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Supreme Court SIR: सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के काम में बाधा डालने और बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को धमकाने (BLO Threats) की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग को कार्रवाई का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि यदि राज्य सरकारें सहयोग नहीं करेंगी, तो आयोग को इन मामलों को अपने संज्ञान में लाना होगा और कोर्ट को सूचित करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर हालात और बिगड़ते हैं, तो पुलिस बल तैनात करना ही अंतिम विकल्प होगा, वरना इन घटनाओं से राजनीतिक अराजकता पैदा हो सकती है।
SIR प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में SIR के कामकाज में बाधा डालने और BLO को धमकाने की घटनाओं पर विशेष चिंता जताई। अदालत ने कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है। यदि BLO और अन्य अधिकारियों को धमकाया जाएगा, तो यह प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है और इसके गंभीर नतीजे सामने आ सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि ऐसे सभी मामलों पर तत्काल संज्ञान लिया जाए। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि इन हालातों को नजरअंदाज किया गया, तो अराजकता फैलने की संभावना है।
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पांच वरिष्ठ IAS अधिकारियों को नियुक्त किया
चुनाव आयोग ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया (Bengal election 2026) में पारदर्शिता और प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए पांच वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को स्पेशल रॉल ऑब्जर्वर (SRO) (West Benagl SRO)के रूप में नियुक्त किया है।
कुमार रवि कांत सिंह, रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव, को प्रेसिडेंसी संभाग का SRO नियुक्त किया गया।
नीरज कुमार बांसोद, गृह मंत्रालय के अधिकारी, को मेदिनीपुर संभाग की जिम्मेदारी दी गई।
कृष्ण कुमार निराला, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, को बर्दवान संभाग के लिए SRO बनाया गया।
एक अधिकारी ने बताया कि SRO की नियुक्ति से सभी संभागों में SIR प्रक्रिया की जांच और निगरानी और मजबूत होगी। West Bengal SIR
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SIR प्रक्रिया का अपडेट और टाइमलाइन
पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया 4 नवंबर 2025 को शुरू हुई थी। इस विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूचियों को सटीक, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना है, ताकि आगामी चुनावों में किसी तरह की गड़बड़ी न हो। चुनाव आयोग ने बताया कि SIR के तहत सभी संभागों में मतदाता सूची की जांच, सुधार और अपडेट की जाएगी। इस प्रक्रिया का समापन 14 फरवरी 2026 को होगा, जब अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी।
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