • Dec 02, 2025 12:21 IST

    आदिवासियों के पलायन का उठा मुद्दा

    अध्यक्ष के आसंदी संभालते ही कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने डिंडोरी जिले में आदिवासियों के पलायन का मुद्दा उठाया और फिर गलियारे में जाकर बैठ गए। अध्यक्ष ने कहा कि यह विषय नेता प्रतिपक्ष के माध्यम से उठाया जाए। इसके बाद अध्यक्ष के आह्वान पर गैस त्रासदी में जान गंवाने वालों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। सत्र के दौरान विधानसभा के नए प्रमुख सचिव अरविंद शर्मा का परिचय भी कराया गया, जिन्हें लोकसभा सचिवालय में 34 साल का अनुभव है।



  • Dec 02, 2025 12:18 IST

    कांग्रेस के मुद्दों को लेकर विपक्ष का प्रदर्शन

    विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी कांग्रेस का विरोध जारी रहा। कांग्रेस विधायकों ने किसानों की बिजली माफी और मुआवजा न मिलने के मुद्दे पर सरकार को घेरा। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार और कई कांग्रेस विधायक विधानसभा परिसर में प्रदर्शन में शामिल हुए। उनका आरोप था कि सरकार किसानों को राहत देने की जगह परेशान कर रही है और हालात ऐसे हैं जैसे किसानों को चिड़िया बनाकर खेत चुराए जा रहे हों।

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    नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार पार्टी नेताओं के साथ विरोध प्रदर्शन करते हुए।



  • Dec 02, 2025 11:50 IST

    सरकारी नीतियों पर उठाए गए सवाल

    महिदपुर से विधायक दिनेश जैन ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के नाम पर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने वाली नीतियां बना रही है। तराना के विधायक महेश परमार ने लैंड पूलिंग एक्ट के नोटिफिकेशन को वापस लेने की मांग दोहराई। विपक्ष ने साफ कहा कि किसानों की वास्तविक समस्याओं को सरकार नजरअंदाज कर रही है और राहत राशि अब तक जमीन पर नहीं पहुंची।

     



  • Dec 02, 2025 11:50 IST

    आज दो विधेयकों पर होनी है चर्चा

    सदन में आज दो महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा हो रही है- मध्यप्रदेश दुकान तथा स्थापना (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2025 और मध्यप्रदेश नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2025। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से इन पर विस्तृत चर्चा की उम्मीद है।

     



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