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एयरबैग नहीं खुलने पर टोयोटा को करारा झटका: छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग ने 61.46 लाख रुपये मुआवजे देने का दिया आदेश, जानें पूरा मामला

छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग ने इनोवा कार दुर्घटना में एयरबैग न खुलने को गंभीर विनिर्माण दोष मानते हुए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर कंपनी को 61.46 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।

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Harsh Verma
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग ने वाहन सुरक्षा मानकों को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। आयोग ने टोयोटा किर्लोस्कर मोटर कंपनी (Toyota Kirloskar Motor Company) को आदेश दिया है कि वह 61.46 लाख रुपये का भुगतान करे। यह आदेश इनोवा कार (Innova Car) की दुर्घटना के दौरान एयरबैग न खुलने (Airbag Failure) को विनिर्माण दोष (Manufacturing Defect) मानते हुए दिया गया है। यह राशि कोरबा (Korba) निवासी सुमित अग्रवाल (Sumit Agrawal) को दी जाएगी।

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दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए थे अमित अग्रवाल

मामले के अनुसार, सुमित अग्रवाल अपने भाई अमित अग्रवाल (Amit Agrawal) की इनोवा कार से रायपुर (Raipur) से कोरबा (Korba) लौट रहे थे। रास्ते में एक वाहन को बचाने के प्रयास में उनकी कार पलट गई और पेड़ से टकरा गई। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि कार को भारी नुकसान हुआ, लेकिन इसके बावजूद एक भी एयरबैग नहीं खुला।
इस हादसे में अमित अग्रवाल को गंभीर चोटें आईं और उनका इलाज रायपुर और हैदराबाद (Hyderabad) में चला। इलाज पर करीब 36.83 लाख रुपये खर्च हुए।

कैसे शुरू हुआ उपभोक्ता विवाद

जानकारी के मुताबिक, सीतामढ़ी (Sitamarhi) निवासी सुमित अग्रवाल रोड कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं और उनकी अलग-अलग दुकानें भी हैं। वे 22 अप्रैल 2023 को अपने भाई के साथ रायपुर गए थे। 23 अप्रैल 2023 को लौटते समय ग्राम तरदा (Village Tarda) के पास दुर्घटना हुई।

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एयरबैग न खुलने से चोटें बढ़ीं, जिसके बाद सुमित अग्रवाल ने टोयोटा कंपनी (Toyota Company) के खिलाफ कोरबा जिला उपभोक्ता आयोग (Korba District Consumer Forum) में शिकायत दर्ज कराई।

कंपनी और बीमा पक्ष की दलीलें

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जिला आयोग के एकपक्षीय आदेश के खिलाफ टोयोटा कंपनी ने छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग, बिलासपुर (Chhattisgarh State Consumer Commission, Bilaspur) में अपील दायर की।

कंपनी की ओर से अधिवक्ता ओम कुकरेजा (Om Kukreja) ने तर्क दिया कि एयरबैग न खुलने को लेकर कोई स्वतंत्र विशेषज्ञ रिपोर्ट पेश नहीं की गई। वहीं, बीमा कंपनी (Insurance Company) ने बताया कि कार की मरम्मत के लिए डीलर को 12 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।

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राज्य आयोग ने क्यों खारिज की कंपनी की दलीलें

दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद राज्य उपभोक्ता आयोग ने टोयोटा के तर्कों को स्वीकार नहीं किया। आयोग ने सर्वेयर रिपोर्ट (Surveyor Report), कार को हुए नुकसान और अमित अग्रवाल की गंभीर चोटों को आधार बनाते हुए कहा कि इतनी बड़ी दुर्घटना में एक भी एयरबैग का न खुलना सीधे तौर पर विनिर्माण दोष को दर्शाता है।

30 दिनों में भुगतान का आदेश

28 नवंबर 2025 को दिए गए फैसले में आयोग ने टोयोटा कंपनी को निर्देश दिया कि वह 30 दिनों के भीतर—

  • नई इनोवा कार या उसकी कीमत 23.83 लाख रुपये,

  • इलाज पर खर्च 36.53 लाख रुपये,

  • शारीरिक व मानसिक पीड़ा के लिए 1 लाख रुपये,

  • और वाद व्यय के रूप में 10 हजार रुपये
    का भुगतान करे।

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उपभोक्ताओं के लिए अहम संदेश

यह फैसला वाहन सुरक्षा और उपभोक्ता अधिकारों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आयोग ने साफ संदेश दिया है कि सुरक्षा फीचर्स में किसी भी तरह की चूक को गंभीरता से लिया जाएगा और कंपनियों को उसकी जिम्मेदारी उठानी होगी।

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