
Kuno National Park Cheetah Release: मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में गुरुवार, 4 दिसंबर 2025 को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस (International Cheetah Day) पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने बाड़े से निकालकर तीन चीतों को खुले जंगल में रिलीज (MP Cheetah Release) किया। ग्वालियर (hindi news)
कूनो नेशनल पार्क में अब 19 चीता
मध्यप्रदेश (MP news) के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीतों की संख्या में इजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने खुद केएनपी पहुंचकर मादा चीता वीरा और उसके दो शावकों को बड़े बाड़े से निकालकर जंगल में छोड़ा। इस रिलीज के साथ ही कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) के खुले जंगल में चीतों की कुल संख्या अब 19 हो गई है, जो वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
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कूनो पार्क में तीसरी पीढ़ी के शावक मौजूद
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा- मादा चीता के साथ दो शावक छोड़े हैं। मध्यप्रदेश में वर्तमान में चीतों की संख्या बढ़कर 32 हो गई हैं। यहां तीसरी पीढ़ी के शावक मौजूद है। मुखीर राज्य में पैदा हुई, उसने पांच शावक को जन्म दिया है।
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राज्य के जंगल में पांच गुना बढ़ा है पर्यटन
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा- देश में मध्यप्रदेश टाइगर और लेपर्ड स्टेड है। ऐसे में चीता ने पुर्नस्थापना किया। जैसे-जैसे वन्य जीवों की संख्या बढ़ रही। उसी तरह यहां पांच गुना पर्यटन भी बढ़ रहा है। जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर खुले हैं।
राज्य के लिए चीता कोहिनूर की हीरे की तरह
यहां का चीता मुरैना से शिवपुरी तक दौड़ लगा रहा, और राजस्थान की धरती पर से भी घुम-फिरकर वापस आ रहा है। वन्य संपदा के आधार पर राज्य के जंगल समृद्ध हुए है। ऐसे में चीता मुकुटमणि की तरह है, कोहिनूर की हीरे की तरह है।
चीतों की कुल संख्या और ठिकाने
कूनो नेशनल पार्क: मध्यप्रदेश में अधिकांश चीते श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में मौजूद हैं। कूनो में कुल 29 में से 8 वयस्क और 21 शावक हैं। इनमें से खुले जंगल में 19 चीते विचरण कर रहे हैं।
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य: मध्यप्रदेश में चीतों का दूसरा घर गांधी सागर पार्क है। यहां चीतों के पुनर्वास के लिए मंदसौर-नीमच सीमा पर स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य को दूसरे घर के रूप में विकसित किया गया है। गांधी सागर में 3 चीते मौजूद हैं।
जीवित रहने की दर: मध्यप्रदेश में चीतों के जीवित रहने की दर 61% है, जो वैश्विक मानक (40%) से काफी अधिक है।
वयस्क चीतों की दर: वयस्क चीतों के जीवित रहने की दर पहले साल के 70% से बढ़कर दूसरे साल में 85.7% हो गई है।
चीता सफारी: कूनो नेशनल पार्क में चीता सफारी शुरू हो चुकी है, जिससे वन्यजीव प्रेमी खुले जंगल में चीतों का दीदार कर सकते हैं।
5 मादा चीतों ने 21 शावकों को जन्म दिया
अब तक 5 मादा चीतों द्वारा 6 बार शावकों को जन्म दिया गया है। देश में जन्मे शावकों की संख्या 21 हो चुकी है, जो प्रोजेक्ट की बड़ी सफलता है। कुल चीतों में से 21 चीते भारत की जमीन पर जन्मे हैं, जो भारतीय वातावरण के अनुकूलन का एक सुखद संकेत है।
महिला कॉन्स्टेबल ने किया सुसाइड, पति की मौत बाद मिली अनुकंपा नियुक्ति, 3 साल से लिव-इन में थीं
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