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CIMS Bilaspur
CIMS Bilaspur : बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज (Chhattisgarh Medical College CIMS Bilaspur News) और सरकारी अस्पताल सिम्स में चल रही अव्यवस्थाओं (hospital mismanagement) को लेकर मंगलवार को हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच के सामने सिम्स प्रबंधन ने शपथपत्र के साथ बताया कि पिछले कुछ दिनों में मरीजों की सुविधा के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं।
वहीं CGMSC ने बताया कि अस्पताल के लिए नई मशीनों की खरीद हेतु जारी टेंडर में पाँच बिडर शामिल हुए हैं और मूल्यांकन प्रक्रिया अगले चार से पाँच दिनों में पूरी कर ली जाएगी। कोर्ट ने अब तक किए गए प्रयासों को सकारात्मक बताते हुए स्पष्ट किया कि स्थाई सुधार (long-term improvement) के लिए सतत मॉनिटरिंग जरूरी है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।
भीड़ कम करने के लिए ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर का विस्तार
सुनवाई के दौरान सिम्स के डीन ने कोर्ट को बताया कि अस्पताल में बढ़ती मरीज संख्या को देखते हुए ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर का विस्तार किया गया है। नए काउंटर जोड़ने से लंबे समय से बनी कतारों का दबाव कम हुआ है। इससे मरीजों को दवाई लेने में पहले की तुलना में कहीं अधिक सहूलियत मिल रही है।
लैब क्वालिटी सुधारने NABL वर्कशॉप
सिम्स ने अपनी पैथोलॉजी और लैब सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए NABL वर्कशॉप आयोजित की। इसमें लैब टेक्नीशियनों को सैंपल कलेक्शन, प्रोटोकॉल फॉलो करने और रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड्स से जुड़ी ट्रेनिंग दी गई। यह कदम डायग्नोस्टिक रिपोर्ट की सटीकता (accurate diagnostics) बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नवजात शिशु सप्ताह व एड्स जागरूकता पर विशेष कार्यक्रम
डीन ने बताया कि नवजात शिशु सप्ताह के दौरान अस्पताल में..
नवजात देखभाल,
साफ-सफाई,
संक्रमण रोकथाम,
स्तनपान जागरूकता पर आधारित कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इसके अलावा विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day Awareness) पर भी अस्पताल परिसर में विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया ताकि लोगों में स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता बढ़ाई जा सके।
सफाई और सुरक्षा व्यवस्था की मोबाइल मॉनिटरिंग
अस्पताल की सफाई, सुरक्षा और इलाज की नियमित निगरानी के लिए सिम्स प्रबंधन ने एक विशेष WhatsApp मॉनिटरिंग ग्रुप बनाया है, जिसे डीन और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट स्वयं देख रहे हैं।
प्रबंधन ने बताया कि रात और छुट्टियों के दिनों में भी सीनियर डॉक्टर अस्पताल का राउंड कर रहे हैं। इस पहल से मरीजों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई (quick response) संभव हो रही है और अव्यवस्थाओं में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है।
96 एयर स्टरलाइजर व HEPA फिल्टर लगाने की प्रक्रिया शुरू
ठंड बढ़ने के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों को 1600 कंबल वितरित किए गए हैं। इसके अलावा अस्पताल में संक्रमण नियंत्रण (infection control) के लिए 96 एयर स्टरलाइज़र और HEPA फिल्टर मशीनें लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
CGMSC की मंजूरी मिलते ही इन मशीनों की स्थापना (machine installation) तेज की जाएगी। मशीनें लगने के बाद मरीजों को अधिक सुरक्षित और स्वच्छ माहौल उपलब्ध होने की उम्मीद है।
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CGMSC ने कहा- 5 बिडर टेंडर में शामिल, 5 कैटेगरी में मशीनें
CGMSC के मैनेजिंग डायरेक्टर की ओर से कोर्ट में बताया गया कि मेडिकल उपकरणों की खरीद (medical equipment procurement) के लिए जारी टेंडर में 5 बिडर शामिल हुए हैं।
मशीनों को कुल 5 कैटेगरी में विभाजित किया गया है।
किसी भी कैटेगरी में कम से कम 3 बिडर होने पर ही टेंडर फाइनल किया जाएगा।
यदि किसी श्रेणी में बिडर की संख्या कम हुई, तो संबंधित कैटेगरी में री-टेंडर जारी किया जाएगा।
तकनीकी मूल्यांकन (technical evaluation) चार से पाँच दिनों में पूरा कर लिया जाएगा और इस महीने में आगे की प्रक्रिया शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
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