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छत्तीसगढ़ के मौसम का हाल
CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में बीते तीन से चार दिनों के अंदर मौसम ने अप्रत्याशित करवट ली है। दुर्ग और रायपुर जैसे मैदानी शहरों में न्यूनतम तापमान में 3 से 4 डिग्री तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार यह बदलाव अस्थायी है और अगले 48 घंटों में पारा दोबारा नीचे आने की संभावना है। यह उतार-चढ़ाव स्वास्थ्य के लिहाज से चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अचानक ठंड बढ़ने पर हाइपोथर्मिया खतरा (Hypothermia Risk) तेजी से बढ़ सकता है।
दुर्ग और रायपुर में सबसे ज्यादा बढ़ा पारा
मैदानी इलाकों में दुर्ग पिछले हफ्ते तक सबसे ठंडा शहर था, जहां न्यूनतम तापमान 10°C तक पहुंच गया था। लेकिन पिछले तीन दिनों में यह तापमान बढ़ते-बढ़ते 14.2°C दर्ज हुआ। इसी तरह राजधानी रायपुर में भी न्यूनतम पारा 13°C से बढ़कर 16.4°C तक पहुंच गया।
मौसम वैज्ञानिक (meteorologist) इस बढ़ोतरी को उत्तर भारत में चल रही हवाओं की दिशा में बदलाव से जोड़ रहे हैं, जहां फिलहाल ठंडी उत्तरी हवाएँ कम और गर्म पश्चिमी हवाएँ अधिक सक्रिय हैं।अंबिकापुर में फिलहाल न्यूनतम तापमान 10°C दर्ज किया गया है, जबकि चार दिन पहले यह 6°C तक गिर गया था, जो नवंबर का दशक का सबसे ठंडा रिकॉर्ड (Last 10 Years November Record) था।
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राजधानी समेत कई जिलों में मौसम फिलहाल शुष्क
पिछले 24 घंटों में रायपुर (raipur weather) का अधिकतम तापमान 31.5°C रहा, जबकि बिलासपुर, दुर्ग और जगदलपुर समेत कई इलाकों में पारा 30°C के आसपास दर्ज हुआ। मौसम विभाग के अनुसार राज्यभर में अगले दो दिन बारिश की कोई संभावना नहीं है। लेकिन हवा के पैटर्न के बदलते ही तापमान में 2–3°C तक गिरावट देखी जा सकती है। यह गिरावट रात के तापमान में ज्यादा दिखेगी और सुबह-शाम ठिठुरन बढ़ जाएगी।
रायगढ़ में बढ़ी सर्दी
रायगढ़ में रात के समय ठंड बढ़ने के चलते नगर निगम ने शहर के 9 प्रमुख स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की है। मेडिकल कॉलेज, चक्रधर नगर ऑटो पार्किंग, रामनिवास टॉकीज चौक, रेलवे स्टेशन, जिला अस्पताल और मिनी माता चौक जैसे स्थानों पर लकड़ी रखी गई है, ताकि रात में गुजरने वाले लोगों को राहत मिल सके।
ग्रामीण और जंगल इलाकों- जैसे लैलूंगा, कापू, धरमजयगढ़- में पहाड़ी ठंड इस समय और तीखी महसूस हो रही है, जहां लोग शाम होते ही घरों में दुबक जाते हैं। कई परिवार खेत-खलिहानों में अलाव जलाकर ठंड से बचाव कर रहे हैं।
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अचानक तापमान बढ़ने-घटने से बढ़ा हाइपोथर्मिया का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार जिस तरह पिछले दिनों मौसम गर्म हुआ और अब अचानक ठंड बढ़ने की संभावना है, यह स्थिति हाइपोथर्मिया (Hypothermia) जैसी गंभीर स्थितियों को जन्म दे सकती है। डॉक्टरों का मानना है कि एक बड़ी मोटी परत के बजाय दो–तीन पतली परतों वाले कपड़े ज्यादा गर्माहट देते हैं और शरीर का तापमान स्थिर रखते हैं।
डॉक्टरों ने कहा कि सुबह और देर शाम घर से निकलने से पहले गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए, क्योंकि तापमान में तेज उतार-चढ़ाव शरीर की आंतरिक गर्माहट को प्रभावित करता है।
ठंड से होने वाली समस्याओं में फ्रॉस्टबाइट और हाइपोथर्मिया मुख्य खतरे
मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि छत्तीसगढ़ के कई उत्तरी जिलों में तापमान गिरते ही शीत-दंश (Frostbite) के मामले बढ़ जाते हैं। उंगलियों, पंजों, कान और नाक में झनझनाहट और त्वचा का सफेद या नीला पड़ना इसके शुरुआती लक्षण हैं।
अचानक बेहद गर्म पानी से शरीर को गर्म करने की गलती से बचने की सलाह दी गई है, क्योंकि इससे ऊतक (टिश्यू) को नुकसान हो सकता है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक सावधानी बरतने और शरीर को धीरे-धीरे गर्म करने की सलाह दी है।
अगले तीन दिन मौसम की असल परीक्षा
अगर अगले 48 घंटों में हवा का रुख उत्तरी दिशा की ओर होता है, तो छत्तीसगढ़ में सर्दी एक बार फिर जोर पकड़ लेगी। मौसम विभाग का अनुमान है कि रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर और अंबिकापुर जैसे बड़े जिलों में रात का तापमान एक बार फिर 10°C के आसपास पहुंच सकता है। इसलिए लोगों को फिलहाल ढील नहीं बरतने और रात में कपड़ों की परतें बढ़ाने की सलाह दी गई है।
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