Advertisment

CG Govt Job Fraud: राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र के नाम पर 55 OBC उम्मीदवारों ने ली सरकारी नौकरी, फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का बड़ा मामला उजागर

बिलासपुर के मस्तूरी में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां बैगा जनजाति के नाम पर OBC समाज के 55 लोगों ने फर्जी ST प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी नौकरी हासिल कर ली।

author-image
Shashank Kumar
CG Govt Job Fraud

CG Govt Job Fraud

CG Govt Job Fraud: बिलासपुर के मस्तूरी तहसील में फर्जी जाति प्रमाण पत्र (Fake Caste Certificate Scam) का एक बड़ा मामला सामने आया है। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा समुदाय का फर्जी ST सर्टिफिकेट बनवाकर OBC समुदाय के 55 लोगों ने सरकारी नौकरी ले ली। यह खुलासा क्षेत्र में हुए सर्वे, दस्तावेज़ों की जांच और स्थानीय संगठनों की शिकायतों के बाद हुआ है।

Advertisment

2015–16 के बैगा सर्वे में यह स्पष्ट हो चुका था कि मस्तूरी क्षेत्र में बैगा समुदाय (Baiga Tribe) के लोग निवासरत ही नहीं हैं। इसके बावजूद कई गांवों में बड़े पैमाने पर ऐसे फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी किए गए, जिनके आधार पर नियुक्तियाँ की गईं। कई मामलों में परिवार के पूर्वजों का रिकॉर्ड OBC (ढीमर) है, जबकि नए प्रमाण पत्र में उम्मीदवार को ST (Baiga) लिखा गया है।

पुराना रिकॉर्ड ढीमर, नया प्रमाण पत्र बैगा

राजस्व रिकॉर्ड, स्कूल दस्तावेज़, निर्वाचन आयोग के कागज़ और भूमि अभिलेखों की पड़ताल से यह स्पष्ट हुआ कि जिन लोगों का जाति प्रमाण पत्र बैगा समुदाय का बनाया गया, उनके परिवार की मूल जाति ढीमर (OBC) है।

● कहीं पिता ढीमर हैं और पुत्र बैगा दर्ज है
● कहीं पत्नी बैगा, जबकि पति ढीमर
● कई मामलों में पूरे परिवार के रिकॉर्ड OBC और नए दस्तावेज़ों में अचानक ST

Advertisment

ये सभी तथ्य बताते हैं कि मस्तूरी में संगठित तरीके से फर्जीजाति प्रमाण पत्र बनवाया गया, जिससे सरकारी नौकरियों (Government Jobs) में गलत लाभ उठाया जा सके।

55 फर्जी नियुक्तियाँ और 250 नए सर्टिफिकेट

शिकायतकर्ताओं का दावा है कि 2023 की सहायक शिक्षक भर्ती में 55 पदों पर ऐसे फर्जी ST सर्टिफिकेट वालों की नियुक्ति हुई। इसके अलावा करीब 250 नए फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जाने की बात भी सामने आई है, जिनका उपयोग भविष्य की भर्तियों (Recruitment 2024–25) में किया जा सकता है (Government Job Fraud)।

कलेक्टर, राज्यपाल और राष्ट्रपति तक पहुंची शिकायतें

सर्व विशेष पिछड़ी जनजाति संघ, बैगा संगठनों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने शिकायत को गंभीर बताते हुए कलेक्टर, राज्यपाल और राष्ट्रपति को पत्र भेजे हैं। सर्व विशेष पिछड़ी जनजाति संघ के अध्यक्ष कामू बैगा ने कहा- “ओबीसी समाज के कई लोगों ने स्वयं को बैगा बताकर प्रमाण पत्र बनवा लिया है और इसी आधार पर नौकरी कर रहे हैं। शिकायतें पहले भी की हैं, जांच होनी चाहिए।”

Advertisment

जांच में चार प्रमाण पत्र मिले फर्जी

मस्तूरी (Masturi Fake Caste Certificate) और आसपास के गांवों के 4 मामलों में पहले भी जांच हुई थी, जिनमें सभी जाति प्रमाण पत्र फर्जी निकले थे। इन प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाए शिक्षकों को सरकार ने बर्खास्त कर दिया था। हालांकि वे बाद में कोर्ट चले गए, जहां मामला अभी विचाराधीन है। साल 25 वर्ष में ऐसे 926 से अधिक फर्जी प्रमाण पत्रों की शिकायतें आ चुकी हैं।

ये भी पढ़ें: CG Land Guidelines Hike Update: अपनी ही सरकार के खिलाफ BJP सांसद बृजमोहन, कहा- सरकार बिना अध्ययन, बिना जनसुनवाई के ले रही फैसले

विधानसभा में भी कहा गया- 'मस्तूरी में बैगा नहीं रहते'

आदिमजाति विभाग के मंत्री ने विधानसभा में बताया था कि मस्तूरी तहसील बैगा निवास क्षेत्र में शामिल नहीं है। बैगा जनजाति मुख्यतः छत्तीसगढ़ के 6–7 जिलों में रहती है। 2011 की जनगणना के अनुसार इनकी आबादी 89,744 है।

Advertisment

CG Govt Job Fraud

प्रशासन का जवाब- जांच जारी

बिलासपुर संभागायुक्त सुनील कुमार जैन ने कहा- “मस्तूरी क्षेत्र में फर्जी बैगा प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी लेने की शिकायतें मिली हैं। संबंधित विभागों को जांच के लिए पत्र भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।”

ये भी पढ़ें:  CG Police Attack FIR: अंबिकापुर में खदान विस्तार को लेकर बड़ा बवाल, पुलिस पर हमले के बाद 150 ग्रामीणों पर FIR, 55 नामजद

बैगा समाज की नाराजगी- 'ये बैगा नहीं'

नागा बैगा जनशक्ति संगठन के अध्यक्ष राम सिंह बैगा ने कहा-  “इनकी संस्कृति, परंपरा और इतिहास बैगा समाज से मेल नहीं खाते। ये ढीमर/केवट समाज के लोग हैं। फर्जी प्रमाण पत्रों की शिकायत हम राज्यपाल और आदिमजाति आयुक्त को कर चुके हैं।”

ढीमर समाज के नेता भरत मटियारा ने कहा- “1949 से पहले कुछ ढीमर लोग बैगा लिखते थे, तो ऐसा पुराना रिकॉर्ड सही हो सकता है। लेकिन इसके बाद का रिकॉर्ड संदिग्ध है और जांच का विषय है। हमारा समाज अब OBC में है।”

ये भी पढ़ें:  Amit Baghel Surrender: मां के निधन के बाद अमित बघेल ने आज थाने में किया सरेंडर, रायपुर कोर्ट में फोर्स तैनात, 12 राज्यों में FIR

क्या होते हैं राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र ?

भारत में किसी भी राष्ट्रपति द्वारा बैगा समुदाय के किसी व्यक्ति को आधिकारिक तौर पर "दत्तक पुत्र" (adopted son) के रूप में गोद नहीं लिया गया है। बल्कि, यह एक प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है जो इस समुदाय के साथ ऐतिहासिक जुड़ाव को दर्शाती है।

यह संदर्भ भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से जुड़ा है, जिन्होंने 1952 में छत्तीसगढ़ की पंडो जनजाति के एक बच्चे बसंत पंडो (Basant Pando) को प्रतीकात्मक रूप से गोद लिया था, और उसी यात्रा के दौरान उन्होंने पूरे पंडो समुदाय को "राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र" की उपाधि दी थी। 

इसी तरह, छत्तीसगढ़ में रहने वाली कुछ विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (Particularly Vulnerable Tribal Groups - PVTGs) जैसे बैगा, पहाड़ी कोरवा, कमार, अबूझमाड़िया और बिरहोर समुदायों को भी अक्सर सरकारी दस्तावेजों और स्थानीय मीडिया में सामूहिक रूप से "राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र" कहा जाता है।

ये भी पढ़ें:  CG Police Recruitment: छत्तीसगढ़ में 526 पुलिस पदों पर सीधी भर्ती शुरू, 4 जिलों के युवाओं के लिए सुनहरा अवसर

FAQs

मस्तूरी में फर्जी बैगा जाति प्रमाण पत्र का मामला क्या है?
बिलासपुर के मस्तूरी तहसील में OBC समुदाय के कई लोगों ने फर्जी तरीके से बैगा (ST) जाति प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी नौकरी हासिल की। जांच में सामने आया कि 55 लोगों ने 2023 की शिक्षक भर्ती में ऐसे फर्जी सर्टिफिकेट का उपयोग किया और करीब 250 नए प्रमाण पत्र भी बनाए गए थे।
बैगा समुदाय को ‘राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र’ क्यों कहा जाता है?
भारत में किसी भी राष्ट्रपति ने आधिकारिक रूप से बैगा समुदाय को गोद नहीं लिया। यह एक प्रतीकात्मक शब्द है। यह अवधारणा 1952 में तब बनी जब राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पंडो जनजाति के बसंत पंडो को प्रतीकात्मक रूप से ‘दत्तक’ घोषित किया था और पंडो समाज को “राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र” कहा था। बैगा समुदाय को भी इसी आधार पर यह उपाधि संदर्भित होती है।
क्या मस्तूरी तहसील में बैगा समुदाय रहता है?
नहीं। विधानसभा में आदिमजाति विभाग के मंत्री ने स्पष्ट कहा था कि मस्तूरी क्षेत्र बैगा निवास क्षेत्र में आता ही नहीं है। 2015–16 के सर्वे ने भी इसकी पुष्टि की थी।

ये भी पढ़ें:  CG Trains Cancelled: छत्तीसगढ़ की 10 ट्रेनें रद्द, रायपुर मंडल में 6 से 8 दिसंबर तक ऑटोमेटिक सिग्नलिंग अपग्रेड, यात्रियों की बढ़ी परेशानी

baiga tribe CG Govt Job Fraud Masturi Fake Caste Certificate
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें