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Truck Driver Success Story: जिस ट्रक ने बदली किस्मत, उसे घर की छत पर सजाया, जबलपुर में अमरकांत पटेल और उनके ‘हमसफर’ ट्रक की अनोखी कहानी

कामयाबी दिलाने वाले हमसफर को कभी कोई भुलाना नहीं चाहता...फिर वो इंसान हो या वस्तु ! ऐसा ही एक रोचक मामला जबलपुर में देखने को मिल रहा है। क्लीनर से ट्रक मालिक और अब कारोबारी बने अमरकांत पटेल के ट्रक और उसके साथ बिताए वक्त की कहानी पर खूब रील्स बन रही हैं।

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BP Shrivastava
Truck Driver Success Story

Truck Driver Success Story: कामयाबी दिलाने वाले हमसफर को कभी कोई भुलाना नहीं चाहता...फिर वो इंसान हो या वस्तु ! ऐसा ही एक रोचक मामला जबलपुर में देखने को मिल रहा है। क्लीनर से ट्रक मालिक और अब कारोबारी बने अमरकांत पटेल के ट्रक और उसके साथ बिताए वक्त की कहानी पर खूब रील्स बन रही हैं। ... इज्जत, शोहरत और अमीर बनाने वाले इस ट्रक को अमरकांत ने अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। उन्होंने अपने पुराने ट्रक को घर की छत पर सजाकर रखा है। जो लोगों के लिए कौतुहल का विषय बन गया है। इससे अमरकांत और उनके घर को खूब सुर्खियां मिल रही हैं।

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मध्यप्रदेश के जबलपुर में रहने वाले एक शख्स ने उस ट्रक को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया, जिसकी दम पर उसने करोड़ों रुपए कमाए थे। 

छत पर सजाकर रखा ट्रक

जबलपुर में गढ़ा रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले अमरकांत पटेल ने अपने मकान की छत पर सजाकर रखा है। ट्रक का वजन तीन टन है। इसे जो भी देखता है वो बस देखते ही रह जाता है।

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जबलपुर के अमरकांत पटेल ने अपने घर की छत पर इस तरह ट्रक को सजाकर रखा हुआ है।
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अमरकांत के लिए ट्रक शान

अमरकांत इस ट्रक को अपनी शान मानते हैं। उनका कहना है कि वो आज जो कुछ है इसी ट्रक की दम पर है। मैहर के रहने वाले अमरकांत 2005 में ट्रक में क्लीनर का काम करते थे। हाल ही में उन्होंने एक बंगला बनवाया है, जिसकी छत पर ट्रक को सजाकर रखा है।

2011 में खरीदा था ट्रक

अमरकांत बताते हैं कि 2005 से 2010 तक उन्होंने ट्रक में क्लीनर का काम किया। धीरे-धीरे ट्रक चलाना भी सीख लिया। 2011 में ट्रक खरीद और 2015 तक इसे चलाकर कई और ट्रक खरीद लिए। अमरकांत ने 2015 में ट्रक चलाना छोड़ दिया। आज इनके पास 13 ट्रक और जमीन के साथ-साथ बंगला है।

सोचा हमेशा के लिए साथ रखा जाए

अमरकांत का कहना है कि ट्रक का परमिट 15 साल का होता है, इसे बेचने की इच्छा नहीं हुई। रोड किनारे रखते तो कबाड़ में बदल जाता। इसे बेचते तो तीन लाख से अधिक कीमत नहीं मिलती, इसलिए सोचा कि निशानी के तौर पर इसे हमेशा के लिए साथ में रखा जाए। जिससे कि यह हमेशा नजरों के सामने रहेगा।

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अमरकांत पटेल छत पर रखे ट्रक में पार्ट बदलते हुए।

मेरी मेहनत और ट्रक का साथ

अमरकांत बताते हैं कि दसवीं की परीक्षा दी तो फेल हो गए। परिवार के पास बहुत छोटी सी जमीन थी, उससे पूरे परिवार का गुजारा नहीं हो पाता था। पढ़ाई में मन तो लगता था, पर पारिवारिक स्थिति को देखते हुए पढ़ाई छोड़ दी और परिवार की जिम्मेदारियों में हाथ बंटाने के लिए ट्रक में क्लीनरी शुरू कर दी। उम्र कम थी, कुछ और काम बनता नहीं था, इसलिए ट्रक में क्लीनर का काम करने लगे।

लोग आते हैं वीडियो-रील बनाते हैं

उनका कहना है कि एक समय ऐसा भी था, जब लोग हमें दूर भगा देते थे, कहते थे तू क्लीनर है। बहुत से ट्रक मालिक थे, जो कि नौकर की नजर से देखा करते थे। पर जब यह ट्रक खरीदी पैसे कमाए तो वो लोग जो घृणा की नजरों से देखते थे, वो आज साथ में बैठाते हैं। यह सब मुमकिन हुआ है, मेहनत और ट्रक के साथ के चलते। छत पर रखे ट्रक को देखकर आज दूर-दूर से लोग आते है, वीडियो,रील बनाते हैं।

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अमरकांत पटेल ने बताया इसी ट्रक ने उनकी जिंदगी बदली।

इसी ट्रक पर सवार होकर कई राज्य घूमे

अमरकांत ने बताया कि जबलपुर में एक दोस्त रहता है। ट्रक चलाना तो सीख लिया था, पर जिंदगी भर दूसरे के यहां काम करने से अच्छा खुद का ट्रक खरीदने का सोचा। रुपए इतने नहीं थे कि कैश ट्रक खरीदा जा सके, इसलिए एक दोस्त के पिता को गारंटी के लिए तैयार किया, और फिर पहला ट्रक खरीद लिया। इसी ट्रक पर सवार होकर देश के कई राज्यों में घूमे, काम किया और फिर दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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सफल व्यवसायी बन गए अमरकांत

अमरकांत पटेल ने बताया कि इसी ट्रक से लगभग पूरा भारत नाप दिया। शायद ही कोई हिस्सा होगा, जहां वह ट्रक लेकर माल सप्लाई करने के लिए नहीं गए होंगे। ट्रक ने भी उनका पूरा साथ दिया और धीरे-धीरे उनकी किस्मत बदलती गई। लगातार मेहनत करने के बाद आज उनके पास में जबलपुर-नागपुर हाईवे पर लगभग 10 हजार स्क्वायर फीट की जमीन है। जिसमें उन्होंने 2 मंजिला मकान बनाया है। उसके पीछे एक कारखाना चलाते हैं, जिसमें ट्रक की बॉडी बनाई जाती है। अमरकांत आज एक सफल कारोबारी हैं।

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 चालू हालत में है ट्रक

अमरकांत का कहना है कि जो ट्रक छत पर खड़ा हुआ है, यह आज भी चालू हालत में है, पर वो अब अपने साथी को आराम देना चाहते हैं। उनका कहना है कि पूरे जीवन उसके साथ रहना चाहते हैं। लोग अक्सर भूल जाते हैं कि उनकी शुरुआत कहां से हुई थी। आज अमरकांत के घर के छत पर रखे ट्रक ने उन्हें नई पहचान मिल रही है। लोग देखने आते हैं और इसी ट्रक से इज्जत बढ़ी है।

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