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छत्तीसगढ़ प्रमोशन न्यूज: प्राचार्यों के बाद अब व्याख्याता और प्रधान पाठकों के पदोन्नति की तैयारी, शिक्षकों को मिल सकती है बड़ी राहत

छत्तीसगढ़ में प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब व्याख्याता और प्रधान पाठक पदों पर पदोन्नति की तैयारी शुरू हो गई है। शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग से लंबित पदोन्नति, टीईटी अनिवार्यता और पेंशन संबंधी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की है।

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Shashank Kumar
CG Teacher Promotion News

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CG Teacher Promotion News 2025: छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग से जुड़े हजारों शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है। करीब 12 वर्षों से लंबित प्राचार्य पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब राज्य सरकार ने व्याख्याता और प्रधान पाठक पदों पर पदोन्नति की दिशा में तैयारी शुरू कर दी है। सरकार इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर रही है, जिससे लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों को आगे बढ़ने का अवसर मिल सके।

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शिक्षक संघ ने शिक्षा अधिकारियों से की अहम बैठक

मंगलवार को छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों से मुलाकात की। उप संचालक लोक शिक्षण आशुतोष चावरे, उप संचालक ए.एन. बंजारा, सहायक संचालक एच.सी. दिलावर और ए.डी. कुर्रे के साथ हुई इस बैठक में पदोन्नति से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने प्राचार्य के शेष रिक्त पदों के साथ-साथ व्याख्याता और प्रधान पाठक सहित सभी संवर्गों की लंबित पदोन्नति प्रक्रिया जल्द पूरी करने की मांग रखी।

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टीईटी अनिवार्यता को लेकर शिक्षकों में असमंजस

बैठक के दौरान शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर भी गहन चर्चा हुई। शिक्षक संघ ने बताया कि 17 अगस्त 2012 से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के 1 सितंबर 2025 के निर्णय के अनुसार पांच वर्ष से अधिक सेवा वाले शिक्षकों के लिए टीईटी को अनिवार्य कर दिया गया है। इस निर्णय से बड़ी संख्या में सेवारत शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं, जिनकी नियुक्ति टीईटी लागू होने से पहले हुई थी।

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सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका की मांग

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने राज्य शासन से मांग की है कि 2012 से पहले नियुक्त शिक्षकों के हित में सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप अथवा पुनर्विचार याचिका दायर की जाए। संघ का कहना है कि टीईटी को पिछली तिथि से लागू करना शिक्षकों के साथ अन्याय है और इससे उनके करियर और पदोन्नति पर सीधा असर पड़ रहा है।

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पेंशन और क्रमोन्नति जैसे मुद्दे भी उठे

बैठक में शिक्षकों से जुड़े अन्य लंबित मुद्दों पर भी ध्यान दिलाया गया। संघ ने पेंशन प्रकरणों, क्रमोन्नति लाभ और अन्य प्रशासनिक अड़चनों को शीघ्र सुलझाने की मांग की। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सभी बिंदुओं पर विचार करने और नियमों के दायरे में समाधान निकालने का आश्वासन दिया है।

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प्राचार्य पदोन्नति के बाद व्याख्याता और प्रधान पाठक पदों पर प्रक्रिया शुरू होने की तैयारी से शिक्षक समुदाय में नई उम्मीद जगी है। अब सभी की निगाहें सरकार और शिक्षा विभाग पर टिकी हैं कि यह कार्ययोजना कब तक जमीन पर उतरती है और वर्षों से इंतजार कर रहे शिक्षकों को वास्तविक राहत कब मिलती है।

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