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CM Mohan Yadav: मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन और डेयरी प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़ा फैसला किया है।
मध्यप्रदेश सरकार बंद पड़े दुग्ध उत्पादों के उन प्लांट को दोबारा शुरू करने जा रही है, जहां से बड़ी मात्रा में प्रदेश भर में डेयरी प्रोडक्ट सप्लाई किए जाएंगे। जिसको लेकर मंगलवार, 30 दिसंबर 2025 को राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक हुई। यह समिति स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच हुए एग्रीमेंट के अंतर्गत गठित की गई है।
सांची के लोगो में दिखेंगे गोवंश और गोपाल
सीएम मोहन यादव ने कहा है कि डेयरी क्षेत्र में उद्यमशीलता बढ़ाने के लिए पीपीपी (Public-Private Partnership) मोड को प्रोत्साहित किया जाए। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी। सांची केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि प्रदेश के गोपालकों की पहचान है। सांची ब्रांड की नई पहचान अब गोवंश और गोपाल के साथ स्थापित की जाएगी। सांची के लोगो में गोवंश और गोपाल दोनों नजर आएंगे।
यह प्लांट दोबारा होंगे शुरू
जबलपुर: 10 मीट्रिक टन क्षमता का पनीर प्लांट 5 करोड़ के निवेश से फिर शुरू होगा।
शिवपुरी: पिछले 2 साल से बंद पड़े डेयरी संयंत्र को चालू करने की प्रक्रिया शुरू।
इंदौर: 30 मीट्रिक टन क्षमता का पाउडर प्लांट चालू हो चुका है, जहां 3 लाख लीटर दूध का डेली प्रोसेसिंग हो रहा है।
ग्वालियर: यहां के डेयरी संयंत्र के सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण का काम भी पाइपलाइन में है।
दूध खरीदी की कीमतें 8.50 रुपए प्रति लीटर बढ़ी
बैठक में दुग्ध संघ की ओर से बताया गया कि दुग्ध संघों ने दूध खरीदी की कीमतों में 2.50 रुपये से लेकर 8.50 रुपये प्रति लीटर तक की बड़ी बढ़ोतरी की है। किसानों को दूध का दाम समय पर मिले, इसके लिए 10 दिन का फिक्स्ड रोस्टर तैयार किया गया है।
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635 बंद पड़ी समितियों को दोबारा शुरू किया
प्रदेश में इस वक्त 1 हजार 241 नई दुग्ध सहकारी समितियां गठित की गई हैं, जबकि 635 बंद पड़ी समितियों को फिर से शुरू किया गया है। सीएम मोहन यादव ने दुग्ध संकलन की प्रोसेस में पूरी पारदर्शिता लाने के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर जोर दिया है।
सॉफ्टवेयर और ऐप: भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर जैसे संघों में नया सॉफ्टवेयर लागू किया गया है। वहीं, इंदौर दुग्ध संघ में मोबाइल ऐप के जरिए दूध की मात्रा, शुद्धता और कीमत की तत्काल जानकारी दी जा रही है।
डेयरी टेक्नोलॉजी कोर्स: अब प्रदेश के ITI (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों) में डेयरी टेक्नोलॉजी से जुड़े विशेष पाठ्यक्रम शुरू होंगे, ताकि युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सके।
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