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CG Loco Pilots Protest
CG Loco Pilots Protest: देशभर के हजारों रेल ड्राइवर (Loco Pilots) और सह-चालक आज से 48 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। अखिल भारतीय रेल रनिंग लोको स्टाफ एसोसिएशन (ALRSA) और ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) के आह्वान पर 2 दिसंबर सुबह 10 बजे से 4 दिसंबर सुबह 10 बजे तक यह आंदोलन चलेगा। इस दौरान ड्राइवर अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे, लेकिन बिना भोजन के काम करेंगे।
साथ ही स्थानीय रेलवे लोको लॉबियों के बाहर धरना (Rail strike India) भी देंगे। यह आंदोलन इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पहली बार लोको पायलट इतने बड़े पैमाने पर भूखे रहकर ट्रेन संचालन करेंगे। एसोसिएशन का कहना है कि आवाज उठाए बिना अब मजदूरों की सुनवाई संभव नहीं।
काम के घंटे, आराम, और किलोमीटर अलाउंस पर विवाद
ड्राइवरों की सबसे बड़ी मांग किलोमीटर अलाउंस (Km Allowance hike demand) में 25% बढ़ोतरी की है। 1 जनवरी 2024 से DA (महंगाई भत्ता) 50% होने के बाद सभी कर्मचारियों का यात्रा भत्ता (TA) बढ़ा है, लेकिन लोको पायलटों का अलाउंस नहीं बढ़ाया गया। इससे उनमें गहरा असंतोष है।
इसके अलावा, यूनियन ने कई गंभीर मुद्दे उठाए हैं -
ड्यूटी सीमा 8 घंटे तय करने की मांग
46 घंटे का साप्ताहिक अवकाश
सप्ताह में चार लगातार नाइट ड्यूटी की जगह सिर्फ दो नाइट ड्यूटी
रिक्त पदों को तुरंत भरने की आवश्यकता
किलोमीटर अलाउंस पर 70% आयकर छूट
16 घंटे के दैनिक विश्राम और 30 घंटे के साप्ताहिक रेस्ट की लगातार उपेक्षा
यूनियन का आरोप है कि रेलवे प्रशासन ड्राइवरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी देकर उन्हें असीमित समय तक काम करने को मजबूर करता है, जो उनकी शारीरिक और मानसिक क्षमता पर भारी असर डालता है।
AILRSA ने रेल मंत्री को लिखा पत्र
AILRSA के महासचिव के.सी. जेम्स ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे बोर्ड को लिखे पत्र में कहा कि ड्राइवरों ने हर संकट में रेलवे को संभाला है- बाढ़, आपदा, महामारी- लेकिन अब उनके साथ हो रही उपेक्षा असहनीय हो गई है। "यह आंदोलन किसी तरह की अवज्ञा नहीं, बल्कि न्याय और निष्पक्षता की पुकार है," पत्र में लिखा गया (AILRSA letter)। संगठन ने उम्मीद जताई कि क्षेत्रीय प्रशासन इन मांगों को रेलवे बोर्ड तक पहुंचाएगा और जल्द हल निकाला जाएगा।
रेल संचालन पर प्रभाव की आशंका, रेलवे सतर्क
चूंकि ड्राइवर भूखे रहकर काम करेंगे, इसलिए रेलवे प्रशासन अलर्ट मोड पर है। माना जा रहा है कि कुछ सेक्शनों में ट्रेन संचालन की गति धीमी हो सकती है। कई ज़ोन में आरपीएफ और स्थानीय अधिकारियों की अतिरिक्त तैनाती की गई है ताकि किसी भी स्थिति पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके। संगठन ने साफ कहा है कि जब तक मांगों पर संतोषजनक निर्णय नहीं लिया जाता, आंदोलन आगे भी तेज किया जा सकता है।
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