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Amit Baghel Surrender: छत्तीसगढ़ क्रांति सेना (Chhattisgarh Kranti Sena protest) के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल पर कानूनी शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। आपत्तिजनक बयानों से जुड़े मामले में करीब दो महीने से फरार चल रहे बघेल ने आज रायपुर के देवेंद्र नगर पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया है। वह बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ पहुंचे थे। इसलिए रायपुर कोर्ट परिसर और थाने के आसपास सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है।
बघेल की मां के शुक्रवार को निधन के बाद हालात और संवेदनशील हो गए।उनके शव को उनके पैतृक गांव पथरी ले जाया गया है, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा। माना जा रहा है कि सरेंडर के बाद बघेल अपने मातृ-वियोग से जुड़े कारणों का हवाला देकर अस्थायी बेल के लिए न्यायालय में आवेदन कर सकते हैं। इस पूरे मामले को पुलिस “उच्च जोखिम” श्रेणी में देख रही है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी- ‘जुबान पर लगाम रखें’
26 नवंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अमित बघेल को कड़ी फटकार लगाते हुए उनकी अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने साफ कहा था कि जहां-जहां FIR दर्ज है, वहां की कानूनी प्रक्रिया का ईमानदारी से सामना करना होगा। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की- “अपनी जुबान पर लगाम रखें। आपको किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी, कानून अपना काम करेगा।”
इसके बाद से बघेल पर दबाव और बढ़ गया। अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह FIR क्लबिंग या किसी अन्य राहत पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। 24 नवंबर को कोर्ट ने तंज भरे अंदाज में कहा था कि पुलिस आपको अलग- अलग राज्यों में ले जाएगी, पूरे देश की सैर का आनंद लीजिए।
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12 राज्यों में मामले दर्ज, 26 दिनों से फरार
अमित बघेल के खिलाफ छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, सरगुजा, धमतरी, रायगढ़ और जगदलपुर में FIR दर्ज हैं। प्रदेश से बाहर एमपी के इंदौर और ग्वालियर, यूपी के प्रयागराज, महाराष्ट्र, नोएडा सहित कुल 12 राज्यों में उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वे पिछले 26 दिनों से फरार थे और कई बार अपनी लोकेशन बदलते रहे, जिसके कारण गिरफ्तारी अभियान चुनौतीपूर्ण रहा।
कोर्ट परिसर में फोर्स की तैनाती
रायपुर कोर्ट परिसर में पुलिस बल की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात कर दी गई हैं। भारी बैरिकेडिंग, सीसीटीवी मॉनिटरिंग और सुरक्षा जांच बढ़ा दी गई है। पुलिस का कहना है कि सरेंडर की पुष्टि होते ही उन्हें तुरंत हिरासत में लेकर रिमांड प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, कानून-व्यवस्था से छेड़छाड़ की किसी भी कोशिश पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी
सिंधी समाज और अग्रवाल समाज ने किया था प्रदर्शन
पूरा विवाद 27 अक्टूबर को शुरू हुआ था, जब छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ने के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित बघेल ने अग्रसेन महाराज और सिंधी समाज के ईष्ट देवता झूलेलाल को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद अग्रवाल और सिंधी समाज ने राज्यभर ही नहीं, बल्कि देशभर में विरोध प्रदर्शन किए। विरोध की व्यापकता बढ़ने के बाद ही विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ FIR दर्ज होनी शुरू हुई।
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