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Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिला (Janjgir-Champa District) एक गंभीर शैक्षणिक और प्रशासनिक लापरवाही के कारण सुर्खियों में आ गया है। जिले के नवागढ़ विकासखंड (Nawagarh Block) अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चौरभाठा (Government Middle School Chaurbhatha) में मध्याह्न भोजन खाने के बाद 25 बच्चे फूड प्वाइजनिंग (Food Poisoning) के शिकार हो गए। भोजन करते ही बच्चों को उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत शुरू हो गई, जिससे स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
खीर-पूड़ी बनी बीमारियों की वजह
जानकारी के अनुसार, स्कूल में मध्याह्न भोजन योजना (Mid Day Meal Scheme) के तहत राहुल स्व-सहायता समूह (Rahul Self Help Group) द्वारा बच्चों को खीर और पूड़ी परोसी गई थी। नियमों के अनुसार भोजन परोसने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच प्रधानपाठक या शिक्षकों द्वारा की जानी अनिवार्य थी। लेकिन इस मामले में भोजन की जांच किए बिना ही बच्चों को परोस दिया गया, जो सीधे तौर पर गंभीर लापरवाही मानी गई।
भोजन के बाद बिगड़ी हालत, अस्पताल में भर्ती
भोजन करने के कुछ ही समय बाद बच्चों की तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी। स्थिति गंभीर देख शिक्षकों और अभिभावकों ने तुरंत बच्चों को नवागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Centre Nawagarh) में भर्ती कराया।
डॉक्टरों के अनुसार, इनमें से 4 बच्चों की हालत नाजुक बताई गई, जबकि अन्य बच्चों का इलाज जारी रहा। इस घटना ने पूरे इलाके में चिंता और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया।
हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
मामले की गंभीरता को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने स्वतः संज्ञान लिया और स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) से जवाब तलब किया। कोर्ट ने पूछा कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई और बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए।
सरकार का जवाब: प्रधानपाठक निलंबित
हाईकोर्ट में शासन की ओर से पेश जवाब में बताया गया कि मामले में प्रधानपाठक को तत्काल निलंबित (Headmaster Suspended) कर दिया गया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि भविष्य में किसी भी स्थिति में मध्यान्ह भोजन बिना चखे बच्चों को नहीं परोसा जाएगा।
सरकार ने बताया कि 2015 के नियमों (Mid Day Meal Rules 2015) के तहत भोजन की गुणवत्ता जांच की स्पष्ट प्रक्रिया तय है, जिसका सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।
लोक शिक्षण संचालनालय ने दिए निर्देश
शासन ने कोर्ट को यह भी अवगत कराया कि लोक शिक्षण संचालनालय (Directorate of Public Instruction) द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (District Education Officers) को निर्देश जारी किए गए हैं कि मिड-डे मील वितरण में अतिरिक्त सावधानी बरती जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई से पहले शपथ पत्र (Affidavit) दाखिल किया जाए। इसमें यह जानकारी देनी होगी कि बीमार बच्चों की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति क्या है और उनके इलाज में क्या प्रगति हुई है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को निर्धारित की गई है।
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