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CG Gond Community Conference: राजधानी रायपुर के टिकरापारा स्थित गोंडवाना भवन में शनिवार को आयोजित गोंड युवक-युवती परिचय सम्मेलन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में उन्हें गोंड समाज की पारंपरिक जनजातीय परंपरा के अनुसार तीर-कमान, गमछा और पारंपरिक टोपी पहनाकर स्वागत किया गया। उन्होंने भगवान बूढ़ादेव (Budhadev) की पूजा कर सम्मेलन का विधि-विधान से शुभारंभ किया।
गोंड समाज को 5 लाख रुपये की सहायता राशि
मुख्यमंत्री साय ने मंच से घोषणा की कि गोंड समाज की सामाजिक, सांस्कृतिक और रचनात्मक गतिविधियों को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की ओर से 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इस घोषणा पर समाज के लोगों ने तालियों के साथ स्वागत किया और धन्यवाद दिया।
दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष विकास मरकाम (Vikas Markam) द्वारा लिखित दो महत्वपूर्ण पुस्तकों—
“आदिवासी ऐतिहासिक निरंतरता से वर्तमान चुनौतियों तक”
“विरासत का सम्मान : वैश्विक दृष्टिकोण पर सवाल”
का विमोचन किया।
साय ने कहा कि ये पुस्तकें जनजातीय समाज के इतिहास और उनके मौलिक अधिकारों को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
“गोंड समाज का इतिहास गौरवशाली और प्रेरणादायक”
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गोंड समाज का इतिहास बेहद समृद्ध है और यह समुदाय सदियों से अपनी संस्कृति और परंपराओं को संभालकर चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जनजातीय समाज के कल्याण और उनकी पहचान को विश्व स्तर पर सम्मान दिलाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
साय ने यह भी कहा कि देश के सर्वोच्च पद पर जनजातीय समाज की गौरवपूर्ण उपस्थिति इस सम्मान का प्रतीक है और आदिवासी समाज के आत्मविश्वास को मजबूत करती है।
जनमन और धरती आबा योजना का उल्लेख
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों जनजातीय समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने पीएम जनमन (PM Janman) और प्रधानमंत्री धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना (PM Dharti Aba Gram Utkarsh Yojana) का उल्लेख करते हुए कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों (PVTGs) के उत्थान के लिए व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं।
जनजातीय संग्रहालय का भ्रमण करने की अपील
साय ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से नवा रायपुर स्थित जनजातीय संग्रहालय (Tribal Museum) का भ्रमण करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय में जनजातीय वीरों के संघर्ष, त्याग और सांस्कृतिक धरोहर की सुंदर झलक देखने को मिलती है।
उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की जयंती पर मनाए जाने वाले जनजातीय गौरव दिवस को समाज की विरासत को सम्मान देने वाला एक सशक्त माध्यम बताया।
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