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इमेज AI से जनरेट किया गया है।
Raipur Mosquito Problem: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मच्छरों की समस्या एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। शहर के वामनराव लाखे वार्ड अंतर्गत गोपिया पारा, दंतेश्वरी मंदिर क्षेत्र में रहने वाले दाऊ लाल पटेल को मच्छरों ने काट लिया। युवक को आशंका थी कि कहीं मच्छर डेंगू फैलाने वाला न हो। इसी डर में उसने मच्छरों को मारकर पॉलीथिन में बंद किया और सीधे रायपुर नगर निगम कार्यालय पहुंच गया।
दाऊ लाल पटेल ने बताया कि मच्छर काटने के बाद उन्होंने पास के एक डॉक्टर से संपर्क किया। डॉक्टर ने सलाह दी कि मच्छर की जांच करवा ली जाए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वह डेंगू या मलेरिया फैलाने वाला तो नहीं है। इसके बाद युवक सामाजिक कार्यकर्ता विजय सोना और नगर निगम नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी के साथ स्वास्थ्य अधिकारी से मिलने पहुंचा।
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स्वास्थ्य अधिकारी को दिखाई पॉलीथिन में बंद मच्छर
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युवक ने स्वास्थ्य अधिकारी तृप्ति पाणिग्रही को पॉलीथिन में बंद मच्छर दिखाए और अपनी आशंका जाहिर की। नगर निगम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत मच्छरों की जांच करवाई। मच्छरों को कालीबाड़ी स्थित एंटोमोलॉजिस्ट के पास भेजा गया।
कुछ ही देर में जांच रिपोर्ट सामने आ गई, जिसमें बताया गया कि मच्छर साधारण हैं और वे डेंगू फैलाने वाले नहीं हैं। स्वास्थ्य अधिकारी तृप्ति पाणिग्रही ने बताया कि युवक की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए संबंधित इलाके में एंटी लार्वा छिड़काव और फॉगिंग के निर्देश दिए गए हैं।
मच्छर नियंत्रण व्यवस्था पर सवाल
इस घटना के बाद रायपुर नगर निगम की मच्छर नियंत्रण व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। नगर निगम नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी ने कहा कि रायपुर में मच्छर नियंत्रण की व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है। एक तरफ ‘स्वच्छ रायपुर, सुंदर रायपुर’ के दावे किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ हालात ऐसे हैं कि नागरिकों को खुद मच्छर पकड़कर निगम कार्यालय आना पड़ रहा है।
डेंगू और मलेरिया का डर
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आकाश तिवारी ने बताया कि मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि लोगों में डेंगू और मलेरिया का डर बना हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि इसी क्षेत्र में कुछ साल पहले मच्छर के काटने से एक युवक की मौत तक हो चुकी है। यह स्थिति सिर्फ एक वार्ड की नहीं, बल्कि पूरे रायपुर शहर की है।
रायपुर नगर निगम हर साल मच्छर उन्मूलन के नाम पर लाखों रुपये खर्च करता है, लेकिन खुले नाले और ओपन ड्रेनेज की वजह से समस्या जस की तस बनी हुई है। निचली बस्तियों से लेकर वीआईपी इलाकों तक मच्छरों का आतंक बना हुआ है।
सेंट्रलाइज व्यवस्था पर चर्चा, लेकिन अमल नहीं
डेंगू मच्छरों की रोकथाम के लिए फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव को सेंट्रलाइज करने पर एमआईसी की बैठक में चर्चा हो चुकी है। इसके बावजूद अभी भी यह जिम्मेदारी जोनों के पास ही है, जिससे मुख्यालय को समय पर सही जानकारी नहीं मिल पा रही है।
शहरवासियों का कहना है कि निगम को सिर्फ जांच तक सीमित न रहते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए और प्रभावित इलाकों में नियमित फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से लोगों को राहत मिल सके।
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